पुणे की 22 साल की एक लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli arrest) को गुरुग्राम से कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन पर सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई टिप्पणियों से धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप हैं. लेकिन उनकी गिरफ्तारी की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर कन्हैया लाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों के तस्वीर और वीडियो वायरल हैं. दो अलग-अलग घटनाओं को जोड़कर दावे किए जा रहे हैं. दावा ये कि, जहां पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक छात्रा को गिरफ्तार कर लिया, वहीं कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों आरोपियों मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को जमानत मिल गई है.
क्या शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के बीच कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को जमानत मिल गई?
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को जमानत मिल गई है. कहा जा रहा कि जहां पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक छात्रा को गिरफ्तार कर लिया, वहीं कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों आरोपियों मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को जमानत मिल गई है.
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चंदन शर्मा नाम के यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा,
“कोलकाता पुलिस द्वारा शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया गया है जिसका पुरजोर विरोध होना चाहिए. एक तरफ कन्हैया लाल जी के हत्यारे को ज़मानत मिलता है, दुसरी तरफ पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया जाता है.”

फेसबुक पर संबित पात्रा के नाम पर बने फैन पेज ने लिखा, “कोलकाता पुलिस द्वारा शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया गया है जिसका पुरजोर विरोध होना चाहिए. एक तरफ कन्हैया लाल जी के हत्यारे को ज़मानत मिलता है, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया जाता है. एक देश में दो कानून क्यों चला रही है हमारे देश की अदालतें.”

इसी तरह के दावे कई अन्य यूजर्स ने भी किए है जिनके पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.
पड़तालक्या है वायरल दावे की सच्चाई? क्या शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बीच कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को जमानत मिल गई?
गूगल सर्च में हमें ऐसी कोई प्रमाणिक खबर नहीं मिली जिससे दोनों को जमानत मिलने की पुष्टि होती हो. न ही ऐसा कोई कोर्ट ऑर्डर मिला जिसमें दोनों को जमानत मिलने की बात हो. ऐसा सच में हुआ होता तो ये खबरों में होता. हालांकि, इस खोजबीन में हमें साल-डेढ़ साल पुरानी कुछ ऐसी खबरें जरूर मिली जिनमें इस मामले के दो अन्य आरोपियों को जमानत मिलने का जिक्र है.
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए आजतक ने कन्हैया के बेटे यश और वकील विक्रमादित्य उज्जवल से बात की. दोनों ने मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को जमानत मिलने की बात को नकार दिया. यश का कहना है कि उनके पिता के केस में फिलहाल जावेद और बबला को जमानत मिली है.
वहीं, वकील उज्जवल का कहना है कि रियाज और गौस अजमेर जेल में बंद हैं. इससे तो यह स्पष्ट है कि कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को जमानत मिलने की बात बेबुनियाद है. ये तो बात हो गई मामले की सच्चाई की. अब मामले का कॉन्टैक्स्ट समझ लेते हैं.
दरअसल, 28 जून 2022 को रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद नाम के दो कट्टरपंथियों ने उदयपुर के कन्हैया लाल नाम के एक टेलर की हत्या कर दी थी. हत्यारों ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या की वजह बना कन्हैया द्वारा किया गया सोशल मीडिया पोस्ट जिसे उन्होंने नूपुर के समर्थन में शेयर किया था.
कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA को सौंप दी गई थी. NIA ने इस मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया था. इन 11 लोगों में मोहम्मद जावेद और फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला नाम के दो व्यक्ति भी शामिल थे. बबला को एनआईए कोर्ट ने 1 सितंबर, 2023 को और जावेद को राजस्थान हाई कोर्ट ने सितंबर 2024 में जमानत दी थी. लेकिन घटना के मुख्य आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं.
नतीजाकुल मिलाकर, दो अलग-अलग घटनाओं को जोड़कर भ्रामक दावे शेयर किए गए हैं. कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को जमानत नहीं मिली है.
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