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सिगरेट और तंबाकू नहीं ली, तब भी हो गया मुंह का कैंसर, ये बातें नजर अंदाज ना करें

मुंह का कैंसर भारत में पुरुषों में होने वाला सबसे आम कैंसर है. हम सबने सुना है कि तंबाकू और सिगरेट पीने से ये कैंसर होता है. लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा हो.

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मुंह का कैंसर

किसी को कैंसर क्यों हो जाता है, आज तक इसका कोई सटीक कारण पता नहीं चल पाया है. सिगरेट, तंबाकू के इस्तेमाल से मुंह के कैंसर का रिस्क बढ़ता है. ये एक फैक्ट है. पर ये इकलौती वजह नहीं है. कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्होंने कभी सिगरेट, तंबाकू का इस्तेमाल नहीं किया. फिर भी उन्हें मुंह या गले का कैंसर हो गया. ऐसा क्यों? क्योंकि सिगरेट, तंबाकू के अलावा भी कई कारण हैं, जो मुंह और गले के कैंसर के लिए ज़िम्मेदार हैं.

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चलिए, डॉक्टर से जानते हैं कि सिगरेट, तंबाकू के अलावा, मुंह और गले का कैंसर और किन कारणों से होता है. मुंह और गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं. किस टेस्ट से पक्का पता चल जाता है कि कैंसर है. इससे बचाव और इलाज कैसे करें.

सिगरेट, तंबाकू के अलावा, मुंह का कैंसर और किन कारणों से होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अभिनव नरवरिया ने. 

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dr abhinav narwariya
डॉ. अभिनव नरवरिया, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल, नई दिल्ली

मुंह का कैंसर भारत में पुरुषों में होने वाला सबसे आम कैंसर है. हम सबने सुना है कि तंबाकू और सिगरेट पीने से ये कैंसर होता है. लेकिन इसके कई और कारण भी हो सकते हैं. एक कारण तो बहुत ज़्यादा शराब पीना है. HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) की वजह से भी ये कैंसर होता है. ये मुंह के कैंसर का एक मुख्य कारण है. HPV की वजह से मुंह और गले का कैंसर हो सकता है (ऑरोफैरिंजियल कैंसर). HPV ओरल सेक्स से फैल सकता है. एक से ज़्यादा पार्टनर और अप्राकृतिक सेक्स की वजह से भी HPV फैलता है. 

कई मरीज़ पूछते हैं कि उन्होंने कभी तंबाकू या सिगरेट नहीं पी, तो फिर कैंसर कैसे हो गया? इसका एक कारण गलत तरीके से फिट किए गए डेंचर्स (दांतों के नकली सेट) हो सकते हैं. अगर कोई दांत ज़्यादा निकला हुआ है तो वो बार-बार चोट दे सकता है, जिससे ओरल कैंसर हो सकता है. पुरुषों में ओरल कैंसर होने का चांस ज़्यादा होता है. कुल मिलाकर, कोई भी चीज़ जो आपके मुंह की अंदरूनी स्किन को बार-बार नुकसान पहुंचाए, उसकी वजह से ओरल कैंसर हो सकता है. जब मुंह में बार-बार चोट लगेगी, तो वो एक हद तक ठीक होती रहेगी. पर एक समय ऐसा आएगा, जब सेल्स अनियंत्रित तरीके से बनते जाएंगे और तब ओरल कैंसर हो सकता है.

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 अगर मुंह में कोई छाला हो, जो ठीक नहीं हो रहा तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी (फोटो: Freepik)

मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

- अगर मुंह में कोई छाला हो, जो ठीक नहीं हो रहा

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- एंटीबायोटिक्स लेने के बाद भी आराम नहीं है, तो डॉक्टर को दिखाएं

- अगर आवाज़ में कोई बदलाव है या मुंह में कोई गांठ है, तो ये ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं

- इन लक्षणों को जल्दी पहचान लिया जाए, तो मुंह का कैंसर पूरी तरह ठीक किया जा सकता है

किस टेस्ट से पक्का पता चल जाता है कि मुंह का कैंसर है?

सबसे पहले एक MRI या इमेजिंग टेस्ट कराया जाता है. कभी-कभी OPG यानी दांतों का एक्स-रे भी कराया जाता है. जिससे पता चल सके कि कैंसर मुंह में कहां-कहां फैला है और कितनी गहराई तक गया है. हालांकि मुंह के कैंसर को पक्का साबित करने के लिए सबसे ज़रूरी टेस्ट बायोप्सी होता है. जब तक बायोप्सी न हो, तब तक डॉक्टर पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि कैंसर है या नहीं

मुंह के कैंसर से बचाव और इलाज

अपने मुंह की साफ-सफाई रखें. शराब, सिगरेट और तंबाकू से बचें. अगर मुंह में कोई छाला, सफेद या लाल पैच दिखे, या आवाज़ में बदलाव हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं. मुंह में आए किसी भी बदलाव को हल्के में न लें. डॉक्टर से मिलें, और जांच करा लें कि कहीं उससे मुंह के कैंसर का रिस्क तो नहीं है. आपकी सावधानी ही आपको कैंसर जैसी बीमारी से बचा सकती है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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