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गांव तक सड़क नहीं थी, टोकरी में प्रेगनेंट महिला को एंबुलेंस तक ले गए घरवाले, वीडियो वायरल

Ambikapur Pregnant Woman Basket News: 102 नंबर पर कॉल कर बताया गया कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है. ख़बर मिलने के बाद एंबुलेंस कुर्मेन गांव के बाहरी छोर तक तो आई. लेकिन महिला के घर बरढ़ोंड़गा पारा तक नहीं पहुंच पाई.

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टोकरी में महिला को एंबुलेंस तक ले जाते लोग. (फ़ोटो - आजतक)
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सुमित सिंह

“इन्हीं पत्थरों पे चलकर, तुम मेरे पास आना. मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशां नहीं है.” मगर छत्तीसगढ़ के सरगुजा की रहने वाली ‘बिनी’ के घर तक पहुंचने के लिए कहकशां तो छोड़िए रास्ता ही नहीं है. तभी तो जब अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल जाने की नौबत आई तो ‘बिनी’  को टोकरी में रखकर गांव के बाहर खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ा. क्योंकि एंबुलेंस को ‘बिनी’ के घर पहुंचने के लिए जिस रास्ते की दरकार थी, उसका दूर दूर तक अता पता नहीं.

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कुछ लोग गर्भवती महिला को टोकरी में रखकर एंबुलेंस तक ले जा रहे हैं. बताया गया कि महिला के घर तक सड़क नहीं थी. इसलिए उसे एंबुलेंस तक ले जाने के लिए टोकरी में रखना पड़ा (Pregnant Woman Carried in Basket Chhattisgarh). इस पूरी घटना का सुखद पहलू ये रहा कि महिला ने बच्चे को जन्म दिया. मां और बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं. बावजूद इसके लोग ‘सिस्टम की इस कमी’ को लेकर सवाल उठा रहे हैं. घटना थोड़ी पुरानी है, मगर इसका वीडियो इन दिनों वायरल है.

महिला लखनपुर विकासखंड के तीरकेला कुर्मेन गांव की हैं. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, इस गांव के बरढ़ोंड़गा पारा (मोहल्ले) तक सड़क नहीं है. ऐसे में 30 नवंबर की दोपहर लगभग 2 बजे गांव के लोगों ने एंबुलेंस को फ़ोन कर बताया कि बिनी मझवार नाम की महिला गर्भवती हैं. बताया गया कि उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है. ख़बर मिलने के बाद एंबुलेंस कुर्मेन गांव के बाहरी छोर तक तो आई. लेकिन महिला के घर बरढ़ोंड़गा पारा तक नहीं पहुंच पाई.

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ऐसे में बिनी को उनके घर में रखी एक झेलगी (टोकरी का छत्तीसगढ़ी नाम, जिसमें सामान ढोया जाता है.) से उठाया गया और एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. वायरल वीडियो में एक महिला छत्तीसगढ़ी भाषा में कहती दिख रही हैं- ‘गांव के बाहर ही गाड़ी (102 नंबर वाली) खड़ी है. आम के पेड़ ने उसे अंदर आने से रोक दिया. इसीलिए वो नहीं आ पाया. ’ बता दें, 102 भारत में राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा (NAS) के लिए इमरजेंसी नंबर है.

इस घटना का वीडियो अब वायरल है. लोग इस वीडियो को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. रिपार्ट्स के मुताबिक़, ग्रामीण पहले भी गांव के सरपंच से सड़क की मरम्मत कराने की मांग कर चुके हैं. लेकिन आरोप है कि उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. गांववालों ने इसे लेकर ग़ुस्सा जताया है और अधिकारियों से भी सड़क बनाने की मांग की है. बहरहाल, बाद में ख़बर आई कि महिला को कुन्नी अस्पताल पहुंचाया गया. गर्भवती महिला बिनी की डिलीवरी कराई गई और डिलीवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

इसे लेकर अंबिकापुर मेडिकर कॉलेज के टीकाकरण अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस मुख्य मार्ग तक पहुंच गई थी. लेकिन बताया जा रहा है कि मुख्य मार्ग तक महिला के टोकरी से पहुंचाया गया. ये सोचने का विषय है. उनका कहना है,

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चूंकि छत्तीसगढ़ में भौगोलिक विविधता काफ़ी है. ऐसे में ये संभव नहीं है कि जब तक सड़क चौड़ी ना हो, एंबुलेंस घरों तक पहुंचे. ऐसे जगहों से कैसे मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि ऐसे मामले संवेदनशील होते हैं. इसलिए घरों तक एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए क्या किया जाए, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

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