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बार-बार पेट खराब होता है? कब्ज़ की शिकायत रहती है? अपने खाने में ये चीज़ें शामिल कीजिए

Health Tips: दही, लस्सी और छाछ आपका हाज़मा सुधारने में मदद करते हैं. इन्हें अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें.

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जब खाने में कुछ खास चीज़ें नहीं होतीं, तो हाज़मे से जुड़ी दिक्कतें बढ़ जाती हैं (क्रेडिट: Getty Images)

जिस दिन सुबह-सुबह पेट साफ नहीं होता, पूरा दिन बेकार जाता है. अगर ये सिलसिला लगातार चले, तो न सिर्फ काफी असहज महसूस होता है. बल्कि बहुत परेशानी भी होने लगती है. हेल्दी रहने के लिए ज़रूरी है कि आपका पेट अच्छे से साफ हो.

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अगर आजकल ऐसा नहीं हो रहा है, तो ज़रा याद कीजिए. आपने कल रात में क्या खाया था? परसों दोपहर में क्या खाया था? आपकी परेशानी का जवाब इसी में छुपा है. कई बार हम बिना सोचे-समझे, खा-पी तो लेते हैं. मगर टेस्ट के लिबास में लिपटी ये चीज़ें हमारे पेट की दुश्मन होती हैं. क्या हैं वो चीज़ें, जो हाज़मा ख़राब करती हैं, ये डॉक्टर साहब से जानेंगे. मगर पहले जानिए, खाने-पीने की उन चीज़ों के बारे में, जो हाज़मे के लिए फायदेमंद हैं. 

अच्छे हाज़मे के लिए क्या खाएं?

ये हमें बताया डॉक्टर पवन रावल ने. 

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डॉ. पवन रावल, हेड, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स

जो खाने की चीज़ें हाज़मा सुधारने में मदद करती हैं, वो हैं दही, लस्सी और छाछ. दही खाने में हल्का होता है. इसमें लैक्टोज़ नहीं होता, इसलिए ये अच्छे से पच जाता है. दही में कई तरह के प्रोबायोटिक्स होते हैं. प्रोबायोटिक्स यानी हेल्दी बैक्टीरिया, जो खाना पचाने में मदद करते हैं. इसे ज़रूर खाना चाहिए.

दूसरी चीज़ है फाइबर. फाइबर को आप किसी भी रूप में खा सकते हैं. जैसे ओटमील, अमरुद, सेब, केला, पालक, मटर, फूलगोभी और गाजर. ये न सिर्फ़ खाने को पचाने में मदद करते हैं, बल्कि इनसे स्टूल भी ठीक बनता है. कब्ज़ से बचाव होता है.

तीसरी चीज़ हैं मसाले. जैसे अदरक. अदरक में एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं. ये काफ़ी फ़ायदेमंद है और हाज़मे में भी मदद करता है. 

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पपीता एक काफ़ी अच्छा फल है. पपीते में न सिर्फ़ फाइबर होता है, बल्कि पपेन नाम का एंजाइम भी होता है. ये भी हाज़मे में मदद करता है.

केला भी हाज़मे के लिए एक अच्छा फल है. इसमें अच्छी मात्रा में एनर्जी भी होती है. ये एथलीट्स के लिए भी फ़ायदेमंद है.

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छोले-भठूरे जैसी डीप फ्राइड चीज़ें कम से कम खाएं (क्रेडिट: Getty Images)

हाज़मे को नुकसान पहुंचाती हैं ये चीज़ें

फ्राइड खाने, ख़ासतौर पर डीप फ्राइड चीज़ें हाज़मे के लिए नुकसानदेह हैं. डीप फ्राइड चीज़ों में ट्रांस फैट होता है. ये हाज़मे को नुकसान पहुंचाता है और इससे फैट भी धमनियों में जमा होता है. इससे मेटाबॉलिक सिंड्रोम (स्वास्थ्य समस्याओं का समूह) भी होता है. इसलिए फ्राइड और डीप फ्राइड चीज़ें खाने से बचें.

कैफ़ीन वाले पदार्थ जैसे चाय, कॉफ़ी, कैफीनयुक्त खाने, पीने की चीज़ों को भी कम मात्रा में लें. ये भी हाज़मे को नुकसान पहुंचाते हैं. आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम बीमारी की वजह बनते हैं.

आजकल आर्टिफिशियल स्वीटनर काफ़ी इस्तेमाल हो रहे हैं. इनको अवॉइड करना चाहिए. इनसे न सिर्फ़ हाज़मा ख़राब होता है, बल्कि और समस्याएं भी हो सकती हैं. इनका असर दूसरे अंगों पर भी पड़ता है. प्रोसेस्ड फ़ूड भी हाज़मे के लिए ख़राब हैं. आजकल डिब्बा बंद चीज़ें और प्रोसेस्ड फ़ूड काफ़ी मिलते हैं. ये आसानी से मिल जाते हैं और इन्हें बनाना भी आसान है. ये फ्रेश खाने का विकल्प नहीं हो सकते. इसलिए प्रोसेस्ड फ़ूड से दूरी बना लें.

जो लोग लैक्टोज इंटॉलरेंट हैं यानी जिनमें दूध पीने से गैस बनती है, पेट फूलता है, पेट में मरोड़ उठती है. उनको दूध अवॉइड करना चाहिए. उन्हें दही, लस्सी, छाछ का ज़्यादा सेवन करना चाहिए. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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