सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ महिलाएं पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन करती नज़र आ रही हैं. वीडियो में नज़र आ रहा कि महिलाओं और पुलिसकर्मियों में बहस चल रही है. इसे शेयर करके दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना में पुलिस ने हिंदू त्योहार ‘बथुकम्मा’ खेलने वाली हिंदू महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया.
हैदराबाद में हिंदू त्योहार मनाने पर महिलाएं हुईं गिरफ्तार, लेकिन कब और क्यों?
वीडियो में नज़र आ रहा कि महिलाओं और पुलिसकर्मियों में बहस चल रही है. इसे शेयर करके दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना में पुलिस ने हिंदू त्योहार ‘बथुकम्मा’ खेलने वाली हिंदू महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हैदराबाद भारत में है या पाकिस्तान में? तेलंगाना पुलिस ने रंग-बिरंगे फूलों का हिंदू त्योहार बथुकम्मा खेलने वाली हिंदू महिलाओं को गिरफ्तार किया.जब शांतिप्रिय (समुदाय विशेष की ओर इशारा) तलवारें लहराते हुए और संपत्तियों को नष्ट करते हुए जुलूस निकालते हैं तो किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती. पुलिस कह रही है कि इन महिलाओं के पास बथुकम्मा खेलने की इजाजत नहीं थी. यही सेक्युलर देश है.”

(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.)
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी ‘X’ पर वीडियो को शेयर किया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं.

‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक निकला.
इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स सर्च किया. हमें

इसके अलावा हमें तेलुगु भाषा में फेसबुक पर सर्च करने पर 2018 में अपलोड किए गए कई वीडियो मिले, जिनमें अभी वायरल हो रहा वीडियो मौजूद है. इससे यह तो साफ हो गया कि यह घटना अभी की नहीं है. वीडियो इंटरनेट पर कम से कम पांच साल पहले से मौजूद है.

अब वो सवाल फिर आता है कि क्या बथुकम्मा मना रहीं महिलाओं की पुलिस ने गिरफ्तारी की थी?
इस बात की सच्चाई जानने के लिए हमने हैदराबाद के स्थानीय पत्रकार सैयद मुजतबा हुसैन से संपर्क किया. उन्होंने भी बताया कि वायरल वीडियो कई साल पुराना है और हाल-फिलहाल ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. सैयद की मदद से हमने आनंद गुप्ता डेरोटी से संपर्क किया. अपना परिचय तेलंगाना बीजेपी स्टेट काउंसिल का सदस्य बताने वाले आनंद ने कहा,
“सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो साल 2015 का है. हमने चारमीनार के पास मौजूद भाग्यलक्ष्मी के सामने वाली सड़क पर बथुकम्मा का यह आयोजन कराया था. प्रशासन ने अनुमति नहीं होने का हवाला देकर हमें उस जगह पर त्योहार मनाने से रोक दिया था.”
उन्होंने आगे कहा,
“पुलिस ने इसमें कोई केस नहीं दर्ज किया था. महिलाओं को कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया था.”
बता दें, बथुकम्मा तेलंगाना में मनाए जाने वाले सबसे पुराने त्योहारों में से एक है. यह शारदीय नवरात्र से दो दिन पहले शुरू होता है और अगले नौ दिनों तक मनाया जाता है. इस त्योहार में फूलों की महत्ता अधिक होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, त्योहार के सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने इसे राजकीय त्योहार का दर्जा दिया है.
नतीजा
कुलमिलाकर, महिलाओं और पुलिस की बहस का वायरल वीडियो पांच साल से इंटरनेट पर मौजूद है. इसे अभी भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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