इस वक्त पूरे देश में पॉल्यूशन से बुरा हाल है. कई जगहों पर AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 'सीवियर' और 'वेरी पुअर' कैटेगरी में है. दिल्ली में तो प्रदूषण के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट भी हुआ.
प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन, चुभन हो रही? पानी आ रहा? ये नुस्खे काम आएंगे
अगर आंखों में जलन या खुजली ज़्यादा है, तो एक साफ कपड़े को ठंडे पानी से गीला करें. फिर उसे कुछ देर के लिए आंखों पर रखें. आपको आराम ज़रूर मिलेगा.


जो लोग ज़्यादा पॉल्यूशन वाली जगहों पर रह रहे हैं, उन्हें आंखों में कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं. जैसे जलन, चुभन और खुजली. उनकी आंखें लाल हो रही हैं. आंखों से पानी आ रहा है. उनमें ड्राईनेस हो रही है. आंखों में इंफेक्शन के मामले भी बढ़े हैं.
अगर आप भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो कुछ टिप्स आपके काम आ सकती हैं. इनके बारे में हमें बताया निरामया हॉस्पिटल, कोटा में ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ. नेहा जैन ने.

डॉक्टर नेहा कहती हैं कि अगर आपके इलाके में प्रदूषण बहुत ज़्यादा है. तो घर से बाहर निकलने से बचें. खासकर सुबह के समय. इस वक़्त स्मॉग यानी धुंध का लेवल ज़्यादा होता है. अगर बाहर जाना ज़रूरी है, तो सनग्लासेज़ या प्रोटेक्टिव ग्लासेस पहनकर निकलें.
घर वापस आने के बाद, सबसे पहले अपने हाथ धोएं. फिर आंखों को साफ करें. पानी की छींटे सीधे आंखों में न मारें. वरना आंखों की प्रोटेक्टिव लेयर, यानी जो परत उसे नुकसान से बचाती है, उसमें सूखापन बढ़ सकता है.
अगर प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन हो रही है, तो उन्हें रगड़े नहीं. इससे कॉर्निया यानी आंखों की ट्रांसपेरेंट झिल्ली को चोट लग सकती है. ऐसा होने पर आंखों में इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है.
अगर आंखों में जलन या खुजली ज़्यादा है. तो एक साफ कपड़े को ठंडे पानी से गीला करें. फिर उसे कुछ देर के लिए आंखों पर रखें. आपको आराम ज़रूर मिलेगा.
अगर आंखों में सूखापन महसूस हो रहा है, तो पानी खूब पिएं. ज़रूरत पड़े, तो डॉक्टर से पूछकर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स इस्तेमाल करें. ये ड्रॉप्स आंखों में नमी बनाए रखती हैं.

जो लोग कॉन्टैक्स लेंस पहनते हैं, वो इन दिनों लेंस का कम इस्तेमाल करें. वजह? धूल और प्रदूषण के कण लेंस पर चिपक जाते हैं. इससे इंफेक्शन का रिस्क बढ़ता है.
साथ ही, अपने घर के खिड़की-दरवाज़े बंद रखें. एयर प्योरिफायर और ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें, ताकि हवा साफ हो और उसमें नमी भी बनी रहे.
एक ज़रूरी बात. अपना स्क्रीन टाइम कम कर दें. लगातार मोबाइल या लैपटॉप देखने से आंखें में ड्राईनेस हो जाती है. इसलिए 20-20-20 रूल फॉलो करें. यानी हर 20 मिनट बाद, 20 सेकंड के लिए, 20 फीट दूर देखें. काम करते वक्त बीच-बीच में अपनी पलकों को झपकाएं. इससे आंखों में नमी बनी रहती है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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