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Fact check: क्या अभिसार शर्मा ने मोदी का विरोध करने के लिए बुजुर्ग को पैसे दिए?

इसी बात के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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फोटो - thelallantop
26 मार्च की रात ट्विटर अचानक एक 7 सेकेंड के वीडियो से भर गया. कई लोग इसको ट्वीट, रिट्वीट कर रहे थे. वीडियो में पत्रकार अभिसार शर्मा दिख रहे हैं. इस छोटी सी बाइट में एक बुजुर्ग के हाथ में वो कागज का कुछ देते दिख रहे हैं. वायरल करने वालों का कहना है कि अभिसार ने मोदी के विरोध में बोलने के लिए बुजुर्ग के हाथ में पैसे दिए हैं. @MODIfiedVikas नाम के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ये वीडियो रिट्वीट करते हुए जो लिखा गया, खुद देखो. हालांकि जो वीडियो ट्वीट किया गया था, उसे पोस्ट कर्ता ने खुद डिलीट कर दिया. abhisar fake news vikas pandey @Being_Humor हैंडल से यही वीडियो ट्वीट किया गया. इसमें रुपये देने का दावा तो नहीं किया गया लेकिन गाली जरूर लिखी गई. जो आजकल नाम के आगे चौकीदार लगाने वाले बहुत से लोगों का फेवरेट काम है. इस ट्वीट में भी चिट पकड़ाने वाला हिस्सा हाईलाइट किया गया है जिसके बाद नीचे के कमेंट्स दिखाते हैं कि जनता वाकई कनविंस हो गई कि पैसे लिए गए हैं. abhisar fake news कुछ फेसबुक पोस्ट्स भी ये वीडियो वायरल करते पाए गए. 'नेशन वांट्स नमो' ग्रुप पर ये मिला. abhisar fake news 2 'जेनुइन ट्रुथ' पेज पर ये सफेद झूठ फैलता हुआ मिला. abhisar fake news 3 हमने अभिसार शर्मा से फोन पर इस पर बात की. कि ये वीडियो कहां से आया. उन्होंने बताया- न्यूज़ क्लिक के यूट्यूब चैनल पर 'west UP हाथ से फिसलता मोदी का गढ़' 26 मार्च की शाम पोस्ट किया गया. उस पर किसी ने कमेंट किया था कि '12.03 मिनट से देखो. मोदी के खिलाफ बोलने का पैसा दिया जा रहा है.' उसके बाद रात भर में ये वीडियो बहुत वायरल हो गई. फिर मैंने न्यूज़ क्लिक से कहा कि वो वीडियो ऐसे नहीं दिखना चाहिए था. पूरा वीडियो उनसे लेकर ट्वीट किया. जिसमें साफ दिख रहा है कि उस बुजुर्ग ने पहले मेरे हाथ में अखबार की कटिंग दी और उस वायरल वीडियो में मैंने वही कटिंग लौटाई. ये बीजेपी की आईटी सेल वालों का काम है. झूठ फैलाना और गाली देना इनका काम है. लेकिन मैं इनसे डरने वाला नहीं, इनके खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. ये रहा वो वीडियो जिसमें अभिसार बुजुर्ग से अखबार की कटिंग लेते और इंटरव्यू के दौरान ही वापस देते दिखते हैं. तो जो लोग भी इस फ़ेक वीडियो को फैला रहे हैं वो जान लें कि मामला क्या है. झूठी खबरें फैलाना क्राइम है. चुनाव का टाइम हो या न हो, झुट्ठई से कान पकड़ लो. झूठ फैलाने के पैसे मिल रहे हों तो भी सोच लो, फंसोगे तो लंबे जाओगे. अगर आपको कोई शक करने टाइप चीज मिले तो padtaalmail@gmail.com पर भेजो.