यूपी के बरेली में I love Mohammad का पोस्टर लगाने को लेकर प्रदर्शन हुआ. इसके बाद से पुलिसिया कार्रवाई चल रही है. अब तक मौलाना तौकीर रज़ा समेत 70 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अब इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में ज्यादातर लोग मुस्लिम टोपी पहने दिख रहे हैं. इसे शेयर करके कहा जा रहा कि पुलिस कार्रवाई से डरकर मुसलमान बरेली छोड़कर भाग रहे हैं. लेकिन वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है? यह जानेंगे आज के पड़ताल में.
पुलिस की कार्रवाई से बरेली छोड़कर भाग रहे मुसलमान? पड़ताल में सारी सच्चाई सामने आ गई
वीडियो शेयर करके कहा जा रहा कि पुलिस कार्रवाई से डरकर मुसलमान बरेली छोड़कर भाग रहे हैं. लेकिन वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है? यह जानेंगे आज के पड़ताल में.


दावा
फेसबुक पर सुनील सिंह नाम के यूजर ने वीडियो शेयर किया. कैप्शन में लिखा,
“इनका भूत तो बहुत जल्दी उतर गया. बरेली के तौकीर रजा के बहकावे में आकर पूरे देश से मुसलमान बरेली में इकट्ठा हुए थे. यूपी पुलिस अब कैमरों में पहचान कर कार्यवाही का आदेश दिया है तब ये सब बरेली छोड़कर भाग रहे हैं.”

इसी तरह के दावे X पर भी कई अन्य यूजर्स ने किए हैं. जिनके पोस्ट आप स्क्रीन पर देख सकते हैं.
पड़ताल
तो क्या वाकई पुलिस कार्रवाई से डरकर मुस्लिम बरेली छोड़कर भाग रहे? वायरल हो रहे वीडियो का सच जानने के लिए कॉमेंट सेक्शन को खंगाला. यहां हमें DRM मुरादाबाद का रिप्लाई मिला. जिसमें दावे का खंडन किया गया है. साथ में लिखा है, वीडियो आला हजरत उर्स के समय का है. फिलहाल बरेली जंक्शन की भीड़ की स्थिति सामान्य है.
अब बात कि वायरल हो रहा वीडियो कब का है? कहां का है? DRM मुरादाबाज के पोस्ट से हमें एक हिंट मिला. हमने ‘उर्स बरेली जंक्शन’ जैसे कीवर्ड्स यूट्यूब पर सर्च किए. इस कड़ी में हमें ये वीडियो ‘The Leader Hindi’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. इसे 21 अगस्त, 2025 को अपलोड किया गया था.
अब इससे यह साफ हो गया कि वीडियो का बरेली में हालिया घटना से कोई संबंध नहीं. क्योंकि बरेली में हालिया विवाद 26 सितंबर से शुरू हुआ है.

थोड़ी और क्लैरिटी के लिए हमने यूट्यूब चैनल के बायो सेक्शन में दिए नंबर पर फोन किया. हमारी बात चैनल से जुड़े वसीम अख्तर से हुई. उन्होंने भी वायरल दावे को गलत बताया. बोले,
“यह वीडियो 20 अगस्त को शूट किया था. बरेली में 18,19 और 20 को आला हज़रत साहब का उर्स था. इस मौके पर बरेली में भीड़ इक्ट्ठा हुई थी. बाहर ले भी लोग आए थे. 20 अगस्त को ये लोग वापस आए लोग अपने शहर जा रहे थे. ये उन्हीं लोगों की भीड़ थी.”
अगस्त 2025 में छपी मीडिया रिपोर्ट भी बरेली में उस वक्त भारी भीड़ की तस्दीक करती हैं. तीन दिन तक चले इस आयोजन में लाखों लोग जुटे थे.
नतीजा
कुल मिलाकर, हमारी पड़ताल में साफ है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो एक महीना पुराना है. इसका हालिया पुलिस कार्रवाई से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो: पड़ताल: बरेली में रेलवे स्टेशन पर शहर छोड़कर जा रहे मुस्लिमों की भीड़, वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है?