पहले एक सवाल का जवाब दीजिए. दिन में कितनी बार पेशाब करने जाते हैं आप? आमतौर पर कोई व्यक्ति एक दिन में 6 से 7 बार पेशाब करता है. ज़्यादा से ज़्यादा वो दिन में 10 बार पेशाब कर सकता है. इससे ज़्यादा नहीं. मगर कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें हर थोड़ी देर में पेशाब के लिए जाना पड़ता है. वो अपनी पेशाब बिल्कुल भी नहीं रोक पाते. चाहें कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें. ये एक बहुत ही आम समस्या है. मगर सवाल ये है कि आखिर ऐसा होता क्यों है. क्यों कोई व्यक्ति अपनी पेशाब नहीं रोक पाता. चलिए समझते हैं.
पानी पीते ही पेशाब को भागना पड़ता है, कई बार लीक भी हो जाती है? ये रही 'असल' वजह
पेशाब रोकने की क्षमता दिमाग से पेशाब की थैली तक जाने वाले सिग्नल्स पर निर्भर करती है. कई बार मरीज़ अपनी पेशाब नहीं रोक पाते. ऐसे में मरीज़ को बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है. डॉक्टर से जानिए इसके कारण.
.webp?width=360)
ये हमें बताया डॉक्टर सारिका पांड्या ने.

पेशाब रोकने की क्षमता दिमाग से ब्लैडर (पेशाब की थैली) तक जाने वाले सिग्नल्स पर निर्भर करती है. कई बार मरीज़ अपनी पेशाब नहीं रोक पाते. ऐसे में मरीज़ को बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है. रात में भी कई बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता हैं. कभी-कभी खांसने, छींकने, ज़ोर से हंसने, वज़न उठाने, या एक्सरसाइज़ (जैसे जॉगिंग या पुशअप) करने पर पेशाब लीक हो जाती है. ऐसा तब होता है जब ब्लैडर (पेशाब की थैली) पेशाब को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता. या फिर पेशाब रोकने वाला वॉल्व (स्फिंक्टर) कमज़ोर हो जाता है, जिससे पेशाब लीक होने लगती है.
सबसे आम कारण पेशाब के रास्ते में होने वाला इंफेक्शन है. पेशाब की थैली या किडनी में पथरी होने पर भी पेशाब कंट्रोल नहीं होती. पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ने पर पेशाब लीक हो सकती है. जब पेशाब ठीक से बाहर नहीं निकल पाती, तो भी धीरे-धीरे लीक होती रहती है.
डिलीवरी के बाद महिलाओं की पेल्विक फ्लोर मसल्स (पेशाब कंट्रोल करने वाली मसल्स) कमज़ोर हो जाती हैं. इससे पेशाब रोक पाने की क्षमता कम हो जाती है और वो लीक होने लगती है. भारी वज़न उठाने, हंसने या खांसने पर भी पेशाब लीक हो सकती है.
जिन मरीज़ों की कोई सर्जरी हुई हो, जैसे प्रोस्टेट की सर्जरी. तब उनके स्फिंक्टर मसल्स कमज़ोर हो जाते हैं, ऐसे में पेशाब लीक हो सकती है. कभी-कभी पेशाब की थैली और बच्चेदानी के बीच एक तरह का छेद (फिस्टुला) बन जाता है.

कुछ रेयर मामलों में मरीज़ को ब्लैडर, किडनी या प्रोस्टेट का कैंसर हो जाता है. अगर कैंसर उन मांसपेशियों को प्रभावित करता है जो पेशाब कंट्रोल करती हैं, तो यूरिन लीक होने लगता है.
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला की सिज़ेरियन डिलीवरी या गर्भाशय से जुड़ा कोई ऑपरेशन हुआ हो. तब पेशाब लीक होने की दिक्कत हो सकती है. ऐसे मामलों में पेशाब की थैली और बच्चेदानी के बीच एक तरह का छेद (जिसे फिस्टुला कहते हैं) बन जाता है. इससे पेशाब लगातार बाहर आती रहती है और रोकी नहीं जा सकती. यानी पेशाब लीक होने के कई सारे कारण होते हैं. इसका सही कारण जानने के लिए जांच और टेस्ट कराना ज़रूरी है.
पेशाब न रोक पाने का इलाज कैसे किया जाता है?अगर पेशाब यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से लीक हो रही है, तो इसका इलाज करके पेशाब लीक होने से रोकी जा सकती है. अगर ओवर एक्टिव ब्लैडर की वजह से पेशाब लीक हो रही है, तो लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयों के ज़रिए पेशाब कंट्रोल कर सकते हैं. अगर खांसने, छींकने या हंसने से पेशाब लीक होती है, तो स्लिंग सर्जरी की जाती है.
अगर पेशाब की थैली या उसके रास्ते में कहीं फिस्टुला (छेद) बन गया है, तो सर्जरी से उसे बंद किया जा सकता है. अगर जांच में पता चलता है कि यूरिनरी सिस्टम से जुड़ा कोई कैंसर है, तो उसका इलाज करके पेशाब को लीक होने से रोका जा सकता है. यानी अगर पेशाब लीक होने का कारण पता चल जाए, तो उस कारण का इलाज करके पेशाब का लीक होना बंद किया जा सकता है.
अगर आपका अपने ब्लैडर पर कोई कंट्रोल नहीं रह गया है. पेशाब बार-बार लीक होती है, तो डॉक्टर से मिलकर इसकी वजह ज़रूर पता करें, ताकि इलाज हो सके.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: पेट के किस हिस्से में दर्द का क्या मतलब है? डॉक्टर से समझिए