सोशल मीडिया पर ज़मीन पर गिरकर तड़पते एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि तड़प रहा व्यक्ति भागलपुर जेल के बड़े बाबू हैं और उनको कोरोना संक्रमण हो गया है.
11 अप्रैल को फ़ेसबुक यूजर गुलाम सरवर ने पोस्ट (आर्काइव लिंक)
किया,
भागलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ा बाबू को करोना हुआ।
भागलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ा बाबू को करोना हुआ।
Posted by Gulam Sarwar
on Saturday, 11 April 2020
(आर्काइव लिंक)
और यूट्यूब चैनलों ने भी इस वीडियो को सेम दावे के साथ अपलोड किया है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने इस वीडियो के साथ हो रहे दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला.
गूगल पर कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट
(आर्काइव लिंक)
मिली. 14 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार, भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी सेंट्रल जेल और कैंप जेल में कोरोना को लेकर नौ अप्रैल को मॉक ड्रिल किया गया था. इसमें जेल के वॉर्डन ही मरीज बने थे. जेल के स्टाफ़ कोरोना संक्रमण की स्थिति में रेस्क्यू का अभ्यास कर रहे थे. ये वीडियो सोशल मीडिया पर अलग ही दावे के साथ वायरल हो गया.
रिपोर्ट में ये भी ज़िक्र है कि जेल प्रशासन ने जिले के एसएसपी आशीष भारती से इस संबंध में शिकायत की. एसएसपी ने ये वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल करनेवालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
हमने भागलपुर एडिशन के अख़बारों में इस ख़बर के बारे में तलाश की. 10 अप्रैल के ‘प्रभात खबर’ अख़बार के पेज नंबर-2
पर एक ख़बर मिली. इसका टाइटल था,
‘जेल कक्षपाल बने मरीज, जेलर ने ग्लब्स मास्क पहन किया सेनिटाइज’

प्रभात खबर की वो क्लिप जिसमें इस मॉक ड्रिल की रिपोर्ट छपी है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, जेल के एक स्टाफ़ ने इस ड्रिल का वीडियो बना लिया और अपने दोस्तों को भेजा. उसके बाद वीडियो एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल तक पहुंचकर इस दावे के साथ वायरल होने लगा कि भागलपुर में जेल के बड़े बाबू को कोरोना संक्रमण हो गया है. जेल अधीक्षक संजय चौधरी ने इस दावे का खंडन किया था. उन्होंने कहा था, "रिपोर्ट में आप वॉर्डन को जमीन पर लेटे देख सकते हैं. इसी ड्रिल का वीडियो वायरल होकर आप तक पहुंचा है. वीडियो देखकर पैनिक न हों. घर में रहें और लॉकडाउन के नियमों का पालन करें."
नतीजा
भागलपुर में सेंट्रल जेल के बड़े बाबू को कोरोना के दावे वाला वीडियो भ्रामक है. दरअसल, ये मॉक ड्रिल का वीडियो है. जहां जेल के वॉर्डन खुद मरीज बन गए. और, जेल के स्टाफ़ ने रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास किया था.
ये वीडियो बाद में ग़लत दावे के साथ वायरल हो गया. जेल अधीक्षक ने इस दावे का खंडन किया था. भागलपुर के एसएसपी आशीष भारती ने ग़लत दावे के साथ वीडियो शेयर करनेवालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.
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तो हमें मेल करें- padtaalmail@gmail.com
पर.
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