आपने वो कहावत सुनी है? एक से भले दो. पर हर बार ये कहावत सच हो. ऐसा ज़रूरी नहीं है. आजकल सोशल मीडिया पर एक रील खूब वायरल हो रही है. इसे यशोदा मेडिसिटी में पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉक्टर अंकित भाटिया ने शेयर किया है. वो बताते हैं कि एक महिला इमरजेंसी में आईं. उन्होंने बाथरूम और टॉयलेट साफ करने वाले दो क्लीनर्स को आपस में मिक्स किया था. शायद ये सोचकर कि दो क्लीनर यानी डबल फायदा. बाथरूम अच्छे से साफ होगा. लेकिन हुआ एकदम उल्टा. जैसे ही उन्होंने दोनों क्लीनर मिक्स कर के बाथरूम की सफाई शुरू की. कुछ ही मिनटों में उनकी सांस फूलने लगी. वो बेहोश हो गईं. घबराए घरवाले उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे. तब उनका इलाज हुआ और उन्हें आराम मिला.
दो टॉयलेट क्लीनर्स कभी आपस में न मिलाएं, ये गलती आपको अस्पताल पहुंचा सकती है
दो टॉयलेट क्लीनर्स साथ मिलाने से डबल फायदा नहीं होता. बल्कि ऐसा करने पर सांस फूल सकती है. बेहोशी छा सकती है. डॉक्टर से जानिए ये सब क्यों हो सकता है.


हम सभी टॉयलेट क्लीनर्स से अपने बाथरूम की सफ़ाई करते रहते हैं. लेकिन, दो क्लीनर्स को आपस में मिलाना ख़तरनाक क्यों है और इससे फेफड़ों को क्या नुकसान पहुंचता है. ये हमने जाना सी.के.बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली में पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, डॉ. विकास मित्तल से.

डॉक्टर विकास कहते हैं कि दो टॉयलेट क्लीनर, एसिड या ब्लीच को आपस में कभी नहीं मिलाना चाहिए. ऐसा करने पर हानिकारक केमिकल रिएक्शन होता है. जिससे ज़हरीली गैसेज़ पैदा होती हैं. ये गैसेज़ फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं. यहां तक कि जानलेवा भी साबित हो सकती हैं.
जैसे कई टॉयलेट क्लीनर्स में हाइड्रोक्लोरिक या सल्फ्यूरिक एसिड होता है. जब इन्हें ब्लीच यानी सोडियम हाइपोक्लोराइट के साथ मिलाया जाता है, तो ज़हरीली क्लोरीन गैस निकलती है. इस गैस से आंखें, नाक और गले में जलन होती है. लगातार खांसी आने लगती है. सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है. ये गैस अगर ज़्यादा मात्रा में फेफड़ों में चली जाए, तो जानलेवा भी साबित हो सकती है.
ब्लीच और अमोनिया वाले क्लीनर को भी आपस में मिलाना बहुत ख़तरनाक है. अमोनिया अक्सर कांच साफ करने वाले लिक्विड या मल्टी-पर्पस क्लीनिंग स्प्रे में पाया जाता है. जब इसे ब्लीच के साथ मिलाते हैं, तो ख़तरनाक क्लोरामाइन गैस बनती है. इस गैस को सूंघने पर नाक, आंखों और गले में जलन होने लगती है. खांसी आने लगती है. सांस लेने में परेशानी होती है. एकदम घुटने जैसा लगता है. सीने में दर्द होता है. उबकाई भी आती है. लंबे वक्त तक इस गैस के संपर्क में रहने से फेफड़ों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है. फेफड़ों के अंदर फ्लूइड भर सकता है. जिसे पल्मोनरी एडिमा कहते हैं. ये बहुत ही गंभीर स्थिति है.

ब्लीच को रबिंग अल्कोहल के साथ भी नहीं मिलाना चाहिए. इससे क्लोरोफॉर्म बनता है. क्लोरोफॉर्म एक बहुत ही ख़तरनाक केमिकल है. इसके संपर्क में आने से चक्कर आना, जी मिचलाना और बेहोशी हो सकती है. इसकी ज़्यादा मात्रा नर्वस सिस्टम, लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाती है. बंद जगह में क्लोरोफॉर्म सूंघना जानलेवा हो सकता है.
दो क्लीनर्स को आपस में मिलाने से रिएक्टिव एयरवेज़ डिसफंक्शन सिंड्रोम यानी RADS भी हो सकता है. ये एक गंभीर, अस्थमा जैसी कंडीशन है. जो किसी इरिटेंट के संपर्क में आने से होती है. जब कोई व्यक्ति क्लोरीन, अमोनिया या कोई दूसरी गैस बहुत ज़्यादा मात्रा में सांस के ज़रिए अंदर लेता है, तब रिएक्टिव एयरवे डिसफंक्शन सिंड्रोम होता है. ऐसा होने पर सांस की नलियां बहुत सेंसेटिव हो जाती हैं. नतीजा? धूल, ठंडी हवा या हल्की खुशबू से भी व्यक्ति को अस्थमा अटैक पड़ जाता है.
इसलिए, बाथरूम साफ करते वक्त कुछ बातों का खास ध्यान रखें.
-दो क्लीनर्स को कभी भी आपस में न मिक्स करें. कोई एक्सपेरिमेंट करने की ज़रूरत नहीं है.
-एक बार में एक ही क्लीनर का इस्तेमाल करें. और इस्तेमाल से पहले बोतल पर लिखी सावधानियां ज़रूर पढ़ें.
-जब भी बाथरूम साफ करें, खिड़की खुली रखें. एग्जॉस्ट फैन भी चला दें.
-अगर कोई दूसरा क्लीनर इस्तेमाल करना है, तो पहले वाले को पानी से पूरी तरह बहा दें.
अगर फिर भी गलती से दो क्लीनर मिक्स हो जाएं. और, आपको चक्कर या सांस लेने में दिक्कत होने लगे. तो तुरंत बाहर ताज़ी हवा में जाएं. दिक्कत बढ़ने पर बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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