स्लॉथ फ़ीवर. हाल-फिलहाल में फैलने वाली ये एक नई बीमारी है, जिसने कुछ देशों की नाक में दम करना शुरू कर दिया है. खासकर सेंट्रल अमेरिका के देशों में.
सेंट्रल अमेरिका में फैल रहे मामले, क्या भारत पर भी है खतरा? डॉक्टर से जानिए क्या है स्लॉथ फ़ीवर
Sloth Fever Virus: स्लॉथ फ़ीवर एक वायरल फ़ीवर है. ये ज़्यादातर सेंट्रल अमेरिका में पाया जाता है.
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दरअसल, कुछ समय पहले, क्यूबा से अमेरिका लौट रहे 21 यात्रियों को स्लॉथ फ़ीवर हो गया. ये एक वायरल बुखार है.
डराने वाली बात तो ये है कि स्लॉथ फ़ीवर के लक्षण मलेरिया और चिकनगुनिया से मिलते जुलते हैं. इसलिए, मरीज़ को पता ही नहीं चलता कि वाकई उसे हुआ क्या है.
हालांकि आपने घबराना नहीं है. अभी ये वायरस भारत में नहीं पहुंचा है. लेकिन, जैसा हम हर बार कहते हैं, सतर्कता ज़रूरी है. कोविड के बाद एक चीज़ तो हम समझ चुके हैं. एक देश से दूसरे देश बीमारी फैलने में समय नहीं लगता. इसलिए, डॉक्टर से जानिए कि स्लॉथ फ़ीवर क्या है. ये क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. और, स्लॉथ फ़ीवर से बचाव और इलाज कैसे किया जाए.
स्लॉथ फ़ीवर क्या है?
ये हमें बताया डॉक्टर छवि गुप्ता ने.

स्लॉथ फ़ीवर ज़्यादातर सेंट्रल अमेरिका में पाया जाता है. ये एक वायरस से फैलता है. इस वायरस का नाम ओरोपोच वायरस (Oropouche Virus) है. इसे स्लॉथ फ़ीवर इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये सबसे पहले स्लॉथ नाम के जानवर में मिला था. ये बीमारी सेंट्रल अमेरिका के जंगलों में काम करने वाले वर्कर में पहली बार पाई गई थी.
स्लॉथ फ़ीवर के कारण
स्लॉथ फ़ीवर एक तरह के मच्छर ‘मिज’ के काटने से होता है. आजकल शहरीकरण की वजह से जंगल कम हो रहे हैं. लोग वहां घूमने जा रहे हैं. इस वजह से ये बीमारी उस सीमित क्षेत्र से निकलकर दूसरी जगहों पर फैल रही है. जैसा हमने मंकीपॉक्स (Monkeypox) के केस में देखा. मंकीपॉक्स पहले सिर्फ अफ्रीका में पाया जाता था. जब दूसरे देशों से लोग वहां गए तो मंकीपॉक्स यात्रियों को भी हो गया. फिर ये यात्री अपने देश वापस आए तो उन्हें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखें. लेकिन, जब तक उन्हें बीमारी का पता चला, तब तक बीमारी फैल गई. अब तो भारत में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं.

स्लॉथ फ़ीवर के लक्षण
- थकावट
- तेज़ बुखार
- मांसपेशियों में भयंकर दर्द
- जोड़ों में अकड़न और दर्द
स्लॉथ फ़ीवर से बचाव और इलाज
स्लॉथ फ़ीवर से बचने के लिए कोई दवाई नहीं है. इसका कोई इलाज नहीं है. हालांकि इसके लक्षणों का उपचार किया जा सकता है. बुखार की दवाई लें. जोड़ों के दर्द के लिए दवाई लें. खूब पानी पिएं. उल्टी आ रही है तो उसकी दवाई लें. अगर ये वायरस दिमाग तक पहुंच जाए तो बीमारी घातक भी हो सकती है. ये वायरस दिमाग में पहुंचकर इंसेफेलाइटिस या दिमागी बुखार कर सकता है.
सबसे ज़रूरी है, स्लॉथ फ़ीवर वाले एरिया में घूमने के दौरान खुद का बचाव करना. मच्छरों से बचें. पूरी बांह के कपड़े पहनें. मॉस्किटो रेपेलेंट लगाएं. बहुत सवेरे या देर रात में बाहर न निकलें. इस टाइम मच्छर भी बाहर निकले होते हैं.कोशिश करें कि स्लॉथ फ़ीवर वाले एरिया में घूमने न जाएं. फिर भी जा रहे हैं तो अपने लक्षणों का खास ध्यान रखें. अगर घूमकर वापस आने के बाद लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
स्लॉथ फ़ीवर के लक्षण मलेरिया, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस से मिलते-जुलते हैं, इसलिए ये कन्फ्यूज़ भी कर सकता है. प्रेग्नेंट महिलाएं इस एरिया में यात्रा न करें. सावधानी बरतें, क्योंकि इलाज से बेहतर बचाव है.
देखिए, इस वायरस से बचने की कोई वैक्सीन नहीं है. न ही कोई दवाई. कुछ मामलों में ये जानलेवा भी साबित हुआ है. इसलिए, अगर आप दुनिया-जहां घूमने के शौकीन हैं. तो खूब घूमें. बस जहां स्लॉथ फ़ीवर फैल रहा है, उन देशों में जानें से बचें. और सावधानी बरतें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहतः स्लॉथ फ़ीवर क्या है, जिसके मामले लगातार बढ़ रहे