The Lallantop

खाता खोलने के लिए आधार की मांग पर अड़ा बैंक, खूब देरी की, अब कोर्ट ने मुआवजा देने को कहा

Bombay High Court ने माना कि बैंक Aadhaar Card की मांग पर अड़ा रहा और इसके कारण खाता खोलने में देरी हुई. कोर्ट ने बैंक को आदेश दिया है कि वो याचिकाकर्ता को मुआवजा दे.

Advertisement
post-main-image
बैंक अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. (फाइल फोटो: PTI/इंडिया टुडे)

बैंक अकाउंट खोलने के लिए कोई भी कंपनी आधार कार्ड (Aadhaar Card) की मांग पर जोर नहीं दे सकती. इसके अभाव में न तो खाता खोलने से इनकार किया जा सकता है और न ही इसमें देरी की जा सकती है. अगर कोई बैंक ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. 

Advertisement

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में यश बैंक लिमिटेड को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. क्योंकि बैक, अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड की मांग पर अड़ गया था और इसके कारण खाता खोलने में देरी हुई.

कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि बैंक खाता खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. इसके लिए उन्होंने जस्टिस केएस पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ (2018) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया. लाइव एंड लॉ के मुताबिक, माइक्रोफाइबर प्राइवेट लिमिटेड ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई जस्टिस एमएस सोनक और जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने की.

Advertisement
क्या है पूरा मामला?

साल 2018 में माइक्रोफाइबर प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए यस बैंक लिमिटेड से संपर्क किया. लेकिन बैंक ने कहा कि आधार कार्ड के बिना खाता नहीं खुल पाएगा. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने तर्क दिया कि आधार की मांग गैरकानूनी है और उस समय लागू सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों का उल्लंघन है.

इसके बाद 26 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया. इसमें बैंक खाता खोलने के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया. इसके बाद बैंक इस बात पर सहमत हो गया कि वो बिना आधार के ही बैंक अकाउंट खोल देगा. अंत में कंपनी ने जनवरी 2019 में अकाउंट खोला, लेकिन तब तक काफी देरी हो गई थी. इसके कारण याचिकाकर्ता को नुकसान हुआ.

कोर्ट ने पाया कि सितम्बर 2018 से जनवरी 2019 तक बैंक खाता खोलने में देरी करने का कोई औचित्य नहीं था. हाई कोर्ट ने कहा,

Advertisement

 26 सितंबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, बैंक द्वारा आधार कार्ड पर जोर दिए बिना बैंक खाता खोलने में कोई समस्या नहीं थी.

ये भी पढ़ें: तत्काल टिकट बुकिंग से लेकर पैन-आधार लिंकिंग तक, जानिए 1 जुलाई से क्या-क्या बदल गया

10 लाख हर्जाने की मांग

याचिकाकर्ता ने हर्जाने के तौर पर 10 लाख रुपए का दावा किया था. लेकिन कोर्ट ने पाया कि ये दावा बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है. कोर्ट ने मुआवजे के मामले पर बैंक से लिखित जवाब मांगा था. लेकिन समय रहते जवाब दाखिल नहीं किया गया. अंत में कोर्ट ने मुआवजे के तौर पर 50,000 रुपए देने का आदेश दिया.

वीडियो: खर्चा पानी: बैंक, क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड में क्या क्या बदल रहा?

Advertisement