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'भारत ने शेख हसीना को नहीं सौंपा तो दुश्मनी होगी,' दिल्ली ने क्या जवाब दिया?

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि पर 28 जनवरी 2013 को मुहर लगी थी. इसी का हवाला देकर बांग्लादेश ने पूर्व PM शेख हसीना को सौंपने की मांग की है.

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पूर्व PM शेख हसीना पिछले साल हिंसक छात्र प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भारत आ गई थीं. (फोटो- X)

बांग्लादेश ने सोमवार, 17 नवंबर 2025 को भारत सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को सौंपने की मांग की. दोनों को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी माना है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ढाका का कहना है कि भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के तहत नई दिल्ली ऐसा करने के लिए बाध्य है. हसीना पिछले साल हिंसक छात्र प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भारत आ गई थीं. तब से वो भारत में शरण लिए हुए हैं. बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा,

“आज के फैसले में इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना और असदुज्जमां खान कमाल को जुलाई 2024 नरसंहार के लिए दोषी ठहराया और सजा सुनाई है. मानवता के खिलाफ अपराध के दोषियों को कोई भी देश शरण दे तो ये दोस्ती के खिलाफ गंभीर कृत्य और न्याय का मजाक होगा. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि इन दोनों दोषियों को फौरन बांग्लादेशी अथॉरिटी के हवाले किया जाए. दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत ये भारत का भी दायित्व है.”

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बांग्लादेश विदेश मंत्रालय का पोस्ट.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा,

“हम भारत को एक बार फिर पत्र लिखेंगे और शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे. अगर भारत इस सामूहिक हत्यारन को शरण देता रहा, तो भारत को ये समझ लेना चाहिए कि ये बांग्लादेश और उसके लोगों के खिलाफ खुले तौर पर दुश्मनी का काम होगा. आज इंसाफ हुआ है और ये प्रक्रिया बिना रुके जारी रहेगी.”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

बांग्लादेश की मांग पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा,

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“भारत को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दिए गए फैसले की जानकारी है. हम बांग्लादेश के पड़ोसी के तौर पर वहां के लोगों के हितों के लिए प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. खासकर शांति, लोकतंत्र और वहां की स्थिरता को लेकर.”

Blue-bordered document with the Ministry of External Affairs Government of India logo at the top featuring the Ashoka Chakra emblem. Title reads STATEMENT in bold centered text. Body text details Indias note on the verdict by the International Crimes Tribunal of Bangladesh concerning former Prime Minister Sheikh Hasina and commitment to democracy inclusion and stability with constructive engagement. Footer includes date 17 November 2025.
विदेश मंत्रालय का बयान.
प्रत्यर्पण संधि

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि पर 28 जनवरी 2013 को मुहर लगी थी. इस संधि का मकसद था-

- दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाना.
- ये सुनिश्चित करना कि एक-दूसरे के देश में किसी अपराधी को पनाह न मिले.
- सीमा-पार अपराधों और आतंकवाद पर लगाम लगाना.

यानी, अगर कोई अपराधी भारत से भागकर बांग्लादेश जाए या बांग्लादेश से भारत आए, तो दोनों देश एक-दूसरे को आरोपी को सौंपने (extradition) के लिए बाध्य हैं. 

वीडियो: शेख हसीना पर फैसले से पहले ढाका में आगजनी, हसीना के बेटे ने क्या चेतावनी दी?

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