The Lallantop

यूपी की 'दुकान' से सैकड़ों EVM बरामद होने का दावा और वीडियो की असली कहानी

सोशल मीडिया पर EVM का एक वीडियो काफी वायरल है. इसमें कुछ लोग एक कमरे से कई EVM के बक्से को लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. यूजर्स इसे शेयर करके चुनाव में धांधली जैसे दावे कर रहे हैं.

Advertisement
post-main-image
ईवीएम का एक वायरल वीडियो चुनाव धांधली का बताकर शेयर किया जा रहा है. (तस्वीर:सोशल मीडिया, PTI)
दावा:

चंडीगढ़ (Chandigarh Mayor Election) में हुए मेयर चुनाव में धांधली होने का आरोप लगा. चुनाव में इस्तेमाल हुए बैलेट पेपर से छेड़छाड़ का दावा किया गया. इधर सोशल मीडिया पर EVM से 'खेल' किए जाने का एक दावा वीडियो की शक्ल में सामने आया. इसमें कुछ लोग एक कमरे से कई EVM के बक्से ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वहां खड़े लोग वीडियो बनाते नज़र आ रहे हैं. कुछ यूजर्स इसे शेयर करके चुनाव में धांधली जैसे दावे भी कर रहे हैं. वीडियो यूपी के चंदौली जिले का बताकर शेयर हो रहा है. कहा जा रहा है कि यहां की एक दुकान से 300 EVM बरामद हुई हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “300 से ज्यादा EVMs चंदौली के एक फोटो की दुकान में पकड़ी गईं. बहुत शर्मनाक राजनीति चल रही है. शुरू के बैलेट पेपर की गिनती में विपक्षी पार्टियां आगे रहती हैं, लेकिन जब EVM की गिनती शुरू होती है तो बीजेपी आगे निकलने लगती है. EVM धोखा नहीं चलेगा.”

सोशल मीडिया पर वायरल EVM की कथित धांधली के वीडियो का स्क्रीनशॉट.

कई अन्य यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया है.

Advertisement

पड़ताल

क्या वाकई चंदौली में हाल-फिलहाल एक दुकान से 300 EVM पकड़ी गई हैं? इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें हाल-फिलहाल की ऐसी कोई प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में EVM बरामद होने की कोई पुख्ता खबर नहीं मिली. इसी खोजबीन में हमें वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन में डीएम चंदौली का एक ट्वीट मिला. इसमें उन्होंने बताया कि यह वीडियो साल 2019 का है और उस समय भी EVM को लेकर धांधली जैसी कोई बात नहीं हुई थी. डीएम चंदौली ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 

“उस वक्त VVPAT को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिफ्ट किया गया था. इस दौरान किसी भी तरह का कोई गैरकानूनी काम नहीं हुआ था.”   

Advertisement
डीएम चंदौल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.

बता दें, VVPAT यानी वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल चुनाव को और पारदर्शी बनाने की एक व्यवस्था है. इसमें होता क्या है कि EVM से वोट डालने के तुरंत बाद एक कागज की पर्ची बनती है. इस पर जिस कैंडिडेट को वोट दिया गया है, उसका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है. वोट डालने के बाद वोटिंग प्रक्रिया से जुड़े किसी विवाद को सुलटाने के लिए इस पर्ची का इस्तेमाल किया जाता है.

डीएम चंदौली और चंदौली पुलिस ने वीडियो के जरिए भ्रम फैलाने वालों पर कार्यवाही करने की भी बात की है.

चंदौली पुलिस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.

एक्स पर कुछ कीवर्ड सर्च करने पर मालूम पड़ा कि यह वीडियो चार साल पहले, 19 मई 2019 को भी इसी दावे के साथ वायरल किया गया था. उस वक्त ‘आजतक’ ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक बताया था. तब तत्कालीन चंदौली के डीएम नवनीत चहल ने बताया था कि रिज़र्व्ड EVM को चंदौली के नवीन मंडी के स्ट्रांग रूम में रखे जाने पर कुछ राजनैतिक दलों ने ऐतराज जताया था. इस कारण इन रिज़र्व्ड EVM को कलेक्ट्रेट में ले जाया जा रहा था. ये उसी वक्त का वीडियो है.

वीडियो को लेकर तब चुनाव आयोग के प्रवक्ता के ‘एक्स’ हैंडल से भी एक ट्वीट किया गया था. इसमें  समाजवादी पार्टी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने चुनाव आयोग की कार्यवाही को लेकर अपनी संतुष्टि जाहिर की थी.

चुनाव आयोग के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.
निष्कर्ष

कुलमिलाकर, EVM मशीन को लेकर हो रहा वीडियो चार साल पुराना है. उस वक्त चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जांच में इसमें कोई धांधली नहीं पाई थी. जिसे लेकर समाजवादी के जिला अध्यक्ष ने अपनी सतुंष्टि भी जाहिर की थी.  

पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें.

वीडियो: पड़ताल: राजस्थान डिप्टी CM दिया कुमारी ने की तलवारबाज़ी?

Advertisement