भारतीय सेना का कथित तौर पर अपमान करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगा दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच में इंडियन आर्मी को बदनाम करने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी सैनिक भारतीय सेना के जवानों को ‘पीटते’ हैं. राहुल के इस बयान को भारतीय सेना का 'अपमान' बताते हुए उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत में मानहानि का केस दर्ज किया गया था.
इलाहाबाद HC ने राहुल गांधी को फटकार लगाई, कहा- 'बोलने की आजादी में सेना का अपमान नहीं आता'
भारतीय सेना का कथित तौर पर अपमान करने के मामले में राहुल गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 19(1)(A) सेना के अपमान की इजाजत नहीं देता.
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मामले में स्थानीय अदालत की ओर से जारी समन रद्द करने की राहुल गांधी की अपील बीते दिनों हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. इसके आदेश की प्रति बुधवार 4 जून को जारी की गई. इस आदेश में कोर्ट ने कहा,
इसमें कोई संदेह नहीं कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है. इसमें भारतीय सेना के लिए अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है.
कांग्रेस के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर सेना को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था,
चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय इलाके पर कब्जा कर लिया और 20 भारतीय सैनिकों को मार डाला. अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई की, लेकिन भारतीय प्रेस ने पीएम मोदी से इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछा.
इस बयान के बाद उदय शंकर श्रीवास्तव नाम के शख्स ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. 11 फरवरी 2025 को एसीजेएम तृतीय की कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी कर उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहा. राहुल इस समन को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गए.
27 मई को राहुल की ओर से समन रद्द करने की अपील करते हुए हाई कोर्ट में याचिका डाली गई. 29 मई को 25 पन्नों का आदेश जारी करते हुए हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी खारिज कर दी. हाई कोर्ट ने साफ कहा कि निचली अदालत की ओर से जारी समन कानूनी तौर पर सही है. इसमें किसी भी प्रकार के स्टे की जरूरत नहीं है.
इसी बीच वादी उदय शंकर श्रीवास्तव ने अपने वकील के जरिए कोर्ट से अपील की कि राहुल गांधी बार-बार समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाए. हालांकि, एसीजेएम कोर्ट ने इस अपील को नहीं माना और राहुल गांधी को एक और मौका देते हुए उन्हें 23 जून 2025 को कोर्ट में बतौर आरोपी मौजूद होने का एक और मौका दिया है.
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