The Lallantop

इंस्टाग्राम पर ‘कच्चा बादाम’ से चट गए? कविताओं की ये वेबसाइट मूड मस्त कर देगी

खुद की कविता छपवाने का भी है जुगाड़

Advertisement
post-main-image
सांकेतिक फोटो (इंडिया टुडे)
इन दिनों युवा कवियों की एक नई पीढ़ी सामने आ रही है. यदि हिंदी की प्रचलित परिभाषा के आधार पर कहें तो ये 'नवयुवा' कवि हैं. एक दशक पहले का नया कवि वरिष्ठ और चर्चित युवाओं को खोज कर पढ़ता था. आज भी नए कवि ऐसा करते हैं. फिर भी ऐसे युवाओं की तादाद कम नहीं है, जिन्हें कविता की दुनिया में आंखें खोलते ही हिंदी की समृद्ध काव्य परंपरा से जुड़े कवि बतौर आदर्श नहीं मिले हैं. वर्तमान परिस्थिति में साहित्यिक प्रिंट पत्रिकाओं से पूरी तरह कट कर भी कुछ नवयुवाओं का काम चल रहा है. कई नवयुवा पूरी तरह इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर निर्भर हैं. इसके अपने फ़ायदे हैं, पर साइड इफेक्ट्स भी कम नहीं हैं.
सोशल मीडिया पर रीच की इतनी अंधी दौड़ है कि पढ़ने के लिए सही मंच का चयन बहुत मुश्किल है. मैं इंस्टाग्राम पर कुछ साहित्यिक समूहों को सलाह दे चुका हूं. उनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में है. मुझे नहीं मालूम कि वे मेरी बात से सहमत होते हैं या झूठी हामी भरते हैं, क्योंकि वे बीच-बीच में बेहद औसत और चालू कविताएं पोस्ट कर देते हैं. उनमें से एक पेज के क्यूरेटर बताते हैं कि उनकी मजबूरी है. जो फॉलोअर्स उनसे जुड़ गए हैं, उन्हें वैसा ही कंटेंट चाहिए. यदि बहुत गंभीर और अच्छी कविता पोस्ट की जाती है, तो रीच घट जाती है. इसी बीच उनका प्रतिद्वंद्वी पेज एक अन्य फार्मूला आधारित कविता डालकर उनसे आगे निकल जाता है.
सांकेतिक फोटो: इंडिया टुडे
सांकेतिक फोटो

अनुयायी अर्जित करने की बदहवास दौड़ के इस दौर में भी कई ऑनलाइन माध्यम हैं, जो गंभीर काम कर रहे हैं या कुछ साल पहले तक करते रहे हैं. सबसे पहले उन वेबसाइटों का उल्लेख जो इंस्टाग्राम पर व्यवस्थित रूप से सक्रिय नहीं हैं. जैसे कविता कोश, पहली बार, अनहद कोलकाता आदि. 'जानकीपुल' मूलतः गद्य केंद्रित वेबसाइट है, जहां कभी-कभी कविताएं प्रकाशित हो जाती हैं. 'बिजूका' 'हिंदीनेस्ट' और 'अनुनाद' जैसे प्लेटफार्म फिलहाल सक्रिय नहीं हैं. 'हिंदीनेस्ट' का डायरी अंक इंटरनेट पर हिंदी में उपलब्ध अपनी तरह का विशेष संकलन है. इंस्टाग्राम के युवाओं को चाहिए कि इन वेबसाइटों को ढूंढ कर पढ़ें. ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत अतिरिक्त प्रयास नहीं करने हैं. मात्र, इंटरनेट की ही एक खिड़की से दूसरी खिड़की पर जाना है.
अब मुख्य मुद्दे पर आते हैं. यहां हम इंस्टाग्राम पर मौजूद माध्यमों की बात कर रहे हैं, जो क्षणिक लोकप्रियता की अंधी दौड़ में शामिल होने की अपेक्षा दीर्घकालिक महत्व का कुछ गंभीर काम करने में विश्वास रखते हैं. मेरी अपनी पसंद के ऐसे पांच मंच जो हिंदी कविता पर अच्छा काम कर रहे हैं : 1. सदानीरा 'सदानीरा' भारतीय भाषाओं एवं विश्व कविता के हिंदी में प्रकाशन की दिशा में काम कर रही विश्वसनीय पत्रिका है. यह ऑनलाइन एवं हार्ड कॉपी दोनों स्वरूपों में प्रकाशित होती है. बतौर कवि सदानीरा पर प्रकाशित होना एक गहरी संतुष्टि देता है. विश्व कविताओं का अनुवाद एवं उद्धरण प्रकाशित करने में सदानीरा सर्वश्रेष्ठ काम कर रही है. सदानीरा अपने अनुवादकों को नित नए अच्छे और हिंदी के पाठकों के लिए अनजान विश्व कवियों को हिंदी से रूबरू कराने के लिए प्रेरित करती है. सदानीरा का विश्व कविता आर्काइव समय-समय पर एक पाठक को खंगालते जाना चाहिए. हार्ड कॉपी में प्रकाशित उनकी पत्रिका के अंक भी संग्रहणीय हैं. इन दिनों मुझे उनके पोलिश कविता अंक की प्रतीक्षा है.
सोशल मीडिया से उभरे नए कवियों को गंभीर साहित्यिक पाठकों के सामने लाने की ज़िम्मेदारी ‘सदानीरा’ उदारता से निभा रही है. इसके अतिरिक्त समय-समय पर वहां स्थापित एवं वरिष्ठ कवियों की कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं. इनमें से कुछ युवा आगे जाकर जब स्थापित कवि हो जाएंगे, शायद वे यह याद करेंगे कि उनके लेखन को पात्रता प्रदान करने में शुरुआती मदद 'सदानीरा' ने की थी.
फोटो सदानीरा
फोटो: सदानीरा

2. हिंदवी संभव है कि कोई अन्य 'हिंदवी' को 'सदानीरा' से ऊपर रखे. थोड़े से अंतर के साथ 'हिंदवी' मेरी पसंद में दूसरे क्रमांक पर है. इसका कारण दोनों वेबसाइटों का उद्देश्य अलग-अलग होना है. 'हिंदवी' दस्तावेज़ी काम है. यह लेख लिखे जाने तक 825 कवियों की 9463 रचनाएं हिंदवी पर उपलब्ध हैं. अपनी परिकल्पना में 'हिंदवी', 'कविता कोश' जैसा मंच भले ही हो, किंतु अपने चयन में वह अधिक सावधान है. 'कविता कोश' और 'हिंदवी' इसीलिए अलग-अलग वजहों से महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
नए कवियों को मैं फिलहाल 'हिंदवी' पर अन्य कवियों को पढ़ने की सलाह दूंगा. 'हिंदवी' पर प्रकाशित होने का प्रयास करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि पर्याप्त मात्रा में कविताएं लिख ली गयी हों ताकि उनमें से प्रतिनिधि रचनाओं का चयन 'हिंदवी' को भेजा जाए. पाठकों का एक वर्ग उन्हीं रचनाओं के आधार पर आपके कवि के बारे में शुरुआती राय बना सकता है. जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की महत्ता बढ़ेगी, हिंदवी का यह पाठक वर्ग अधिक विस्तृत होता जाएगा.
हिंदवी
फोटो: हिंदवी

3. पोषम पा आप कविता लिखना चाहते हैं और ज़ाहिर है, पढ़ना भी. पर आप सोचते हैं कि कवि को अन्य विधाओं का भी कुछ ज्ञान होना चाहिए, पाठन का अनुभव होना चाहिए, तो 'पोषम पा' आपके पढ़ने के लिए एकदम उपयुक्त जगह है. यहां कविताएं, कहानियां, लेख, अनुवाद, पुस्तक समीक्षा आदि विधाओं में रचनाओं को स्थान दिया जाता है. पत्र जैसी विलुप्तप्राय विधा में भी कुछ रचनाएं आपको 'पोषम पा' पर मिल जाएंगी. यहां आप मंटो को पढ़ सकते हैं तो संदीप निर्भय जैसे युवा कवियों को भी.
'पोषम पा' के अभिनव प्रयोगों में 'समर्पण' भी हैं, जहां वे किसी पुस्तक के समर्पण पृष्ठ से रोचक वाक्य प्रस्तुत करते हैं. पोषम पा अपनी शुरुआत से लेकर अब तक अपनी कंटेंट क्वालिटी को बेहतर करता आया है.
फोटो पोषम पा
फोटो: पोषम पा

4. इंद्रधनुष इंस्टाग्राम के नवयुवाओं के मध्य हिंदी कविता से संबंधित सबसे अंडररेटेड ऑनलाइन प्लेटफार्म कोई है, तो वह 'इंद्रधनुष' है. 'इंद्रधनुष' की शुरुआत ऐसे दौर में हुई, जब अधिकांश नवयुवा कवि/पाठक इंस्टाग्राम पेजों की चमक-दमक के एक पल को अपना लक्ष्य मान चुके थे.
गंभीर साहित्यिक लेखक 'इंद्रधनुष' को तरजीह देते हैं. वे 'इंद्रधनुष' के लिए लिखते हैं और वहां प्रकाशित सामग्री को पढ़ते हैं. वरिष्ठ साहित्यकारों के साक्षात्कार भी 'इंद्रधनुष' पर पढ़े जा सकते हैं. अंचित और वरिष्ठ साहित्यकार श्रीविलास सिंह द्वारा कुछ महत्वपूर्ण अनुवाद हाल ही में 'इंद्रधनुष' पर प्रकाशित हुए हैं. अंचित ने हिंदी के शिखर कवि आलोक धन्वा की कविताओं का अनुवाद 'इंद्रधनुष' के लिए अंग्रेज़ी में किया है. 'नए पत्ते' स्तंभ के अंतर्गत 'इंद्रधनुष' हिंदी की नई पौध को सींचने का काम भी कर रहा है. 5. पोयम्स इंडिया/मंथन इंस्टाग्राम पर आने के बाद मिला यह इकलौता मंच है, जिसे मैं ठहर कर पढ़ता हूं. 'पोयम्स इंडिया' हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में रचनाएं प्रकाशित करता है. 'मंथन' उनका हिंदी के लिए अलग से बनाया नया इंस्टाग्राम हैंडल है, पर दोनों भाषाओं के लिए वेबसाइट वही है. 'पोयम्स इंडिया' एक विशिष्ट तरीके से हिंदी को समृद्ध कर रहा है. हिंदी पृष्ठभूमि वाले, किंतु अंग्रेजी पढ़ने वाले अनेक युवा इस वेबसाइट के ज़रिए हिंदी कविता से परिचित हो रहे हैं और देख रहे हैं कि उनकी अपनी भाषा में भी कितना समृद्ध साहित्य लिखा जा रहा है.
फोटो इंस्टाग्राम पोयम्स इंडिया मंथन
फोटो: इंस्टाग्राम- पोयम्स इंडिया, मंथन


'पोयम्स इंडिया' की एक अन्य ख़ूबी प्रस्तुतीकरण का सुरुचिपूर्ण होना है. वे समय-समय पर अलग-अलग टेंपलेट्स पर कविताएं आमंत्रित करते हैं. इन कविताओं का प्रकाशन उनके इंस्टाग्राम हैंडल या वेबसाइट पर होता है. अपने मासिक न्यूज़लेटर एवं ईयर बुक में 'पोयम्स इंडिया' का संपादक मंडल ढूंढ़कर लाजवाब रचनाओं को जगह देता है. इस माध्यम पर कविताओं के चयन में एक उत्सुक युवा उत्कंठा दृष्टिगोचर होती है.

(आपके लिए यह लेख देवेश पथ सारिया ने लिखा है. ये उनके निजी विचार हैं.)

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement