दी लल्लनटॉप के शो 'बैठकी' में इस बार गेस्ट बनीं माजा दारूवाला (Maja Daruwala), जो फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ (Sam Manekshaw) की बेटी हैं. सैम मानेकशॉ भारतीय सेना के चीफ रह चुके हैं. 1971 में बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध अपने चरम पर था. तब मानेकशॉ की अगुआई में भारत ने पाकिस्तान को हराकर उसके दो टुकड़े किए थे. और आजाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था.
इंदिरा गांधी के बारे में क्या कहते थे सैम मानेकशॉ? बेटी माजा ने सच बता दिया
जब Sam Manekshaw भारतीय सेना की बागडोर संभाल रहे थे तो प्रधानमंत्री Indira Gandhi थीं. Maja Daruwala से हमने जानने की कोशिश की कि इंदिरा गांधी के बारे में मानेकशॉ क्या कहते थे. इंदिरा गांधी को लेकर उनकी क्या सोच थी.

इस एपिसोड में हमने माजा दारूवाला से सैम मानेकशॉ के बारे में काफी बातें कीं. बातचीत में माजा ने बताया कि फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ निजी जिंदगी में कैसे व्यक्ति थे. इसके अलावा उनकी लाइफ पर बनी 'सैम बहादुर' पर भी बात हुई. उन्होंने यह भी बताया कि जब 93 हजार पाकिस्तानी फौजियों को आजाद किया जा रहा था, तो कैसा माहौल था.
जब सैम मानेकशॉ भारतीय सेना की बागडोर संभाल रहे थे तो इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. माजा दारूवाला से हमने जानने की कोशिश की कि इंदिरा गांधी के बारे में मानेकशॉ क्या कहते थे. इंदिरा गांधी को लेकर उनकी क्या सोच थी. इस पर माजा दारूवाला ने बताया कि वे अपने पिता से इंदिरा गांधी के बारे में सवाल किया करती थीं.
माजा दारूवाला बताती हैं कि सैम मानेकशॉ इंदिरा गांधी के बारे में बात तो करते थे, लेकिन उनके बारे में कोई खास बातचीत नहीं होती थी. उन्होंने बताया,
"बेशक, बातें तो होती थी, लेकिन कुछ खास या गपशप नहीं होती थी. आप जानते हैं कि जब कोई प्रधानमंत्री से मिलता है, तो जाहिर है घर आकर सब लोग पूछेंगे डैड वो कैसी थीं? क्या बोलीं? कैसे बोलीं? डैड बताते थे कि वे मेरे साथ बहुत अच्छी थीं. उन्होंने मुझे एक कप चाय दी. हम पूछते थे उन्होंने क्या पहना था? उन्होंने कौन सी साड़ी पहनी थी? तो डैड कहते थे कि वे बहुत साफ-सुथरी रहती हैं. अपने बाल बहुत अच्छी तरह से रखती हैं और वे बहुत गरिमामयी हैं."
सैम मानेकशॉ इस तरह अपने परिवार को इंदिरा गांधी के बारे में बताते थे. वे इंदिरा गांधी का काफी सम्मान करते थे.
माजा दारूवाली की बात करें तो वे एक वकील हैं और मानवाधिकार से जुड़े विषयों पर लगातार काम कर रही हैं. दारूवाला कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव से भी जुड़ी हैं. इसके अलावा वो इंडिया जस्टिस रिपोर्ट की संपादक हैं. भारत के न्यायतंत्र पर उनकी बारीक नजर रहती है. दारूवाला और उनके साथी मिलकर महिलाओं से जुड़े अपराध और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं.
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