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BJP नेता मनीष कश्यप 'फेक न्यूज वीडियो' समेत सभी आरोपों से बरी होने के बाद क्या बोले?

मनीष कश्यप ने बताया कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने उनके खिलाफ चार मामले दर्ज किए थे और सभी मामलों में वो बरी हो चुके हैं.

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मनीष कश्यप BJP में शामिल हो गए हैं. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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सुजीत कुमार

यूट्यूबर से BJP नेता बने Manish Kashyap को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) द्वारा दर्ज सभी मामलों में बरी कर दिया गया है. आजतक के सुजीत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक पटना सिविल कोर्ट की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में ऐसा किया है. मनीष कश्यप ने बताया कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने उनके खिलाफ चार मामले दर्ज किए थे और सभी मामलों में वो बरी हो चुके हैं. मनीष कश्यप ने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि BJP में जाने के कारण उन्हें बरी किया गया है, जबकि चार में से तीन मामलों में उन्हें BJP जॉइन करने से पहले ही बरी कर दिया गया था. 

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बरी होने पर मनीष कश्यप ने क्या कहा?

आजतक के सुजीत कुमार के साथ बातचीत में मनीष कश्यप ने कहा,

“बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मुझ पर चार केस किए थे. एक केस में मेरे ऊपर तमिलनाडु में हिंसा फैलाने का प्रयास करने के लिए वीडियो बनाने का आरोप लगा था. दूसरे केस में मेरे ऊपर आरोप लगा था कि मैंने ही फर्जी वीडियो बनाया. तीसरे केस में एक एडिटेड वीडियो द्वारा मेरे ऊपर आरोप लगा था कि मैंने गांधी जी को उल्टा-सीधा बोला. इन तीनों केस में BJP जॉइन करने से पहले मैं बरी हो गया था.”

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बता दें कि बीती 25 अप्रैल को ही मनीष कश्यप BJP में शामिल हुए हैं. उन्होंने भाजपा नेता मनोज तिवारी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी. 

ये भी पढ़ें- यूट्यूबर मनीष कश्यप 9 महीने बाद जेल से बाहर आए, फेक न्यूज मामले में अंदर पहुंचे थे

मनीष कश्यप ने बताया कि जो चौथा केस था, उसमें एक 16 साल के बच्चे ने मेरा हथकड़ी लगा हुआ फोटो X पर पोस्ट कर दिया था. मनीष कश्यप ने कहा, 

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“सबको पता था कि वो अकाउंट फेक था, लेकिन फिर भी उस समय मेरे खिलाफ केस करवा दिया गया. अब सभी केस में मुझे बरी कर दिया गया है.”

एक वीडियो से सुर्खियों में आए थे मनीष कश्यप

मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ कथित दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. ये वीडियो वायरल हो गया था. बाद में बताया गया कि वीडियो फर्जी था. इस पर कार्रवाई करते हुए बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई ने कई अलग-अलग धाराओं के तहत मनीष के खिलाफ केस दर्ज किया था.

शुरुआत में कुछ समय के लिए मनीष पुलिस से बचते रहे. लेकिन फिर बेतिया पुलिस ने उनके घर की कुर्की शुरू की. इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था. EOU की टीम ने मनीष कश्यप से पूछताछ कर उन्हें जेल भेज दिया था. इसके बाद तमिलनाडु पुलिस भी पटना पहुंची और कश्यप को 30 मार्च, 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई थी. हालांकि, बाद में उन्हें बिहार की जेल में रखा गया. जमानत मिलने से पहले वो करीब 9 महीने तक जेल में रहे थे.

मूल रूप से पश्चिमी चंपारण के रहने वाले मनीष कश्यप ने यहां से लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया था. लेकिन मनोज तिवारी ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिला दी थी. इसके बाद वो BJP के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इससे पहले साल 2020 में कश्यप ने चनपटिया सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तब भी निर्दलीय प्रत्याशी ही थे. इस चुनाव में वो हार गए थे. उन्हें कुल 9239 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहे थे.

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