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इबारत : हेलेन केलर, जो देख-सुन नहीं सकतीं थीं लेकिन दुनिया को रास्ता दिखाया !

और उनके सीखने सिखाने की लगन ने साहित्य को नायाब तोहफ़ा दिया.

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हेलेन ने अभी होश नहीं संभाला था जब उनकी देखने सुनने की ताक़त क़ुदरत ने छीन ली.

सिनेमा देखते हुए अचानक पर्दे पर अंधेरा छा जाए तो कैसा लगता है? जी घबराने लगता है न? हममें से ज़्यादातर की ज़िंदगी में ये अंधेरा जाने के लिए आता है. लेकिन हेलेन केलर की ज़िंदगी में अंधेरा आया तो फिर कभी वापस नहीं गया. अमरीकी लेखक हेलेन साल भर की थीं, जब बीमारी ने उनकी सुनने और देखने की ताक़त छीन ली. जब सात बरस की हुईं तो समंदर के लाइट हाउस की तरह इनकी टीचर 'ऐने सुलेवना' इनसे मिलीं. हेलेन कहती हैं तब इनकी 'आत्मा का जन्म हुआ'. ऐने हर तरह की कोशिश करके हेलेन को पढ़ना और इशारों में बात करना सिखाने लगीं. और आख़िरकार हेलेन साल 1900 में कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन करने वाली ऐसी पहली स्टूडेंट बनीं जो देख-सुन नहीं सकती थीं.

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हेलेन की टीचर उन्हें हथेली पर उंगलियों के इशारे से बात करना सिखाती थीं.
हेलेन की टीचर उन्हें हथेली पर उंगलियों के इशारे से बात करना सिखाती थीं.

ग्रेजुएशन के दौरान ही हेलेन ने अपनी कालजयी क़िताब 'The Story of My Life' लिखी. अभाव में जीवन जीने वालों के लिए हेलेन जीवन भर आवाज़ उठाती रहीं. आज हेलेन केलर की बरसी है. आज हेलेन के लिखे से आपको दस बेहतरीन चीज़ें पढ़ाते हैं -

# ज़िंदगी या तो ख़तरों से भरा खेल है, या कुछ भी नहीं है.
# मौत और कुछ नहीं, बस एक कमरे से दूसरे कमरे में जाना भर है.
# दुनिया का सबसे निराश शख्स वो है जिसके पास नज़र तो है, लेकिन नज़रिया नहीं है.
# शिक्षा का सबसे बेहतरीन परिणाम है सहनशीलता.
# विज्ञान ने दुनिया के हर मर्ज़ की दवा खोज ली, लेकिन उदासी की दवा अब तक नहीं मिली है.
# लोग सोचना नहीं चाहते, क्योंकि सोचने से नतीजा निकलेगा और नतीजे हमेशा मन माफ़िक नहीं होते.
# अपनी कमज़ोरियों को देखो और उनका मुक़ाबला करो, ख़ुद को कमज़ोरियों का गुलाम मत बनने दो.
# ख़ुशी का एक दरवाज़ा बंद होता है, तो दूसरा खुल जाता है. लेकिन बंद दरवाज़े के आगे देर तक खड़े नहीं रहना चाहिए.
# मैं उजाले में अकेले चलने की जगह, एक दोस्त के साथ अंधेरे में चलना पसंद करूंगी.
# दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत चीज़ें देखीं और छुई नहीं जा सकतीं, उन्हें दिल से महसूस करना होता है.


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