ऐसा कितनी ही बार होता है, इंसान देर तक टॉयलेट सीट पर बैठा रहता है. पूरा ज़ोर लगाता है, पर पेट साफ़़ नहीं होता. स्टूल पास करने के लिए कभी पेट दबाता है. कभी बाहर निकलकर गुनगुना पानी पीता है. टहलता है. फिर बाथरूम में घुस जाता है. मगर इतना करने के बाद भी पेट साफ़ होने का नाम नहीं लेता. अगर आपके साथ ऐसा आए-दिन होता रहता है तो आज जान लीजिए ऐसा क्यों हो रहा है. और, इससे छुटकारा कैसे पाएं.
टॉयलेट में खूब जोर लगाने पर भी नहीं आती पॉटी, समस्या और इलाज दोनों जान लें
आप सौंफ को पानी में भिगोकर सुबह-सुबह पी सकते हैं. इससे आंतें ठीक से काम करती हैं. जिससे पेट जल्दी साफ़़ होता है
.webp?width=360)
ये हमें बताया डॉक्टर अमित मिगलानी ने.

पेट साफ़़ न होने के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ कारण बहुत आम होते हैं. जैसे कई लोग फाइबर वाली चीज़ें कम खाते हैं या पानी कम पीते हैं. इसकी वजह से पेट ठीक से साफ़़ नहीं होता. कम एक्सरसाइज़ करने की वजह से भी आंतें धीरे काम करती हैं. जिसकी वजह से पेट साफ़ नहीं होता. कई सारी दवाएं भी आंतों के काम करने की स्पीड घटा देती हैं. इसकी वजह से लोगों को कब्ज़ हो जाती है यानी उनका पेट ठीक से साफ़़ नहीं होता. थायरॉइड और डायबिटीज़ जैसी मेडिकल कंडीशंस में भी आंतों के काम करने की स्पीड घट जाती है. इससे आंत ठीक से काम नहीं करतीं और पेट सही से साफ़़ नहीं होता.
पेट ठीक से साफ़ न होने पर हम बार-बार ज़ोर लगाते हैं. इससे पाइल्स (बवासीर) या एनल फिशर (गुदा की अंदरूनी परत में कट) की समस्या हो सकती है. कभी-कभी आंतों में अल्सर (घाव) भी बन सकते हैं. पेट ठीक से साफ़ न होने पर ब्लोटिंग और गैस की शिकायत भी हो सकती है.

- पेट साफ़़ करने के लिए खाने में फाइबर बढ़ाएं.
- दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं.
- रोज़ आधा घंटा एक्सरसाइज़ करें.
- इससे आंतें ठीक तरह काम करती हैं.
- अलसी के बीज और चिया सीड्स भी ले सकते हैं.
- सौंफ को पानी में भिगोकर सुबह पी सकते हैं.
- इनसे भी आंतें ठीक तरह काम करती हैं, जिससे पेट जल्दी साफ़़ होता है.
- जब भी स्टूल पास करने का प्रेशर बने, उसे रोके नहीं.
- तुरंत स्टूल पास करें, स्टूल रोकने से कब्ज़ की शिकायत बढ़ सकती है.
कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?अगर पेट ठीक से साफ़़ नहीं हो रहा, तो पहले घरेलू उपचार कीजिए. अगर स्टूल में खून आ रहा है. वज़न कम हो रहा है. लगातार पेटदर्द बना हुआ है. घरेलू उपचार से भी आराम नहीं मिल रहा और परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है, तो एक बार डॉक्टर से ज़रूर मिलें.
जैसा डॉक्टर साहब ने कहा, आपके खाने में फाइबर खूब होना चाहिए. इसके लिए आप मिलेट्स, दालें, चना और राजमा खा सकते हैं. ब्रोकली, पालक और गाजर जैसी सब्ज़ियां भी फाइबर का अच्छा सोर्स हैं. पपीता, जामुन, सेब, नाशपाती, और संतरों में भी खूब फाइबर होता है. आप चाहें तो बादाम, चिया सीड्स, अलसी के बीज और अखरोट जैसे मेवे और बीज भी खा सकते हैं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: सामने किसी का एक्सीडेंट हो तो पहला काम ये करें