बिहार के गोपालगंज जिले में शराब तस्करों के हमले में एक होमगार्ड जवान की मौत हो गई. जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया. दोनों जवान उत्तर प्रदेश से बिहार में होने वाली शराब तस्करी को नाकाम करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन तभी तस्करों ने उन पर हमला कर दिया.
बिहार में शराब तस्करों ने होमगार्ड के सिर में गोली मारी, एक जवान घायल
Bihar Liquor Smugglers Attack: बदमाश UP से बिहार शराब की तस्करी कर रहे थे. आबकारी विभाग उन्हें रोकने की कोशिश में खड़ा था. लेकिन वो अपनी कोशिश में सफल नहीं हो पाए. बदमाश फरार हो गए.

घटना आज, 16 अगस्त को तड़के करीब साढ़े चार बजे विशंभरपुर थाना के सिपाया इंजीनियरिंग कॉलेज के पास हुई. मृतक होमगार्ड जवान की पहचान अभिषेक कुमार शर्मा के रूप में हुई है. हिंदुस्तान टाइम्स के इनपुट के मुताबिक, आबकारी विभाग को खुफिया सूचना मिली थी कि एक ग्रुप उत्तर प्रदेश से कार में अवैध शराब की तस्करी करने वाला है.
ऐसे में आबकारी विभाग की पांच सदस्यीय टीम विश्वम्भरपुर थाना क्षेत्र के बलथरी चेक पोस्ट पर तैनात की गई. ताकि तस्करी की कोशिश को रोका जा सके. टीम ने सुबह करीब 4.15 बजे एक संदिग्ध कार देखी. एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि जब कार को रुकने के लिए कहा गया, तो ड्राइवर ने कार की गति बढ़ा दी.
आबकारी टीम ने पीछा करके सिपाया इंजीनियरिंग कॉलेज के पास कार को रोक लिया. लेकिन कार में बैठे बदमाशों ने फायरिंग कर दी. इस दौरान अभिषेक कुमार शर्मा और एक अन्य कांस्टेबल को सिर में गोली लगी. उन्हें गोपालगंज सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां अभिषेक को मृत घोषित कर दिया गया. इधर आरोपी कार लेकर फरार हो गए.
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आजतक से जुड़े सुनील कुमार तिवारी के इनपुट के मुताबिक, घटना की सूचना पर मद्य निषेध अधीक्षक अमृतेश कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि शराब तस्करों का पीछा करते समय हादसा हुआ. जिसमें होमगार्ड जवान अभिषेक कुमार शर्मा की मौत हुई. फिलहाल पुलिस टीम पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
मृतक जवान अभिषेक के परिवार वालों का कहना है कि शराब तस्करों ने साजिश के तहत हमला किया और अभिषेक के सिर के पिछले हिस्से में वार किया है. अभिषेक के भाई अमरेंद्र शर्मा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक (SP) अवधेश दीक्षित ने कहा कि कार में मौजूद आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. उनकी तलाश के लिए पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है.
बताते चलें, बिहार में बीते 9 सालों से शराबबंदी लागू है. इस साल के अंत में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं.
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