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'मां' के किरदार के लिए मशहूर एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर का निधन

एक दौर था जब ज्यादातर फिल्मों में 'मां' सुलोचना लाटकर ही होती थीं

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सुलोचना लाटकर ने अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार के साथ कई फिल्में कीं

मशहूर फिल्म एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर (Sulochana Latkar) का निधन हो गया है. 94 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. पिछले कई दिनों से उनकी हालत गंभीर थी. वो मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक सुलोचना लाटकर कई बीमारियों से पीड़ित थीं, इनमें से ज्यादातर बीमारियों उन्हें उम्र की वजह से थीं. 

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एक्ट्रेस की बेटी ने मीडिया को बताया कि उनकी मां को सांस लेने में तकलीफ और उम्र से संबंधित समस्याओं की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार 3 जून को उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ने लगी थी. फिर उन्हें वेंटिलेटर पर लगातार ऑक्सीजन दी जा रही थी. लेकिन रविवार, 4 जून की शाम को वो मौत से जंग हार गईं. सुलोचना लाटकर का अंतिम संस्कार सोमवार, 5 जून की सुबह मुंबई के दादर में किया जाएगा.

‘मां’ के किरदार से मिली पहचान

सुलोचना लाटकर ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई हिट फिल्में दीं. इनमें 'कटी पतंग', 'जॉनी मेरा नाम', 'दिल देके देखो' और 'खून भरी मांग' जैसी फिल्में शामिल रहीं. इसके अलावा उन्होंने कई मराठी फिल्मों में भी काम किया. सुलोचना लाटकर ने करीब 250 हिंदी और 50 मराठी फ़िल्में कीं. इन्होंने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार की ऑनस्क्रीन मां के रोल में पहचान बनाई. लोग इन्हें एक्टर्स की ऑनस्क्रीन मां के किरदार से ही जानते थे. इनमें 'रेशमा और शेरा', 'मजबूर' और 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी फिल्में शामिल हैं.

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सुलोचना लाटकर को साल 1999 में पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजा गया था. इसके अलावा इन्हें फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2004) और महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड (2009) मिल चुका है. फिल्मों में सुलोचना ने साल 1988 में काम करना बंद कर दिया था. पर वह एक्टिंग को काफी मिस करती थीं. उनका कहना था कि वह अगले जन्म में भी एक्ट्रेस बनना चाहती हैं. और पर्दे पर 'झांसी की रानी' और 'महारानी अहिल्याबाई होल्कर' का किरदार अदा करना चाहती हैं.

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