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आशीष विद्यार्थी ने खोली बॉलीवुड की पोल, बोले- शोक सभा में फिल्में ऑफर होती हैं

आशीष ने कहा ऐसी ही है इंडस्ट्री, "मैं जाऊंगा तो लोग ट्विटर पर लिखेंगे- अमेजिंग टैलेंट, गॉन टू सून."

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आशीष विद्यार्थी ने मुकुल आनंद की प्रेयर मीट का किस्सा सुनाते हुए कहा कि सबको काले चश्मों में देख उन्हें बड़ा अजीब लग रहा था.

नामी हस्तियों की शोक सभाओं में झक सफ़ेद कपड़े पहने सेलेब्रिटीज़, लोगों की नज़रों में खटकते हैं. हाल ही में Ashish Vidyarthi ने इस पर बात की. उन्होंने ख़ुद का एक ऐसा तजुर्बा भी सुनाया जो कुछ लोगों की संवेदनहीनता को रेखांकित करता है. उन्होंने साल 1997 में हुई फिल्म डायरेक्टर Mukul Anand की प्रार्थना सभा का किस्सा याद किया. आशीष विद्यार्थी ने मुकुल आनंद के डायरेक्शन में बनी फिल्म Dus में काम किया था. Salman Khan और Sanjay Dutt इसमें लीड थे. मगर वो फिल्म कभी रिलीज़ नहीं पाई. 

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आशीष, सायरस बरोचा के पॉडकास्ट में पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने मुकुल आनंद की शोक सभा को याद किया. आशीष ने बताया कि उस प्रेयर मीट में उन्हें एक फिल्म ऑफ़र की गई. आशीष विद्यार्थी ने कहा,

"मुकुल उस दौर में सलमान खान और संजय दत्त के साथ फिल्म ‘दस’ बना रहे थे. हम शूटिंग के लिए अमेरिका गए थे. मैं पहली बार अमेरिका गया था. जब हम वापस आए तो मुकुल की डेथ हो गई. मैं उस वक्त नया-नया था. मैं मुंबई में अभी तक किसी भी हस्ती की प्रेयर मीट में नहीं गया था. ये पहला मौक़ा था. मैंने देखा कि सभी लोग सफेद कपड़े पहने, काला चश्मा लगाए हुए थे. सिर्फ मैं रंगीन कपड़ों में था और इसलिए बड़ा अहसज महसूस कर रहा था."

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प्रार्थना सभा में उन्हें फिल्म के लिए कैसे एप्रोच किया गया, ये बताते हुए आशीष विद्यार्थी ने कहा,

"जब लोग प्रेयर मीट से जाने लगे तब एक बड़ी अजीब सी घटना हुई. सब खामोशी से बाहर जा रहे थे, तभी किसी ने मुझे कोहनी से छुआ. फिर दबी आवाज़ में वो बोले- ‘माफ़ कीजिएगा, मगर अगले हफ्ते डेट्स की बात करते हैं’."

आशीष हाथ बांधे, सिर झुकाए खड़े थे. वो इस बात का कोई जवाब नहीं दे सके. विद्यार्थी ने आगे कहा,

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“वहां से बाहर निकला तो मैं हैरान रह गया. देखा कि यहां क्या हो रहा है. क्योंकि जब हम किसी से व्यक्तिगत रूप से जुड़े नहीं होते हैं, तो हमें उसके जाने का दुख नहीं होता है. यहां सब लोग एक प्रोफेशनल्स के तौर पर शोक मना रहे थे. बिरादरी का एक आदमी चला गया है. इसलिए सब जुटे हैं. मगर हर कोई फुसफुसा रहा है.”

आशीष विद्यार्थी ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने के ट्रेंड पर भी तंज़ किया. उन्होंने कहा,  

“आजकल ट्विटर पर एक दिलचस्प चीज़ आई है. वो है ओम शांति. या जैसे वो कहते हैं ना - RIP. और इसके बाद एक लाइन आती है- जल्दी चले गए. (गॉन टू सून). बस ये कहा, और आप सेफ़ हैं. मैं जाऊंगा तो लोग कहेंगे, बहुत जल्दी चले गए. अमेजिंग टैलेंट. इंडस्ट्री उनका सही इस्तेमाल नहीं कर पाई. सब कुछ स्पष्ट हो चुका है. मैं समझ चुका हूं कि समाज ऐसे ही चलता है.”

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के ग्रैजुएट आशीष विद्यार्थी के वर्कफ्रंट की बात करें, तो पढ़ाई के बाद वो 1992 में मुंबई पहुंचे. केतन मेहता की ‘सरदार’ उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है. उसके बाद आशीष विद्यार्थी ने ‘द्रोहकाल’, ‘1942: ए लव स्टोरी’ और ‘रात की सुबह नहीं’ जैसी फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई. पिछले दिनों वो प्राइम वीडियो के रियलिटी शो ‘द ट्रेटर्स’ में दिखे थे. ख़बरें हैं कि ‘बिग बॉस 19’ में वो कंटेस्टेंट के तौर पर नज़र आ सकते हैं. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. 

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