अनुभव 37 साल के हैं. अब तक तो उन्हें डायबिटीज़ की समस्या नहीं थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी शुगर हाई है. एक चीज़ से वो ख़ास परेशान हैं. उनकी फास्टिंग शुगर हाई आ रही है. 120 mg/dl. फ़ास्टिंग यानी सुबह खाली पेट वाली शुगर. वो जानना चाहते हैं कि डायबिटीज़ के मरीज़ न होने के बावजूद, उनकी फ़ास्टिंग शुगर हाई क्यों है.
फास्टिंग शुगर हाई क्यों आती है? डॉक्टर से जानें कंट्रोल करने के आसान उपाय
सुबह शुगर लेवल ठीक रहे, इसके लिए टाइम पर सोएं. हॉर्मोन्स का बैलेंस ठीक रखने के लिए रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक की नींद बहुत ज़रूरी है. ख़ासतौर पर इंसुलिन हॉर्मोन का लेवल ठीक रखने के लिए. रात में समय पर न सोने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे शुगर हाई होती है.


वैसे ये दिक्कत अकेले अनुभव की नहीं है. कई लोगों की है. इसलिए लोग जानना चाहते हैं कि खाली पेट होने के बावजूद शुगर बढ़ी हुई क्यों आती है. चलिए इस पर डिटेल में बात करेंगे. डॉक्टर से जानेंगे कि खाली पेट शुगर कितनी होनी चाहिए. खाली पेट होने के बावजूद शुगर हाई क्यों आती है. और, सुबह शुगर लेवल ठीक रहे, इसके लिए क्या करना चाहिए.
सुबह खाली पेट शुगर कितनी होनी चाहिए? खाली पेट होने के बावजूद शुगर हाई क्यों आती है?
ये हमें बताया डॉक्टर हिमिका चावला ने.

सुबह खाली पेट शुगर 60-100 mg/dl होनी चाहिए.
लिवर और किडनी, ये दोनों अंग लगातार ग्लूकोज़ बनाते रहते हैं. इसे मेडिकल भाषा में ‘ग्लूकोनियोजेनेसिस’ कहते हैं. रात में सोते वक़्त भी लिवर और किडनी से ग्लूकोज़ निकलता रहता है. इस कारण खाली पेट होने के बावजूद भी शुगर बढ़ी हुई आती है. डायबिटीज़ का पहला लक्षण खाली पेट शुगर हाई होना है.
कुछ और कारणों के चलते भी सुबह खाली पेट शुगर हाई हो सकती है. जैसे रात की नींद पूरी न होना. प्री-डायबिटीज़ और डायबिटीज़ की शुरुआत. फैटी लिवर होना. मोटापा.
सुबह शुगर लेवल ठीक रहे, इसके लिए क्या करना चाहिए?
-वज़न कंट्रोल में रखें.
-रोज़ आधा घंटा एक्सरसाइज करें. आप तेज़ क़दमों से भी चल सकते हैं.
-टाइम पर सोएं. हॉर्मोन्स का बैलेंस ठीक रखने के लिए रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक की नींद बहुत ज़रूरी है. ख़ासतौर पर इंसुलिन हॉर्मोन का लेवल ठीक रखने के लिए. रात में समय पर न सोने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे शुगर हाई होती है.

-खाने में प्रोसेस्ड चीज़ें न लें. घर पर बना ताज़ा खाना खाएं. खाने में सब्ज़ियां, प्रोटीन, अंडे और दालें अच्छी मात्रा में लें. कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं, तो हाई फाइबर कार्बोहाइड्रेट लें. जैसे ओट्स, सेब, बीन्स वगैरह.
-स्ट्रेस को मैनेज करना ज़रूरी है. स्ट्रेस से भी शुगर बढ़ती है और खाली पेट शुगर हाई आ सकती है. स्ट्रेस मैनेज करने के लिए मेडिटेशन करें या वो चीज़ें करें जिनसे आपको सुकून मिलता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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