लल्लनटॉप बैठकी के इस एपिसोड में हमारे मेहमान हैं मुख्तियार अली. भारत–पाकिस्तान की सरहद से आने वाले लोकगायक, जिनकी आवाज़ में सदियों पुरानी सूफ़ी परंपराओं का जादू बसता है.अपने गांव में भेड़ चराने से लेकर यूरोप के मंचों पर गाने तक की अपनी कमाल सफर की दास्तान बता गए. वे मशहूर फ़िल्म हद अनहद के बनने की कहानी भी सुनाते हैं और बताते हैं कि कैसे संगीत ने उनके लिए सरहदें मिटाईं और दिलों को जोड़ा. अपनी मोहक धुनों से मुख्तियार अली ने बैठकी को एक सच्ची महफ़िल में बदल दिया, जहां कबीर की वाणी, प्रेम और अनंत राग गूंजते हैं. क्या बातें हुईं उनसे, जानने के लिए देखें बैठकी का ये एपिसोड.
बैठकी: भेड़ चराने से यूरोप तक, सूफ़ी सिंगर Mukhtiyar Ali ने कमाल का समा बांध दिया
अपनी मोहक धुनों से मुख्तियार अली ने बैठकी को एक सच्ची महफ़िल में बदल दिया.
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