केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार को पुलिस ने तब हिरासत (Sukanta Majumder Detained) में लिया था, जब वो पश्चिम बंगाल में एक अप्रवासी डॉक्टर से मिलने की कोशिश कर रहे थे. मजूमदार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वो जिस डॉक्टर से मिलने जा रहे थे, उनका नाम डॉ. रजत सुभ्रा बनर्जी है. इस साल की शुरुआत में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इंग्लैण्ड के केलॉग कॉलेज की यात्रा के दौरान प्रोटेस्ट किया था.
ममता से इंग्लैंड में सवाल पूछने वाले डॉक्टर से मिलने गए थे केंद्रीय मंत्री, पुलिस ने हिरासत में लिया
मार्च महीने में Mamata Banerjee अपनी 8 दिनों की यात्रा के लिए इंग्लैण्ड पहुंची थीं. इसी दौरान वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में भाषण देने गई थीं. उनके भाषण के बीच में दर्शकों के एक समूह ने प्रोटेस्ट किया था.

दरअसल, इसी साल मार्च महीने में ममता बनर्जी अपनी 8 दिनों की यात्रा के लिए इंग्लैण्ड गई थीं. इसी दौरान वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में भाषण देने गईं. उनके भाषण के बीच में दर्शकों के एक समूह ने प्रोटेस्ट किया. उनके हाथ में पोस्टर थे. उन्होंने सीएम बनर्जी से कई मुद्दों पर सवाल पूछे, जिनमें आरजीकर मेडिकल कॉलेज रेप और मर्डर केस से जुड़े सवाल थे. साथ ही उनसे राज्य से पूंजी के पलायन के बारे में सवाल पूछे गए, जैसे सिंगुर से टाटा मोटर्स का बाहर जाना.
डॉ. रजत भी इस सूमह का हिस्सा थे. उन्होंने आरोप लगाया है कि इंग्लैण्ड से वापस लौटने के बाद से ही कुछ लोग उनको निशाना बना रहे थे.
इसके बाद आई 20 जून की तारीख. सुकांत मजूमदार, डॉ. रजत से मिलने उनके घर जाना चाहते थे. लेकिन भवानीपुर में हरीश मुखर्जी रोड पर उनकी गाड़ी को रोक दिया गया. द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां BJP समर्थकों और मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ थी. मौके पर अफरातफरी की स्थिति बन गई. तब तक रजत भी अपने आवास से निकलकर मौके पर आ गए.
इसके बाद पुलिस ने मजूमदार और रजत, दोनों को हिरासत में ले लिया. उन्हें पुलिस की गाड़ी में लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. हिरासत में लिए जाने के बाद मजूमदार ने कहा,
डॉ. रजत का घर 186सी हरीश मुखर्जी रोड पर है, जो तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता अभिषेक बनर्जी के आवास से सटा हुआ है. डॉक्टर ने केलॉग कॉलेज की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री से कुछ सवाल पूछे थे. कोलकाता लौटने के बाद से, कुछ माफिया जैसे डॉक्टर और पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं.
उन्होंने मुझे चाय पर बुलाया था. लेकिन पुलिस ने मेरी गाड़ी नहीं जाने दी और घंटों तक सड़क जाम करके रखा.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीधे ममता बनर्जी के आदेश पर मुझे रोकने का काम किया. ये न केवल अपमानजनक है बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र में मिले मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है.
रिहाई के बाद डॉ रजत ने पत्रकारों से कहा कि उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट और वो भारत के प्रवासी नागरिक हैं. वो पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे क्योंकि उन पर शारीरिक रूप से हमला किया गया है. उन्होंने आगे कहा,
मेरा घर अभिषेक बनर्जी के घर के पीछे है. इसलिए हमें अंदर नहीं जाने दिया गया. मैं 25 साल से विदेश में रह रहा हूं और मैंने कभी भी ऐसा कुछ होते नहीं देखा. जब उन्होंने मुझे पुलिस की गाड़ी में डाला, तो मैं घबरा गया. उन्होंने ऐसा बर्ताव किया जैसे मैं कोई चोर हूं. मैं बस एक दोस्त से मिलना चाहता था. सीएम ममता बनर्जी सवाल पूछने के कारण मुझे निशाना बनाया जा रहा है.
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TMC ने क्या कहा?इस घटनाक्रम पर TMC के प्रवक्ता कुणाल घोष की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है,
हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं. अगर ऐसा नहीं होता, तो मैं मांग करता कि उन्हें बंगाल से बाहर निकाल दिया जाए. मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान उन्हें बीच में रोकना असहमति नहीं कहा जा सकता, ये असभ्य व्यवहार है. डॉक्टर ने बदतमिजी की. उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए. सुकांत मजूमदार के साथ उनकी दोस्ती साबित करती है कि ये तथाकथित प्रदर्शनकारी राम-बाम दलाल (भाजपा-वामपंथी दलाल) हैं.
घोष ने आगे कहा कि डॉ. रजत को केलॉग कॉलेज में सवाल पूछने के लिए इंतजार करना चाहिए था. उन्हें सीएम के संबोधन के खत्म होने के बाद सवाल पूछना चाहिए था. घोष ने कहा कि डॉ. रजत को मुख्यमंत्री के भाषण को बाधित नहीं करना चाहिए था.
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