
दो टाइमलाइंस में बंटा है शो.
# Grahan की कहानी क्या है? कहानी सेट है झारखंड में. लेकिन उसके दो अलग-अलग शहरों में. सिर्फ अलग शहरों में ही नहीं, अलग टाइमलाइंस में भी. एक है 2016 का रांची तो दूसरा 1984 का बोकारो. पहले बताते हैं 2016 वाली टाइमलाइन. झारखंड में चुनाव समीप हैं. मुख्यमंत्री केदार की कुर्सी खतरे में है. सामने है संजय सिंह. अब संजय का पक्ष कमजोर करने के लिए केदार एक एसआईटी कमिटी बिठाता है. जो बोकारो में हुए 1984 के सिख दंगों की जांच कर सके. वो जानता है कि संजय का उन दंगों से सीधा कनेक्शन था. इसलिए जांच में जो सामने आएगा, वो संजय का राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए काफी होगा.

'मुक्काबाज़' वाली ज़ोया हुसैन ने अमृता का किरदार निभाया है.
एसआईटी की इंचार्ज बनाया जाता है अमृता सिंह को. एक सिख आईपीएस ऑफिसर. अपने पिता के बेहद करीब है. उन्हीं के साथ रहती है. अमृता जैसे पुलिसवाले आप सिनेमा में पहले भी देख चुके हैं. जो सिर्फ न्याय में भरोसा करते हैं. जिनके लिए सब व्हाइट और ब्लैक है. इन दोनों रंगों के बीच छुपे सच से तो ये बडी लेट परिचित होते हैं. और जब होते हैं, तब अपने आप से सवाल करने लगते हैं. अमृता का भी सच से सामना होता है. जिसके लिए वो बिल्कुल भी तैयार नहीं होती. पता चलता है कि जिन दंगों की जांच कर रही है, उनका उसके पिता से भी कनेक्शन है. वो कनेक्शन क्या है और अमृता उससे कैसे डील करेगी, ये आपको शो देखकर पता चलेगा. शो शुरू भले ही अमृता के सच से होता है, लेकिन कहानी उससे कई ज्यादा गहरी है. उन सभी पहलुओं के लिए आपको ये शो देखना ही चाहिए. कुछ कारण और बताते हैं जिनकी वजह से ये शो देखा जाना चाहिए.