‘हमारा काम दुश्मनों के ठिकानों पर वार करना है, लाशें गिनना उनका काम है’. ‘भय बिनु होई न प्रीति’. ये शब्द डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशन्स (DGAO) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती के हैं. जिनका नाम हर भारतीय की ज़ुबान पर है. सीजफायर की घोषणा के एक दिन बाद 11 मई को हुई भारतीय सशस्त्र बलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उन्होंने सबका ध्यान खींचा है. एयर मार्शल एके भारती (Air Marshal A K Bharti) बिहार के पूर्णिया (Bihar Purnia) जिले के रहने वाले हैं. एक इंटरव्यू में उनकी मां ने उन पर गर्व जताते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि किसके बेटे, किसके पोते ने देश को गौरवान्वित किया है.
एयर मार्शल एके भारती की मां ने कहा, 'दुनिया जानती है किसके बेटे ने भारत को गौरवान्वित किया'
Air Marshal A K Bharti बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं. वो बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. एक इंटरव्यू में एके भारती की मां Urmila Devi ने उनकी जमकर तारीफ की है.

एयर मार्शल एके भारती एक सामान्य परिवार से आते हैं. उनके पिता जीवछ लाल यादव सिंचाई विभाग के रिटायर्ड क्लर्क हैं. उनकी मां उर्मिला देवी ने एक इंटरव्यू में बताया कि अपने दादा का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने बचपन से ही हवाई जहाज उड़ाने की जिद पाल ली थी. उन्होंने आगे बताया,
वे (एके भारती) बचपन से वायुसेना में जाना चाहते थे. और उन्होंने अपना सपना सच कर दिखाया. मुझे कितना गर्व है, यह दुनिया को देखना है. मैं खुश हूं. दुनिया जानती है कि किसके बेटे, किसके पोते ने देश को गौरवान्वित किया है.
एयर मार्शल एके भारती के पिता जीवछ लाल यादव ने बताया कि उन्हें ऑपरेशन सिंदूर में अपने बेटे की भूमिका के बारे में तब पता लगा जब उनका नाम अखबारों में छपने लगा. जीवछ लाल यादव ने बताया,
वह करीब एक साल पहले यहां आया था. वो हमसे कोई गोपनीय जानकारी नहीं साझा करता. मुझे बहुत खुशी है कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा और मेरे बेटे ने इसमें भूमिका निभाई. इससे मुझे बहुत खुशी और गर्व होता है.
अवधेश कुमार भारती पूर्णिया के झुन्नी कलां गांव के रहने वाले हैं. उनके गांव वालों ने बताया कि एके भारती दुश्मन देश के लिए जितने कठोर दिखाई देते हैं, अपने गांव और समाज के लिए उतने ही नरम हैं. हर कोई उनकी विनम्रता का मुरीद हो जाता है.
झुन्नी कला गांव के निवासी अनिल शर्मा ने बताया कि वो जब भी गांव आते हैं तो बड़े बुजुर्ग का पांव छूकर आशीर्वाद लेते हैं. सीनियर अधिकारी होने के बावजूद उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी नहीं रहता है. अनिल शर्मा ने आगे बताया,
ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका पर हमें गर्व है. पाकिस्तान को भी पता चल गया होगा कि पूर्णिया के झुन्नी कला के किसी व्यक्ति ने ऐसा कुछ किया है. उन्होंने पूरे देश में झुन्नी कला का नाम रोशन किया है.
एयर मार्शल एके भारती बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे. इसी वजह से उन्हें तिलैया के सैनिक स्कूल में एडमिशन मिल गया. इसके बाद उन्होंने पुणे में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) ज्वाइन किया.
एयर मार्शल एके भारती जून 1987 में भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुए. साल 2008 में उन्हें राष्ट्रपति ने वायु सेना पदक से सम्मानित किया था. साल 2023 में उन्हें एयर मार्शल के तौर पर प्रमोट किया गया. वह सुखोई-30 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं.
एके भारती प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड में सीनियर स्टाफ ऑफिसर (SASO) के पद पर तैनात रहे हैं. और फिलहाल एयर फोर्स हेडक्वार्टर में (DGAO) की भूमिका निभा रहे हैं.
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