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1600 करोड़ की 'रामायण' बनाने वाले नमित मल्होत्रा, जिन्होंने घर गिरवी रखकर कंपनी खोली!

ये आदमी हमेशा 'अवतार' बनाने वाले जेम्स कैमरन का शुक्रगुज़ार रहेगा. इसकी क्या वजह है, जानने के लिए स्टोरी पढ़िए.

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'रामायण' के दोनों पार्ट बनाने में 1600 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

03 जुलाई को Ramayana का फर्स्ट लुक टीज़र उतारा गया. पूरे देशभर में इस टीज़र को लॉन्च किया गया. Ranbir Kapoor और Yash की हल्की-सी झलक मिली. फैन्स झूम उठे. Hans Zimmer और A.R. Rahman के म्यूज़िक ने माहौल सेट कर दिया. हान्स ज़िमर का सिग्नेचर स्टाइल म्यूज़िक अपने आप में एक स्टेटमेंट था, कि ये ऐसी फिल्म होगी जिस पर पूरी दुनिया की नज़र रहने वाली है. ‘रामायण’ को दो पार्ट्स में बनाया जा रहा है. पहला परत 2026 में दिवाली पर आएगा और दूसरा 2027 में रिलीज़ किया जाएगा. पहले खबर थी कि इन फिल्मों को 800-900 करोड़ रुपये के बजट पर खड़ा किया जाएगा. मगर ऐसा नहीं है. हालिया मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ‘रामायण’ के दोनों पार्ट्स में 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इंडियन सिनेमा के इतिहास में किसी फिल्म का बजट इतना नहीं रहा है. जनता ये जानने को इच्छुक थी कि ‘रामायण’ को इतने बड़े स्केल पर कौन बना रहा है. फिल्म के टाइटल के ठीक ऊपर एक नाम नज़र आया. Namit Malhotra का नाम.

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सोशल मीडिया पर भी इस फिल्म को नमित मल्होत्रा की ‘रामायण’ पुकारा जा रहा है. नमित मल्होत्रा कौन हैं? इसका एक लाइन वाला जवाब ये है कि उनकी कंपनी Prime Focus Studios, यश की Monster Mind Creations के साथ मिलकर ‘रामायण’ को प्रोड्यूस कर रही है. DNEG नाम की कंपनी ‘रामायण’ के लिए VFX बना रही है, नमित उसके CEO हैं. ये वही कंपनी है जो Interstellar, Inception, Dune, Blade Runner 2049 और Brahmastra जैसी बड़ी फिल्मों पर काम कर चुकी है. विज़ुअल इफेक्ट्स पर अपने काम के लिए 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुकी है. लेकिन नमित का परिचय सिर्फ इतना नहीं हो सकता. ‘रामायण’ जैसे प्रोजेक्ट को ग्लोबल मैप पर ले जाने का सपना उनका ही था. ये सपना कब और कहां से शुरू हुआ, ये समझने के लिए पहले नमित की कहानी जाननी होगी.

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नमित मल्होत्रा और यश की कंपनी मिलकर ‘रामायण’ को प्रोड्यूस कर रही हैं. 

कच्ची उम्र में ही सिनेमा नमित की ज़िंदगी में आ चुका था. पिता नरेश मल्होत्रा अपने ज़माने के प्रोड्यूसर थे. वहीं दादा M.N. मल्होत्रा एक सिनेमैटोग्राफर थे. मुकुल आनंद की फिल्में देख बड़े हुए नमित खुद भी एक डायरेक्टर बनना चाहते थे. मगर वो सपना कभी उड़ान नहीं भर सका. नाइनटीज़ का दौर था. कंप्युटर उस समय की कूल टेक्नोलॉजी था. साल 1995 में नमित ने भी एक कंप्युटर ग्राफिक क्लास में एडमिशन ले लिया. हालांकि कुछ समय बाद ही उन्हें एहसास होने लगा कि ये काम उनके लिए नहीं बना है. उन्हें कुछ और करना चाहिए. मन की इसी आवाज़ को आज़माने के लिए उन्होंने एक एडिटिंग स्टूडियो खोला. इसे सेटअप करने के लिए पैसा नहीं था. तो पिता ने घर गिरवी रख दिया. जगह की कमी थी. तो खार में अपने घर के बगल वाला गराज किराये पर ले लिया. उस गराज से ही नमित अपना स्टूडियो चलाने लगे. एडिटिंग का काम करने के लिए लोग चाहिए थे. तो कंप्युटर क्लास के अपने टीचर्स को कंपनी में अपना पार्टनर बना लिया. नमित का मानना था कि जब वो लोग उनके जैसे स्टूडेंट को सिखा सकते हैं, तो वो कुछ भी कर सकते हैं. नमित ने अपनी इस पहली कंपनी का नाम रखा, Video Works.

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वो लोग सोनी और ज़ी जैसे टीवी चैनल्स के लिए एडिटिंग किया करते. दूसरी ओर उनके पिता Video Workshop नाम की अपनी कंपनी चला रहे थे. ये कंपनी शूट के लिए इक्विपमेंट रेंट पर दिया करते थे. नमित ने अपना एडिटिंग वाला काम दो साल तक जारी रखा. कई बड़े टीवी चैनल के साथ काम करने का मौका मिला. अब वो एक स्टेप आगे जाना चाहते थे. उन्होंने अपनी और पिता की कंपनी को मर्ज कर दिया. इस तरह प्राइम फोकस की नींव पड़ी. काम का दायरा भी बढ़ा. अब वो लोग विज़ुअल इफेक्ट, कलर करेक्शन और साउंड की फील्ड में भी उतर रहे थे. BBC को दिए इंटरव्यू में नमित बताते हैं कि वो लोग अपनी सर्विस को लगातार एडवांस किए जा रहे थे. साल 2004 में ये लोग स्पेशल इफेक्ट्स के लिए रोबोटिक क्रेन ले आए. इंडिया में ये अब तक किसी ने भी नहीं किया था.

नमित को उम्मीद थी कि उनकी इनोवेशन का स्वागत किया जाएगा. मगर ऐसा नहीं हुआ. वो याद करते हैं कि इंडिया में उस समय फिल्ममेकर्स अपने कम्फर्ट पर ज़्यादा ध्यान दे रहे थे. स्पेशल इफेक्ट्स को लेकर एक किस्म की झिझक थी. ये एक तरह का साइन था, कि उन्हें अपने काम को बाहर लेकर जाना चाहिए. नमित भले ही इंडिया में अपनी पसंद का काम नहीं कर पा रहे थे. लेकिन वो इस बात से भी अवगत थे कि अपनी जड़ें हिलानी नहीं हैं. विदेश की तुलना में ये काम इंडिया में सस्ता था. इसलिए वो इंडिया में रहते हुए हॉलीवुड फिल्मों के लिए काम करना चाहते थे.

प्राइम फोकस को हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स भी मिलने लगे. नतीजतन साल 2006 में नमित की प्राइम फोकस इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो गई. लिस्ट होने के एक साल बाद ही कंपनी 500% रिटर्न ऑफर कर रही थी. प्राइम फोकस ने 3-D की दुनिया में भी पांव जमाने शुरू कर दिए थे. सब कुछ किसी सपने जैसा था. एकदम Too good to be true टाइप. लेकिन तभी कंपनी को झटका लगा. साल आया 2008. हॉलीवुड में राइटर्स ने स्ट्राइक कर दी. वैश्विक मंदी भी दरवाज़ा खटखटा रही थी. हॉलीवुड में शुरू हुए बड़े प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया. किसी के पास भविष्य को लेकर कोई पुख्ता जवाब नहीं था. सारी संभावनाएं, आशंकाओं का चोगा ओढ़ रही थीं.

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‘ड्यून’ के VFX भी DNEG ने बनाए थे. 

ऐसे में उनकी कंपनी को एक प्रोजेक्ट ऑफर हुआ. फिल्म थी Journey To The Centre of Earth. इस फिल्म को 2-D में शूट किया गया था. प्राइम फोकस को इसे 3-D में कन्वर्ट करना था. काम हो गया. इस फिल्म ने भले ही प्राइम फोकस को जगतख्याति नहीं दिलवाई. लेकिन ये उन्हें जेम्स कैमरन तक ले गई. वो तब ‘अवतार’ पर काम कर रहे थे. जेम्स ने अपनी फिल्म का 3-D वाला काम नमित की कंपनी को सौंप दिया. नमित एक इंटरव्यू में बताते हैं कि ‘अवतार’ उनके लिए सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था. इस एक फिल्म ने उनकी कंपनी को बचा लिया. उसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ी. ‘हैरी पॉटर’, ट्रांसफॉर्मर्स’ और ‘स्टार वॉर्स’ जैसी बड़ी फ्रैंचाइज़ पर काम करने का मौका मिला. नमित के प्रोफेशनल करियर का अगला बड़ा पढ़ाव आया 2014 में. प्राइम फोकस ने ब्रिटिश VFX कंपनी DNEG (डबल नेगेटिव) को खरीद लिया. DNEG उस पॉइंट तक क्रिस्टोफर नोलन की Inception के लिए VFX बना चुकी थी. उस फिल्म पर काम के लिए अकैडमी अवॉर्ड भी जीता. प्राइम फोकस के जुडने के बाद उनकी झोली में सात और अकैडमी अवॉर्ड आए.

साल 2013 में The Economic Times के एक इंटरव्यू में नमित से एक सवाल किया गया. कि आप अपने काम के साथ कब एक्सपेरिमेंट करेंगे? नमित ने जवाब में कहा,

“अभी कुछ भी कहने के लिए बहुत जल्दी है. लेकिन मैं मानता हूं कि जो टैलेंट हमारे पास इंडिया, कैनेडा और इंग्लैंड में है, उसकी बदौलत वही क्षमता हम इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में भी ला सकते हैं. हमें इंडिया का पिक्सार या मार्वल बनना है. हमारे पास मौका है, और हम वो कंपनी हैं जो इसे साकार कर सकती है.”

इस इंटरव्यू के दो साल बाद नमित ने अपने करियर के सबसे ऐम्बिशियस प्रोजेक्ट ‘रामायण’ की शुरुआत की. ये उनके प्रोडक्शन में बननेवाली सबसे बड़ी फिल्म है. लंबी प्लैनिंग के बाद 2023 में इस फिल्म को फ्लोर पर ले जाया गया. हाल ही में पहले पार्ट की शूटिंग खत्म हुई है. ज़ोरों-शोरों के साथ पोस्ट-प्रोडक्शन का काम चल रहा है. अगर सारा गणित सही रहा, तो 2026 की दिवाली पर ये फिल्म सिनेमाघरों में लग जाएगी.            
   

 

 

वीडियो: रणबीर-यश की 'रामायण' के टीजर ने एक नया इतिहास रच दिया

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