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मिदनापुर अस्पताल के 12 डॉक्टर सस्पेंड, एक्सपायर्ड सलाइन से हुई थी गर्भवती महिला की मौत

Medinipur Hospital Expired Saline केस में 12 डॉक्टर सस्पेंड हो गए हैं. अब इस मामले की जांच के 13-सदस्यीय पैनल और CID कर रही है.

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एक्सपायर्ड सलाइन के इस्तेमाल से गर्भवती महिला की मौत (तस्वीर : इंडिया टुडे)

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (MMCH) में ‘एक्सपायर्ड सलाइन’ के इस्तेमाल के मामले में 12 डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है (12 Doctors Suspended). इस सलाइन का नाम ‘Ringer’s Lactate (RL)’ है. जिस पांच गर्भवती महिलाओं को ये दिया गया था उनमें से एक की मौत हो गई थी, जबकि अन्य की हालात गंभीर हो गई. जांच में खुलासा हुआ कि ऑपरेशन थिएटर में सीनियर डॉक्टरों की जगह ट्रेनी डॉक्टर ने एनेस्थीसिया दिया था. पश्चिम बंगाल का स्वास्थ विभाग खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अधीन है. इस घटना के बाद से विपक्ष उन पर हमलावर है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 21 साल की मामनी रूई दास ने बीती 10 जनवरी को बच्चे को जन्म दिया. लेकिन अगले दिन उनकी स्थिति बिगड़ने लगी. उन्हें तुरंत ICU में भर्ती कराया गया. लेकिन 12 जनवरी को उनकी मौत हो गई. द हिंदू में छपी खबर में बताया गया कि अन्य तीन महिलाओं की हालत भी बिगड़ी. उन्हें SSKM मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. इसमें तीन दिन की देरी के लिए उनके परिवार वालों ने गंभीर आरोप लगाए.

जांच में क्या मिला?

इंडिया टुडे से जुड़े सूर्याग्नि रॉय की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने बताया कि इस मामले की जांच 13 सदस्यीय पैनल और CID कर रही है. दो अलग-अलग जांच रिपोर्ट्स के आधार पर उन्होंने बताया,

“जांच में पाया गया कि ऑपरेशन थिएटर में सीनियर डॉक्टरों की जगह PGT (पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी) ने एनेस्थीसिया दिया था. इस दौरान जरूरी SOP (Standard Operating Procedure) का पालन नहीं किया गया. ऑपरेशन का काम ट्रेनी डॉक्टरों को सौंपा गया था.”

मुख्यमंत्री का बयान

मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की भी प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने बताया,

"जिन्होंने यह लापरवाही की है और अपना कर्तव्य नहीं निभाया है, उनको दो जांच रिपोर्टों की पुष्टि के बाद RMO और MSVP (Medical Superintendent cum Vice Principal) समेत निलंबित कर दिया गया है."

सीएम ने एक्सपायर्ड सलाइन के इस्तेमाल को लेकर कहा कि यह कुछ राज्यों में अभी भी इस्तेमाल की जा रही है. बंगाल सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि इस उत्पाद की दोबारा टेस्टिंग की जाएगी और इसके विकल्प तलाशे जाएंगे.

सस्पेंड किए गए डॉक्टरों में डॉ. दिलीप पाल, डॉ. हिमाद्री नायक, डॉ. मोहम्मद अलाउद्दीन, डॉ. जयंत राउत (MSVP), डॉ. पल्लवी बनर्जी, डॉ. भाग्यश्री कुंडू, डॉ. सुशांत मंडल, डॉ. पूजा साहा, डॉ. मनीष कुमार और डॉ. जगृति घोष शामिल हैं. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि विवादित RL सलाइन के मुख्य सप्लायर ‘Paschim Banga Pharmaceuticals’ को अस्थायी रूप से उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया गया है. इसकी जगह 'Pharma Impex Laboratories' को ये काम सौंपा गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने RL सहित 10 मेडिकल फ्लूड्स के उपयोग पर भी रोक लगा दी है.

इधर मामले पर बचे बवाल के बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी से स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ने की मांग की. इसके अलावा कलकत्ता हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें मामले की जांच के लिए CBI और SIT के गठन की मांग की गई है.

हिंदू की खबर के मुताबिक पीड़ित परिवारों ने अस्पताल प्रशासन पर जबरन बॉन्ड साइन करवाने के आरोप लगाए हैं. मिदनापुर अस्पताल के CMOH सौम्य शंकर सारंगी ने बॉन्ड साइन कराने की बात को माना है. जबकि सलाइन से ऐसे रिएक्शन क्यों हुए, इस पर जांच की बात कही है. 

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