
मुकेश तिवारी एंड कुंवर अमरजीत सिंह.
#कैसी है फ़िल्म? इस साइंस फिक्शन स्टोरी में साइंस के साथ-साथ मैजिक का भी मज़ा है. फ्यूचर की जो स्टोरी सेट की गई है वो रूह झंझोड़ने वाली है. जो दर्शाती है अगर आज हमने अपने आसपास घट रही नफ़रत को बढ़ावा देने वाली घटनाओं को सीरियसली नहीं लिया, तो शायद कल ये काल्पनिक कहानी हमारी हकीकत भी बन सकती है. 'नियति चक्र' में सिनेमेटोग्राफी सीमित बजट के हिसाब से देखें तो काफ़ी अच्छी है. एक-दो सीन तो मन मोह लेते हैं. फ़िल्म के वॉर सीन खूबसूरत और मेटाफोरिकल ढंग से फिल्माए गए हैं. जो फ़िल्म को और रोचक बनाते हैं. #एक्टिंग राइटिंग एंड डायरेक्शन फ़िल्म में एस्ट्रोलॉजर का रोल किया है 'गोलमाल' वाले वसूली भाई यानी मुकेश तिवारी ने. मुकेश एक अच्छे एक्टर हैं, जिसका एक नमूना उन्होंने इस फ़िल्म में भी बेहतरीन ढंग से दिखाया है. टॉपिक से हट कर एक फनी ऑब्जरवेशन ये है कि वो बढती उम्र के साथ और ज्यादा जैकी श्रॉफ जैसे दिखने लग गए हैं. जैसे भी दिखें, एक्टिंग यूंही करते रहें. टाइम ट्रैवलर का रोल किया है चैनल वी के पॉपुलर 'दिल दोस्ती डांस' में काम कर चुके एक्टर कुंवर अमरजीत सिंह ने. मुकेश तिवारी और कुंवर अमरजीत सिंह के अभिनय पर ही फ़िल्म का दारोमदार रहा है. दोनों एक्टर्स के जो साथ में जो सीन हैं. वो फ़िल्म के हाईलाइट हैं. 'नियति चक्र' को लिखा और डायरेक्ट किया है सिद्धार्थ चाणक्य ने. सिद्धार्थ इस फ़िल्म से कुछ वक़्त पहले हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई साइंस फिक्शन 'ओके कंप्यूटर' से भी जुड़े हुए थे. सिद्धार्थ की लिखी कहानी यूनीक है और सोचने पर विवश कर देती है. फ़िल्म में उनके लिखे एक-दो डायलॉग हैं, जो मन में घर कर जाते हैं. जैसे जब एस्ट्रोलॉजर कहता है,
#देखें या नहीं 'नियति चक्र' का आईडिया नवीन है. जिसे मुकेश तिवारी के दमदार अभिनय ने और सशक्त किया है. कुंवर अमरजीत सिंह की फिल्मों में ये अच्छी शुरुआत है. करियर के शुरुआत में ही मुकेश तिवारी जैसे कैलिबर के एक्टर के समक्ष अभिनय करना उनके लिए अपने आप में एक चुनौती रहा होगा. 'नियति चक्र' बिग बैंग पर स्ट्रीम हो रही है. हमारी राय है एक बार 'नियति चक्र' को ज़रूर देखा जाना चाहिए और सीख लेनी चाहिए अगर हम अभी नहीं रुके तो भविष्य में परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं."पहले भगवान इंसान को कर्म चुनने की सुविधा देता है. और जब वो उसके हिसाब से नहीं चलता, तो वो भूकंप और सुनामी से उसको सज़ा देता है. इतना ईगो तो नहीं होगा भगवान में."
कुंवर अमरजीत सिंह.