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बीयर के बाद व्हिस्की या वाइन पीते हैं? बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं

अव्वल तो शराब पीनी ही नहीं चाहिए. अगर फिर भी हमारी इस बात को इग्नोर करते हुए आप कोई प्लान बनाने जा रहे हैं. तो बस इतना ध्यान रखें कि बीयर के बाद व्हिस्की या वाइन पीने के लालच में न पड़ें.

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रात का क्या प्लान है आपका?

आज है फ्राइडे नाइट. कई लोगों का प्लान होगा. दोस्तों संग बैठेंगे. पार्टी करेंगे. अब कुछ लोगों के लिए पार्टी मतलब जमकर शराब पीना. शुरुआत बीयर से की. बीयर खत्म तो व्हिस्की के 2-3 पेग लगा लिए. व्हिस्की नहीं बची तो वोडका के शॉर्ट्स ले लिए.

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अव्वल तो शराब सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है. नहीं पीनी चाहिए. और हां, आप मानें या नहीं. बीयर भी शराब ही है. दूसरी बात, अगर आप शराब मिक्स करते हैं. यानी एक के बाद एक अलग-अलग तरह की शराब पीते हैं तो ये आदत छोड़ दें.

क्यों शराब मिक्स नहीं करनी चाहिए, ये हमें बताया आकाश हेल्थकेयर के सेंटर फॉर लिवर-जीआई डिज़ीज़ेस एंड ट्रांसप्लांटेशन में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सौरभ सिंघल ने.  

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डॉक्टर सौरभ सिंघल, सीनियर कंसल्टेंट, सीएलजीडी, आकाश हेल्थकेयर

डॉक्टर सौरभ कहते हैं कि वैसे तो अलग-अलग तरह की शराब मिक्स करना मना नहीं है. मगर ऐसा करना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. खासकर जब आपको इस बात का अंदाज़ा न हो कि कितनी शराब किस तरह से पीनी चाहिए. हर तरह की शराब में एल्कोहल की मात्रा अलग होती है. सब शरीर में एब्ज़ॉर्व भी अलग तरह से होते हैं. इसलिए इनका असर भी अलग-अलग होता है.

जैसे बीयर में एल्कोहल की मात्रा कम होती है. जबकि व्हिस्की या वोडका में एल्कोहल ज़्यादा होती है. अगर कोई व्यक्ति पहले बीयर पीता है. जो पेट भरती है और धीरे-धीरे असर करती है. और फिर व्हिस्की पीता है. जो तेज़ी से असर करती है. तो ऐसे में शरीर को संभलने का मौका नहीं मिलता. जिससे एल्कोहल का असर ज़्यादा तेज़ और खतरनाक हो सकता है.

अगर अलग-अलग तरह की शराब को मिक्स करके पिया जाए. तो हैंगओवर और उबकाई-उल्टी ज़्यादा आती है. जब कोई व्यक्ति पहले बीयर और फिर व्हिस्की या वोडका पीता है. तो शरीर को समझ नहीं आता कि कितनी शराब अंदर जा रही है. इस वजह से अगले दिन भयंकर हैंगओवर होता है. सिर दर्द से फटा जाता है. बहुत उबकाई-सा लगता है.

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शराब पीना छोड़ दीजिए, हमारा नहीं आपका भला है

उस पर, हर तरह की शराब आपके पाचन तंत्र और पेट में मौजूद एसिड पर अलग तरह असर करती है. ऐसे में जब इन्हें मिक्स किया जाता है. तो पेट में जलन, गैस, उल्टी और डायरिया तक हो सकता है.

अगर कोई बीयर जैसी हल्की शराब से शुरुआत करता है. तो उसे लगता है कि वो कंट्रोल में है. खुद को संभाल लेगा. लेकिन, जैसे ही वो व्हिस्की वगैरह पीता है. तो नशा बहुत तेज़ी से चढ़ता है. ऐसा होने पर उसके सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता है. वो सेंसिबल डिसीज़न नहीं ले पाता. नतीजा? ‘आज गाड़ी तेरा भाई चलाएगा’.

अलग-अलग तरह की शराब मिक्स करने का असर सिर्फ व्यवहार पर नहीं पड़ता. अंदरूनी अंगों पर भी दिखता है. जब कोई व्यक्ति दो अलग तरह की शराब मिक्स करता है. तो लिवर को अलग-अलग तरह के टॉक्सिंस को एक साथ प्रोसेस करना पड़ता है. इससे उस पर काम का बोझ बढ़ जाता है. अगर लगातार ऐसा हो, तो लिवर को काफ़ी नुकसान पहुंचता है. इसलिए अगर अपने लिवर और सेहत को नुकसान से बचाना है तो शराब से दूर ही रहें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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