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वो 'सुट्टेबाज़' जब दौड़ता था, तो पूरा ट्रैक उसके साथ दौड़ता था

1 रेस, 45 मिनट और 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड. हैपी बर्थडे कहिए, बर्लिन ओलंपिक में हिटलर को पानी-पानी कर देने वाले इस एथलीट को.

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जेस्सी ओवेंस यानी बर्लिन ओलंपिक में हिटलर को नीचा दिखाने वाला एथलीट. 25 मई 1935 को उसने बिग टेन नाम के एक खेल में तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड एक साथ बनाए थे. और चौथा बनाते-बनाते रह गया. मिशिगन की फेरी फील्ड पर 100 यार्ड डैश के वर्ल्ड रिकॉर्ड 9.4 सेकंड की बराबरी की. और लांग जम्प, स्प्रिंट और लो हर्डल्स के वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ नए रिकॉर्ड बनाए. जेस्सी आज खुद एक किस्सा बन चुका है. पढ़िए उसकी जिंदगी के ये किस्से, जो आपको चौंका देंगे- 

1.

जेस्सी एक अमेरिकन ट्रैक एंड फील्ड एथलीट और चार बार ओलंपिक में सोना जीतने वाले खिलाड़ी थे. इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही अमेरिका में काले एथलीट और उस वर्ग का फ्यूचर बनाना. 12 सितंबर 1913 को अलबामा में पैदा हुए. परिवार बहुतय गरीब था. अपने 10 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. इनके पेरेंट्स इनको जे.सी बुलाते थे. 9 साल की उम्र में उनके परिवार को दूसरे देश जाना पड़ा. वहां इनके टीचर इन्हें जेस्सी बुलाने लगे. लजाते थे इसलिए उस वक्त कुछ नहीं कहे . और नाम जो था पड़ गया इनका जेस्सी.

2.

1928 में हाईस्कूल में दो रिकॉर्ड बनाए. हाई जंप और लॉन्ग जंप में. 1933 में ईस्ट टेक्निकल हाईस्कूल और नेशनल चैंपियनशिप में स्कूल को लीड किया. इसी साल इन्होंने ट्रैक एंड फील्ड स्कॉलर्शिप लेकर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. इनके कोच इनसे कहते थे कि जब तुम ट्रैक पर दौड़ते हो तो ऐसा लगता है मानो पूरा ट्रैक तुम्हारे साथ भाग रहा है. यहीं पर इन्हें निकनेम मिला. Buckeye Bullet. कॉलेज के टाइम 4 रिकॉर्ड बनाए. तुमसे एक माइनर प्रोजेक्ट नहीं बनता. 1936 में ओवेंस ने करियर की शुरूआत जर्मनी में हुए समर ओलंपिक से . चार गोल्ड मेडल एक ही ओलंपिक में हथिया लिया. 100 मीटर, 200 मीटर, लॉन्ग जंप और 400 मीटर की रेस में. जेस्सी का रिकॉर्ड 1984 में अमेरिका के कार्ल लेविस ने लॉस ऐंजेलिस खेल के दौरान तोड़ा. साथी एथलीट कहते हैं कि ओवेंस को इस टूर्नामेंट में उनके फैंस लेकर आए थे. ज्यादातर उनमें लड़कियां थी जो ओवेंस का नाम चिल्लाते दिख रही थी.

3.

1935 में मिन्नी रूथ सुलेमान से शादी कर ली. पैसो के लिए ओवेंस स्टंट रेस में हिस्सा लेने लगे. उसमें ये कुत्तों, घोड़ों के साथ रेस करते थे.

4.

एक मजेदार बात जानिए जो जूता पहनकर इनने गोल्ड मेडल जीता था, उसे एडिडास के मालिक ने खुद डिजाइन किया था.

5.

1936 में एथलेटिक करियर को टाटा-बाय बाय करने के बाद जेस्सी ने 1943 में फोर्ड मोटर कंपनी में काम करना शुरू किया. 1946 में शिकागो में खुद की पी.आर की कंपनी शुरू की.

6.

1951 में इलिनॉय एथलेटिक कमीशन के सचिव नियुक्त हुए. स्पोर्ट्स का ब्रैंड एंबेस्डर बनाया गया. 1955 में उन्हें इलिनॉय यूथ कमीशन में अपॉइंट किया गया.

7.

1956 में ओवेंस ने शिकागो में 12 से 17 साल के बच्चों के लिए जूनियर ओलंपिक गेम्स कराया.

8.

ओवेंस के नाम कई अवॉर्डस हैं. गोल्ड मेडल जीतने के 40 साल बाद उन्हें व्हाइट हाउस बुलाया गया. उस वक्त के राष्ट्रपति जेराल्ड ने उन्हें मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया. 1979 में राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने ओवेंस को लिविंग लेजेंड अवॉर्ड से नवाजा.

9.

सुट्टेबाज थे बड़े वाले. उनका मोट्टो था- अ पैक अ डे माने एक दिन में एक पैकेट. 1980 में उनकी मौत लंग कैंसर से हुई. लंबे समय तक फीनिक्स अस्पताल में भर्ती थे. उऩ्हें मरने के कुछ दिन बाद शिकागो में दफनाया गया.

10.

बचपन की एक बात जानिए. छोटे में एक बार जेस्सी के सीने पर घाव हो गया था. पैसे न होने की वजह से अस्पताल नहीं गए. उनकी मम्मी ने किचेन के चाकू से ही सर्जरी कर डाली. चमड़े के बेल्ट से हाथ-पैर बांध कर.
कुछ दिन पहले 'रेस' फिल्म आई है. अब्बास-मस्तान वाली नहीं. प्रोड्यूसर स्टीफेंस हॉप्किंस की. सीन कुछ ऐसा कि एक काला आदमी बनियान पहने एकदम रेडी स्टेडी गो के लिए तैयार. भौंहें चढ़ाए, एक टारगेट को देखते हुए. 'रेस' जेसी के लाइफ की जेरॉक्स कॉपी माने बायोपिक है. जेम्स फिल्म के हीरो हैं, जो जेस्सी ओवेंस का रोल करेंगे. https://www.youtube.com/watch?v=emfqGkh5XQ8