भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा पंजाब में हालात बेहद खराब हैं. बीते एक महीने में पंजाब में बाढ़ से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और ढाई लाख से ज्यादा इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं. राज्य में हालात कितने बिगड़ गए हैं, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि SCO समिट से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली उतरते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान को मिलने के लिए बुलाया.
चीन से लौटते ही पीएम मोदी ने सीएम भगवंत मान को दिल्ली क्यों बुलाया?
पीएम के बुलावे से पहले ही सीएम मान केंद्र सरकार से फंड की मांग कर चुके हैं. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक भगवंत मान ने 1 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य का 60,000 करोड़ रुपये का बकाया फंड जारी करने की मांग की थी.
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पीएम के बुलावे से पहले ही सीएम मान केंद्र सरकार से फंड की मांग कर चुके हैं. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक भगवंत मान ने 1 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य का 60,000 करोड़ रुपये का बकाया फंड जारी करने की मांग की थी.
पंजाब की जानलेवा बाढ़आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 1 अगस्त से बाढ़ ने पंजाब को अपने चंगुल में लेना शुरू किया. भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं. नतीजतन, पंजाब बाढ़ की चमेट में आ गया. राज्य के 23 में से 12 ज़िले बुरी तरफ प्रभावित हैं. तिस पर राज्य के कई हिस्सों में हुई तेज़ बारिश से हालात और बिगड़ गए. राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ त्रासदी बताया है.
इस बाढ़ से सबसे ज्यादा मौतें पठानकोट में दर्ज हुईं. यहां 6 लोगों की मौत हो गई है. 3 लोग लापता हैं. इसके अलावा अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मंसा और रूपनगर से तीन-तीन लोगों की मौत की खबर है. बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर से एक-एक मौत दर्ज की गई है.
पंजाब का ग्रामीण इलाका इस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा गुरदासपुर में 320 से ज्यादा, तो कपूरथला में 100 से ज्यादा गांव डूबे हुए हैं. अमृतसर के 88, बरनाला के 24, फाज़िल्का के 72, फिरोज़पुर में 76, होशियारपुर में 94, जालंधर में 55, मंसा के 77, मोगा के 39, पठानकोट के 82 और मोहाली का एक गांव बाढ़ से घिरा हुआ है. खबर लिखे जाने तक कुल 2 लाख 56 हजार 107 लोग प्रभावित हुए हैं. इनमें से अब तक 15 हजार 688 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है.
नुकसान की बात करें तो कुल 96,061 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ में डूब गई है. पशुधन और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, सटीक आंकड़े ‘पानी में उतरने’ के बाद ही सामने आएंगे.
राहत बचाव कार्य के लिए अलग-अलग स्तर पर टीमें जुटी हुई हैं. पूरे राज्य का प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और पंजाब पुलिस लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं. रिपोर्ट के मुताबकि NDRF की 20 टीमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोज़पुर, फाज़िल्का और बठिंडा ज़िलों में काम कर रही हैं.
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