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मनीषा हत्याकांड: 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, एसपी का ट्रांसफर, फिर भी नहीं थम रहा हंगामा

19 साल की मनीषा का शव 13 अगस्त को सिंघानी गांव में एक खेत में मिला था. उनकी गला रेतकर हत्या की गई. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले को गंभीर मानते हुए भिवानी के एसपी का तबादला कर दिया. साथ ही पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये कदम नाकाफी हैं.

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मनीषा हत्याकांड के खिलाफ प्रदर्शन की तस्वीर. (India Today)

हरियाणा के भिवानी जिले में प्ले-स्कूल शिक्षिका मनीषा की बेरहमी से हत्या के बाद लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है. 17 अगस्त को हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद आज 18 अगस्त को एक महापंचायत बुलाई गई. बैठक में भाजपा के पूर्व मंत्री जेपी दलाल ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन पंचायत ने ज़ोर देकर कहा कि पहले हत्यारों की गिरफ्तारी होनी चाहिए.

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19 साल की मनीषा का शव 13 अगस्त को सिंघानी गांव में एक खेत में मिला था. उनकी गला रेतकर हत्या की गई. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने  इस मामले को गंभीर मानते हुए भिवानी के एसपी का तबादला कर दिया. साथ ही पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये कदम नाकाफी हैं.

मनीषा हत्याकांड

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 11 अगस्त को मनीषा अपने स्कूल से नज़दीकी नर्सिंग कॉलेज में एक कोर्स के बारे में जानकारी लेने गई थीं, लेकिन वापस घर नहीं लौटीं. शाम तक जब वे घर नहीं पहुंचीं और फोन भी नहीं उठाया, तो उनके पिता ने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.

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परिजनों का आरोप है कि लोहारू पुलिस ने उनकी शिकायत पहले नज़रअंदाज़ की और कहा कि "लड़की भाग गई होगी, दो दिन में लौट आएगी". इस लापरवाह रवैये पर मनीषा के माता-पिता ने कड़ा विरोध जताया. रिपोर्ट के मुताबिक परिवार का कहना है कि इसके बाद पुलिस उनके साथ कॉलेज गई थी और वहां तीन शराबी युवकों से पूछताछ हुई. युवकों ने दावा किया कि उन्होंने मनीषा को नहीं देखा और कॉलेज दोपहर 1 बजे बंद हो गया था. 13 अगस्त को एक किसान ने नहर के पास खेत में युवती का शव देखा. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान मनीषा के रूप में की.

शव मिलने के बाद पहला पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की. भिवानी सिविल अस्पताल में भारी तनाव हो गया, जिसके चलते पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया. इसके बाद दूसरे पोस्टमॉर्टम के लिए मनीषा के शव को PGI रोहतक ले जाया गया.

ग्रामीणों में गुस्सा

परिवार का आरोप है कि पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की. उधर घटना के विरोध में गांव में बाजार पूरे वीकेंड बंद रहे. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस जांच में ढिलाई बरत रही है. 16 अगस्त को धिगावा मंडी के पास हुई महापंचायत में हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग हुई. अगले दिन ग्रामीणों ने दिल्ली-पिलानी रोड जाम कर दिया.

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पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं और पोस्टमार्टम PGIMS रोहतक में हुआ है. मौत का असली कारण फॉरेंसिक लैब से विसरा रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा.

इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गांव वालों और दोस्तों ने मनीषा को शांत और सभ्य स्वभाव वाली लड़की बताया. उनकी सहेली पिंकी ने कहा कि यह सोचना भी मुश्किल है कि कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. गांव की एक और महिला ने आरोप लगाया कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो मनीषा की जान बच सकती थी.

कानून-व्यवस्था पर विपक्ष के सवाल?

कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि यह अपराध ‘पूरे देश को हिला देने वाला’ है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जघन्य अपराध नहीं है, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह नाकामी का उदाहरण है. सैलजा ने एसपी के तबादले और पुलिसकर्मियों के निलंबन को सिर्फ दिखावा बताया और हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की.

INLD प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने इस केस को सरकार पर "काला धब्बा" बताया और कहा कि इसने भाजपा के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे की पोल खोल दी है. उन्होंने कहा,

"आज हालात ऐसे हैं कि हरियाणा महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में से एक बन गया है. भाजपा सरकार में बेटियों की सुरक्षा की उम्मीद करना बेकार है."

इधर, AAP के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग धांडा ने आरोप लगाया कि अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और सरकार चुपचाप देख रही है. धांडा ने पुलिस आंकड़े पेश करते हुए बताया कि साल 2025 की पहली छमाही में 4,100 से ज्यादा लोग लापता हुए हैं यानी रोज़ाना औसतन 45 लोग गायब हो रहे हैं और अपहरण के मामले 1,000 से ऊपर जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ जिंद जिले में एक महीने में 17 हत्याएं हुईं और हिसार-रोहतक में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से "प्रशासनिक पंगुता" झलकती है.

विपक्ष के आरोपों के बीच सरकार का भी पक्ष सामने आया है. हरियाणा मंत्री श्रुति चौधरी ने 17 अगस्त को कहा कि सीएम सैनी खुद जांच की निगरानी कर रहे हैं. लेकिन इस हत्याकांड ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस मामले में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) से रिपोर्ट मांगी है.

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