1 सितंबर 2025 से यूरोपीय यूनियन ने उन सभी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है, जिनमें TPO होता है. TPO यानी Trimethylbenzoyl diphenylphosphine oxide. ये TPO जेल ज़्यादातर नेल पॉलिश में पाया जाता है.
यूरोप में TPO वाली जेल नेल पॉलिश पर बैन, हो सकता है कैंसर, प्रेग्नेंसी में भी आ सकती है मुश्किल
1 सितंबर 2025 से यूरोपीय यूनियन ने TPO वाले सभी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है. ये TPO ज़्यादातर जेल नेल पॉलिश में पाया जाता है.


बाज़ार में अलग-अलग तरह की नेल पॉलिश बिकती हैं. मैट, ग्लिटर वगैरह. अब एक आती है जेल नेल पॉलिश. इसे लगाने के बाद UV या LED लाइट के नीचे सुखाया जाता है. इस वजह से ये जल्दी नहीं छूटती. चमक रहती है. कई नेल सलून्स में इन्हीं जेल नेल पॉलिश का इस्तेमाल होता है.
मगर इन जेल नेल पॉलिश में एक खास केमिकल डाला जाता है. वो है TPO. ये जेल नेल पॉलिश को UV लाइट के नीचे तेज़ी से सुखाने में मदद करता है. इससे पॉलिश बहुत अच्छे से नाखूनों पर चिपक जाती है और जल्दी उखड़ती नहीं. ये पॉलिश को चमकदार और ग्लॉसी लुक भी देता है.

यूरोपीय यूनियन ने TPO को ‘CMR कैटेगरी 1B’ में डाला है.
CMR का मतलब है- कार्सिनोजेनिक, म्यूटाजेनिक और रेप्रोटॉक्सिक.
कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर फैलाने वाला. म्यूटाजेनिक यानी DNA में बदलाव करने वाला. रेप्रोटॉक्सिक यानी रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाला. प्रेग्नेंसी में मुश्किलें पैदा करने वाला.
वहीं कैटेगरी 1B का मतलब है कि जानवरों पर हुए टेस्ट में TPO हानिकारक पाया गया है. ये इंसानों के लिए भी घातक हो सकता है. इसलिए TPO वाले हर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को यूरोपीय यूनियन ने बैन कर दिया है.
भारत में TPO वाले कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स पर कोई बैन नहीं है. अगर आप भी जेल नेल पॉलिश लगाते हैं, तो किन बातों का ध्यान रखें? ये हमने पूछा डर्मालिंक्स क्लीनिक, गाज़ियाबाद में डर्मेटोलॉजिस्ट एंड मेडिकल हेड, डॉक्टर विदुषी जैन से. ये भी जाना कि TPO के और नुकसान क्या हैं.

डॉक्टर विदुषी बताती हैं कि अगर TPO लंबे वक्त तक शरीर के संपर्क में रहे, तो स्किन लाल पड़ सकती है. उसमें खुजली और जलन हो सकती है. नाखून कमज़ोर होकर टूट सकते हैं. उनका रंग बदल सकता है.
जब जेल नेल पॉलिश लगाई या हटाई जाती है, तो TPO वाले कण हवा में मिल सकते हैं. इससे आंखों और गले में जलन हो सकती है. आंसू आ सकते हैं. सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है.
जो सलून वर्कर्स TPO वाले प्रोडक्ट्स हैंडल करते हैं. अगर वो दस्ताने या मास्क न पहनें, तो उनमें ये दिक्कतें बढ़ सकती हैं. हालांकि ये सारे नुकसान तभी होते हैं, जब कोई बहुत लंबे वक्त तक TPO के संपर्क में रहे. पर फिर भी सावधानी तो बरतना ज़रूरी है.
जब भी आप सलून जाएं, तो नेल पॉलिश की क्वालिटी ज़रूर चेक करें. डुप्लीकेट या लोकल प्रोडक्ट्स से बचें. अगर आपको TPO वाली जेल नेल पॉलिश नहीं लगवानी, तो मना कर दीजिए. बिना-TPO वाली नेल पॉलिश लगवाइए. ये ज़रूर है कि इन्हें बार-बार टचअप की ज़रूरत पड़ती है. पर इनसे एलर्जी होने का रिस्क कम है.
सबसे ज़रूरी बात. अगर नाखूनों का रंग बदलने लगे या उनके आसपास की स्किन लाल पड़ जाए. दर्द या खुजली हो, तो नेल पॉलिश लगाना बंद कर दें. अगर फिर भी आराम न मिले, तो डॉक्टर को दिखाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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