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सरकारी अस्पताल में गैंग्स ऑफ वासेपुर की 'झलक', मोबाइल टॉर्च की रौशनी में हुई महिला की डिलीवरी

Bilaspur Pregnant Woman Operation: अधिकारी के मुताबिक, डिलीवरी रूम में मौजूद इनवर्टर का बिजली कनेक्शन भी कटा हुआ था. ऐसे में डॉक्टर्स ने मोबाइल टॉर्च की लाइट में डिलीवरी कराई. मां और नवजात बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं. डॉ. सुभा गरेवाल ने आगे कहा- ‘इसमें हमारे विभाग की कोई गलती नहीं है.’

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बिलासपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई इस घटना का वीडियो वायरल है. (फोटो- आजतक)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में करानी पड़ी. क्योंकि ऑपरेशन के वक्त अस्पताल में बिजली नहीं थी. घटना का वीडियो वायरल हुआ, तो अधिकारियों से सवाल पूछे गए. जवाब में एक अधिकारी ने पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए.

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घटना बिलासपुर के तखतपुर इलाके में मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार, 17 अगस्त को हुई. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ तो बवाल मच गया. ऐसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. सुभा गरेवाल की मामले में प्रतिक्रिया आई.

आजतक से जुड़े मनीष सहारन की खबर के मुताबिक, डॉ. सुभा गरेवाल ने बताया कि उस अस्पताल में लंबे समय से अच्छा काम हो रहा है. लेकिन 17 अगस्त को इस वीडियो से पता चला कि तब अस्पताल में बिजली नहीं थी. उन्होंने आगे बताया कि बिजली सुबह से ही कटी हुई थी. इसकी शिकायत वहां मौजूद डॉक्टर्स ने बिजली विभाग को दी. लेकिन उसके बाद भी समस्या लगातार बनी रही.

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डॉ. सुभा गरेवाल के मुताबिक, डिलीवरी रूम में मौजूद इनवर्टर का बिजली कनेक्शन भी कटा हुआ था. ऐसे में डॉक्टर्स ने मोबाइल टॉर्च की लाइट में डिलीवरी कराई. मां और नवजात बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं. डॉ. सुभा गरेवाल ने आगे कहा- ‘इसमें हमारे विभाग की कोई गलती नहीं है.’

रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. सुभा गरेवाल ने आगे कहा,

बिजली की समस्या तो इन दिनों पूरे प्रदेश में बनी हुई है. ऐसी स्थिति में इसे मुद्दा बनाना ठीक नहीं होगा. सरकारी अस्पतालों में सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाती हैं. जैसा वीडियो में दिख रहा है कि यहां महिलाएं पहुंचती हैं, गर्भवती महिलाओं को उपचार भी मिलता है. किसी तरह के इमरजेंसी में अगर मोबाइल फोन के फ्लैशलाइट का इस्तेमाल किया गया है, तो ये परिस्थितिजन्य है. ये कोई बड़ी बात नहीं है.

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ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में बिजली गुल

बीते महीने उत्तर प्रदेश में बिजली गुल होने की एक घटना ने खूब सुर्खियां बटोरीं. मुरादाबाद में यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (A.K. Sharma) का एक कार्यक्रम चल रहा था. कार्यक्रम के बीच में ही 10 मिनट के लिए बिजली गुल हो गई. चूंकि कार्यक्रम ऊर्जा मंत्री का था, इसलिए शासन ने इस तकनीकी चूक को बेहद गंभीरता से लिया और 5 सीनियर अधिकारियों को निलंबन की चिट्ठी पकड़ा दी.

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