फिल्म- बागी 4
डायरेक्टर- ए.हर्षा
एक्टर्स- टाइगर श्रॉफ, संजय दत्त, हरनाज़ संधु, सोनम बाजवा, श्रेयस तलपड़े, सौरभ सचदेवा, उपेंद्र लिमये
रेटिंग- 1 स्टार
फिल्म रिव्यू- बागी 4
टाइगर श्रॉफ की 'बागी 4' कैसी है, जानिए ये रिव्यू पढ़कर.


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जिस फिल्म को आप बिना किसी एक्सपेक्टेशन के देखने गए हों और फिर भी आप सिनेमाघर से भयंकर निराश होकर लौटें, तो सोचिए हालत कितनी खराब है. हम उम्मीद करते हैं कि आपने गेस कर लिया होगा कि हम 'बागी 4' की बात कर रहे हैं. इससे पहले की आप आहत हों, हम बता दें कि आप रिव्यू नहीं, रैंट देख रहे हैं. रिव्यू तो फिल्मों का होता है, 'बागी 4' ट्रॉमा है. ये तो पिछली तीन फिल्मों से ज़ाहिर हो चुका है कि 'बागी' फ्रैंचाइज़ के मेकर्स को ओरिजिनैलिटी से नफरत है. उसी तर्ज पर 'बागी 4' भी 2013 में आई तमिल फिल्म Ainthu Ainthu Ainthu की रीमेक है.
'बागी 4' की कहानी कुछ यूं है कि रॉनी का एक बुरा एक्सीडेंट होता है. उसे लगता है कि इस एक्सीडेंट में उसकी प्रेमिका अलिशा की मौत हो गई है. मगर रॉनी के अलावा किसी को उस लड़की के बार में कुछ नहीं पता. या यूं कहें कि दुनिया में उसका कोई नामों-निशान ही नहीं है. डॉक्टर बताता है कि रॉनी हैलुसिनेट कर रहा है. यानी जो कुछ भी उसे देख रहा है, वो उसके दिमाग का वहम है. अलिशा नाम का कोई व्यक्ति एग्जिस्ट ही नहीं करता. अब रॉनी को ये समझ नहीं आता कि क्या रियल है और क्या नहीं. ठीक यही समस्या फिल्म देखते हुए दर्शकों के साथ भी आती है. उन्हें भी समझ नहीं आता कि जो वो स्क्रीन पर देख रहे हैं, क्या ये असल में हो रहा है. किसी ने सही में ऐसी फिल्म बनाई है? क्या सही में ये स्क्रिप्ट कई लेवल से पास होकर यहां पहुंची है? कौन लोग हैं, जो इस तरह की स्क्रिप्ट और VFX अप्रूव कर रहे हैं?
'बागी 4' एक एक्शन फिल्म है. पूरी फिल्म में टाइगर श्रॉफ उछल-कूद कर रहे हैं. मगर असली स्टंट दर्शक कर रहे हैं. 2.5 घंटे तक इस फिल्म को बर्दाश्त करना किसी स्टंट से कम नहीं है. जो आपको मानसिक तौर पर इस कदर प्रभावित करती कि उससे उबरने में वक्त लगता है. उबरने से याद आया कोई टाइगर श्रॉफ को बताओ कि आज कल उबर नाम की एक कैब सर्विस भी चलती है. क्योंकि वो आदमी हर जगह दौड़कर ही पहुंच जा रहा है.
जैसा कि हमने पहले बताया 'बागी 4' में कुछ भी ओरिजिनल नहीं है. कहानी तमिल फिल्म से ली गई है. एक्शन सीक्वेंस 'एनिमल' से उठाए गए हैं. 'बागी 4' का 'ये मेरा हुस्न' गाना देखेंगे, तो समझते देर नहीं लगेगी कि ये 'बेशरम रंग' की बुरी नकल है. यहां तक कि इस गाने में हरनाज़ संधु ने कॉस्ट्यूम भी दीपिका पादुकोण जैसे ही पहने हैं. पिछले डेढ़-दो साल में जितनी हिट फिल्में आई हैं, उन सबकी कोई न कोई चीज़ आपको 'बागी 4' में मिलेगी.
मैं पिछले कुछ समय से सुन रहा हूं कि इस फिल्म में टाइगर श्रॉफ की एक्टिंग में काफी इंप्रूवमेंट हुई है. बाल और दाढ़ी अलग तरह से कटा लेने से आपकी अभिनय क्षमता नहीं बेहतर हो जाती. हरनाज़ संधु इसीलिए फिल्म में कास्ट की गई हैं, ताकि टाइगर की एक्टिंग लोगों को अच्छी लगे. सोनम बाजवा ने फिल्म में ओलिविया नाम की स्पैनिश कॉल गर्ल का रोल किया है. उस पात्र के होने के का क्या मतलब था, मुझे ये अब तक समझ नहीं आया. हालांकि मैं खुद की ऑप्टिमिज़्म को दाद देना चाहूंगा कि मैं उस फिल्म को समझने की कोशिश कर रहा हूं, जिसमें सोचने-समझने को कुछ है ही नहीं.
'बागी 4' में दो लोगों का रोल सबसे इंट्रेस्टिंग है. सौरभ सचदेवा और संजय दत्त. संजय दत्त ने चाको नाम के गैंगस्टर का रोल किया है. उसकी हेयरस्टाइल 'एनिमल' में रणबीर की हुबहू कॉपी है. जैसे एनिमल में रणविजय का किरदार चर्च में जाकर अपने पापों का कन्फेशन करता है, ठीक वैसा ही सीन आपको 'बागी 4' में भी मिलेगा. सौरभ सचदेवा ने चाको के खास बटन का रोल किया है. जो रोल उन्होंने 'एनिमल' में किया था, डिट्टो वही रोल. उन्हें देखकर लगता है कि वो हर सीन में इस बात का अफसोस कर रहे हैं. उपेंद्र लिमये ने फिल्म में एक पुलिसवाले का रोल किया है. जिसके लिए करने के लिए कुछ नहीं है. मगर परफॉरमेंस के मामले में वो इस फिल्म के सेविंग ग्रेस हैं.
इस फिल्म की एक चीज़ है, जो आपको सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है. वो है फिल्म का सेल्फ-अवेयरनेस. फिल्म में एक गाना है, जो खास ये फिल्म देखने वालों के लिए बनाया गया है. उस गाने का नाम है 'रोना सीखा दिया'. आप एंटरटेन होने जाते हैं मगर ये फिल्म आपको कुछ सिखाकर भेजती है. सबक सिखाकर.

मेरी साजिद नाडियाडवाला से हाथ जोड़कर गुज़ारिश है कि प्लीज़ जैकी श्रॉफ के बेटे से दूर रहिए. टाइगर श्रॉफ को सलाह है कि प्लीज़ कुछ समय के लिए एक्शन फिल्मों से दूर रहिए. और दर्शकों से गुज़ारिश है कि अगर आपने बहुत दिनों से कोई अच्छी फिल्म नहीं देखी, तो 'बागी 4' से भी दूर ही रहिए.
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