ऑस्ट्रेलिया की एक महिला सांसद के भारत के बारे में आपत्तिजनक बयान देने से विवाद हो गया है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस विपक्षी सांसद से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सीनेटर की टिप्पणी से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों को ठेस पहुंची है.
ऑस्ट्रेलिया की सांसद ने भारतीयों पर क्या कहा कि सीधा पीएम ने माफी मांगने को कह दिया?
दक्षिण पंथी लिबरल पार्टी की सीनेटर जसिंटा नम्पिजिनपा प्राइस ने हाल ही में एक रेडियो इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आने वाले और वहां रह रहे भारतीयों के बारे में काफी कुछ कहा था.


दक्षिण पंथी लिबरल पार्टी की सीनेटर जसिंटा नम्पिजिनपा प्राइस ने हाल ही में एक रेडियो इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने कहा था कि बड़ी संख्या में भारतीयों को देश में आने की अनुमति दी गई है ताकि वे वामपंथी लेबर पार्टी को वोट दें. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय समुदाय की संख्या बढ़ने से लोग लेबर पार्टी के पक्ष में मतदान करते हैं.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइस की इस टिप्पणी से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय समुदाय में नाराजगी देखने को मिली. यहां तक कि उनकी अपनी पार्टी के भीतर से भी माफी की मांग उठने लगी. मंगलवार, 9 सितंबर को पीएम अल्बनीज ने सरकारी टीवी चैनल ABC से बातचीत में कहा, "भारतीय समुदाय के लोग आहत हैं. सीनेटर की बातें सच नहीं हैं. उनकी बातों से उन्हें ठेस पहुंची है. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. उनकी पार्टी के लोग भी ऐसा ही कह रहे हैं."
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया में करीब 8 लाख 45 हजार 800 भारतीय मूल के लोग रह रहे थे. इसके अलावा भी लाखों ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ऐसे हैं जो खुद को भारतीय मूल का बताते हैं.
ऐसे में जसिंटा के बयान को गंभीरता से लेते हुए न्यू साउथ वेल्स (NSW) की राज्य सरकार ने कई सामुदायिक संगठनों के साथ बैठक की. इसमें बढ़ती ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय विरोधी भावना पर चर्चा की गई. वहीं राज्य के प्रीमियर यानी मुख्यमंत्री क्रिस मिन्न्स ने कहा, "आज हम ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदाय के साथ खड़े हैं. बीते कुछ दिनों से नस्लवादी बयानबाजी (Racist rhetoric) और विभाजनकारी (Divisiveness) झूठे दावे किए गए. उनके लिए हमारे राज्य या देश में कोई स्थान नहीं है."
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