The Lallantop

क्या लो बीपी की वजह से शेफाली जरीवाला को आया कार्डियक अरेस्ट? ऐसा कब हो सकता है?

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शेफ़ाली करीब 7-8 सालों से एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट ले रही थीं. खाली पेट एंटी-एजिंग इंजेक्शन लेने की वजह से उनका बीपी तेज़ी से गिरा और उन्हें कार्डियक अरेस्ट आ गया. इससे उनकी मौत हो गई.

Advertisement
post-main-image
एक्टर और मॉडल शेफ़ाली ज़रीवाला की 27 जून को मौत हो गई थी

एक्टर और मॉडल शेफ़ाली ज़रीवाला की मौत कैसे हुई? ये अभी भी साफ़ नहीं हुआ है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. इसलिए कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मीडिया संस्थान भी सूत्रों के हवाले से कई बातें कह रहे हैं. जैसे शेफ़ाली करीब 7-8 सालों से एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट ले रही थीं. यानी खुद को असल उम्र से जवां दिखाने वाला ट्रीटमेंट. इसमें कभी इंजेक्शन दिए जाते हैं. कभी दवाएं ली जाती हैं.

Advertisement

शेफ़ाली की खास दोस्त और एक्ट्रेस पूजा घई ने जर्नलिस्ट विक्की लालवानी को एक इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में पूजा ने बताया, ‘जिस दिन शेफ़ाली की मौत हुई यानी 27 जून को, उस दिन उन्होंने विटामिन C की आईवी ड्रिप ली थी. लेकिन ये बहुत नॉर्मल-सी चीज़ है. हम सब विटामिन C लेते हैं. कुछ लोग टैबलेट खाते हैं तो कुछ IV ड्रिप के जरिए लेते हैं.' पूजा ने ये भी बताया कि जब शेफ़ाली की तबियत बिगड़ी तब उनकी आंखें नहीं खुल रही थीं. उनका शरीर भी भारी हो गया था.

कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि खाली पेट एंटी-एजिंग इंजेक्शन लेने की वजह से उनका बीपी तेज़ी से गिरा और उन्हें कार्डियक अरेस्ट आ गया. इससे उनकी मौत हो गई. 

Advertisement

क्या एंटी एजिंग इंजेक्शन से किसी की जान जा सकती है? इस पर आप ये वाली स्टोरी पढ़ सकते हैं. 

शेफ़ाली की मौत के बाद लो बीपी पर भी खूब बात हो रही है. इसे सीधा कार्डियक अरेस्ट से जोड़कर देखा जा रहा है. डॉक्टर से जानिए कि कार्डियक अरेस्ट क्या होता है. किसी का बीपी लो क्यों हो जाता है. लो बीपी की वजह से कार्डियक अरेस्ट क्यों आता है. और लो बीपी न हो, और उससे कार्डियक अरेस्ट न आए, इसके लिए क्या करें. 

कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ. एल.के. झा ने. 

Advertisement
Dr LK Jha
डॉ. एल.के. झा, एसोसिएट डायरेक्टर एंड हेड, कार्डियोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद

कार्डियक अरेस्ट यानी जब दिल काम करना अचानक से रुक जाए. हमारा दिल 24 घंटे लगातार काम करता है. अगर वो अचानक से काम करना बंद कर दे, तो इसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं. कार्डियक अरेस्ट कई तरह के हो सकते हैं और इनके कई कारण भी होते हैं. सबसे आम कारण हार्ट अटैक होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि हर कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक की वजह से ही हो. कार्डियक अरेस्ट के कई और कारण भी होते हैं. जैसे दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना. इसे वेंट्रिकुलर टेकीकार्डिया या वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन कहते हैं. इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. कई बार गंभीर डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) और कुछ दूसरी बीमारियों से भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.

लो बीपी किन कारणों से होता है?

लो ब्लड प्रेशर होने के कई कारण हो सकते हैं. इन्हें कार्डियक (दिल से जुड़े) और नॉन-कार्डियक (दिल के अलावा) में बांटा जा सकता है. कार्डियक कारण: अगर दिल की पंपिंग कमज़ोर हो तो ब्लड प्रेशर लो हो सकता है. दिल के वॉल्व में परेशानी (वॉल्वुलर हार्ट डिज़ीज़) होने पर भी बीपी कम हो सकता है. दिल की धड़कन में कोई गड़बड़ी हो, तो भी बीपी लो हो सकता है

कुछ नॉन-कार्डियक कारण भी होते हैं. जैसे थायरॉइड की बीमारी में ब्लड प्रेशर लो हो सकता है. शरीर में खून की कमी या कमज़ोरी होने पर भी बीपी लो हो सकता है. जब भी किसी का ब्लड प्रेशर कम आए या लगे कि बीपी कम है तो डॉक्टर से चेक कराएं पता करें कि लो बीपी की वजह क्या है. अगर कोई वजह है, तो वो चेकअप से पता चल जाती है. अगर कोई खास वजह नहीं मिलती, तो 90-100 का ब्लड प्रेशर भी कुछ लोगों में नॉर्मल माना जाता है.

low bp
अगर दिल कमज़ोर है और बीपी लो है, तो कार्डियक अरेस्ट हो सकता है

लो बीपी की वजह से कार्डियक अरेस्ट क्यों आता है?

लो बीपी का कार्डियक अरेस्ट से सीधा संबंध नहीं है. लेकिन अगर दिल कमज़ोर है और बीपी लो है, तो कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. इसी तरह, अगर दिल की धड़कन में कोई गड़बड़ी हो और बीपी लो हो, तब भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. अगर हार्ट के वॉल्व खराब हैं और उसकी वजह से बीपी लो है, तो भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. मगर लो ब्लड प्रेशर का कार्डियक अरेस्ट से सीधा-सीधा संबंध नहीं होता. इसलिए, बीपी जिस वजह से लो हो रहा है, उस पर काम करना चाहिए ताकि कार्डियक अरेस्ट को रोका जा सके.

लो बीपी और उससे कार्डियक अरेस्ट न हो, इसके लिए क्या करें?

सबसे ज़रूरी है कि रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं, जिसे एनुअल प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप कहते हैं. ये खून की जांच होती है, जिससे पता चलता है कि सब ठीक है या नहीं. दिल और उसके वॉल्व ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं. अगर ब्लड प्रेशर लगातार लो रहता है और जांच में दिल की कोई समस्या पता चलती है. यानी दिल की कमज़ोरी, खराब वॉल्व या धड़कन में कोई अनियमितता मालूम होती है. तो उसका समय रहते इलाज कराएं ताकि ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहे. ऐसा करने से आप कार्डियक अरेस्ट को पहले ही रोक सकते हैं.

आमतौर पर किसी स्वस्थ इंसान का ब्लड प्रेशर 120/80 होता है. अगर आपका बीपी इससे ज़्यादा या इससे कम रहता है. तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए, ताकि इसका इलाज हो सके.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: सिर्फ एक मिनट चलना इतना फायदा करा देगा!

Advertisement