आने वाले दिनों में ओयो (OYO) का नाम मार्केट से गायब हो जाएगा. अगर आपको ऐसा लग रहा है कि कंपनी बंद हो रही है, तो आप गलत सोच रहे हैं. दरअसल कंपनी अपना नाम बदल रही है. कंपनी के फाउंडर रितेश अग्रवाल (Oyo Founder Ritesh Aggarwal) ने 29 मई को लोगों से नए नाम के लिए सुझाव मांगा था. सुझाव की खिड़की आज यानी 9 जून से शुरू हो गई. और विंडो जल्द बंद हो जाएगी. रितेश अग्रवाल ने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए इसकी जानकारी दी.
OYO अब ओयो नहीं रहेगा, अच्छी बात ये कि आप कमा सकते हैं 3 लाख
OYO फाउंडर Ritesh Aggarwal ने कंपनी का नया नाम रखने के लिए सुझाव मांगा है. जिस शख्स का सुझाया हुआ नाम OYO के लिए सेलेक्ट होता है उसे 3 लाख रुपये की प्राइज मनी और रितेश से मिलने का मौका मिलेगा.


नया नाम कैसा होना चाहिए? इसके लिए रितेश ने कुछ मानक भी दिए हैं. जैसे-
-नया नाम एक शब्द का हो.
-उसकी ग्लोबल अपील हो. माने किसी एक संस्कृति विशेष या भाषा को ना टारगेट करती हो बल्कि दुनिया भर के लोग उससे रिलेट कर सकें.
-सुनने में तकनीकी रूप से प्रगतिशील लगता हो लेकिन उसने इंसानों के मन को साधने वाला हो या और झट से याद हो जाए.
-नाम ऐसा हो कि हॉस्पिटैलिटी से इतर कंपनी अगर दूसरे इंडस्ट्री में कदम रखे तो भी दिक्कत ना हो.
-सबसे बड़ी बात .com डोमेन अवेलेबल होना चाहिए.
नाम भेजने पर अगर आपका नाम सेलेक्ट होता है तो. उसे इनाम के तौर पर 3 लाख रुपये और रितेश अग्रवाल से मिलने का मौका भी मिलेगा.
सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में रितेश अग्रवाल ने लिखा,
'कितनी बार ऐसा हुआ है जब एक ग्लोबल कंपनी ने दुनिया से उसका नाम रखने के लिए कहा हो? हम यही कर रहे हैं. आज से एक दशक पहले OYO सिर्फ रहने की जगह को अपग्रेड करने के लिहाज से शुरू हुआ था. इंडिया में एक कमरे से शुरू होकर हम 35 से ज्यादा देसों में ट्रैवल, लिविंग, वर्क और हॉस्पिटैलिटी सर्विस दे रहे हैं. आज 10 करोड़ से ज्यादा लोग हमारे 15 से ज्यादा ब्रैंड से जुड़कर यूरोप में हॉलिडे होम्स से लेकर अमेरिका में स्टूडियोज, वेडिंग वेन्यूज और हॉस्पिटैलिटी टेक में सर्विस दे रहे हैं. लेकिन अब हम कुछ बड़ा बना रहे हैं. इसलिए बड़ा यानी ग्लोबल नाम चाहिए.'
उन्होंने आगे लिखा,
‘हम कॉरपोरेट ब्रांड का नाम बदल रहे हैं. अकेले होटल चेन का नाम नहीं, कंज्यूमर प्रोडक्ट का नाम नहीं. बल्कि, पूरी की पूरी पैरेंट कंपनी का नाम बदला जा रहा है. जो अर्बन इनोवेशन और मॉडर्न लिविंग के ईकोसिस्टम को चलाएगी. हमें लगता है कि दुनिया को अब नए किस्म का ग्लोबल ब्रांड देने का वक्त आ गया है, ‘Born in India, but built for the world’(माने भारत में बना, लेकिन दुनिया को सर्विस देने हो) हम ब्रांड थिंकर्स, क्रिएटिव्स, आंत्रप्रेन्योर्स और क्यूरियस माइंड्स को इन्वाइट करते हैं, जो हमारे बदलाव और आगे के सफर के साथ चल सके.’
नाम सुझाने के लिए पोस्ट में नीचे एक लिंक (https://lnkd.in/gBTzDtwY) दिया गया है. लेकिन कुछ लोग कॉमेंट सेक्शन में ही सुझाव देने लगे. जैसे- WOYO….OYO World, try.com, onus.com.
शुभम बाल्मिकी नाम के एक शख्स ने विचित्र काम कर दिया. उन्होंने लिखा, ‘रितेश UNI.com ट्राई कीजिए. अगर मेरा नाम चुना जाता है तो 3 लाख रुपये नहीं चाहिए बल्कि कंपनी में 1 पर्सेंट हिस्सा चाहिए.’ ऑफर तो स्मार्ट है. हालांकि, वो तो समय ही बताएगा शुभम की किस्मत चमकती है या नहीं.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक ओयो की पैरेंट कंपनी Oravel stays pvt ltd चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में IPO लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए उसने पांच इनवेस्टमेंट बैंकों को नियुक्त किया है. मई में रितेश अग्रवाल ने बताया था कि कंपनी सबसे प्रॉफिटेबल स्टार्टअप बन चुकी है. वित्त वर्ष 2024-25 कंपनी को 623 करोड़ का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स हुआ था. अनऑडिटेड फाइनेंशियल रिजल्ट्स के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले ये 172 फीसदी ज्यादा है.
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