बिहार चुनाव में खाता नहीं खोल पाने वाली जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर हार की वजहों को तलाशने में जुटे हुए हैं. अब उन्होंने खुद के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर खेद जताया है. प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि उन्हें कम से कम 12 से 15 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन मिले सिर्फ 4 प्रतिशत. ऐसे में ये उनके लिए विश्लेषण का समय है.
बिहार चुनाव में क्या गलती हुई? प्रशांत किशोर ने खुद ही बता दिया
Prashant Kishor Jan Suraaj Performance: चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड को सिर्फ 25 सीटें मिलेंगी. लेकिन मिली 85 सीटें. जब उनसे अब इसे लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने क्या कहा?


NDTV से बातचीत के दौरान चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या उन्हें चुनाव मैदान में न खड़े होने का अफसोस है. जवाब में उन्होंने कहा,
आप इसे एक गलती मान सकते हैं... अगर मुझे पता होता कि मैं हार जाऊंगा, तो मैं अपने संसाधन, पैसा और विश्वसनीयता दांव पर क्यों लगाता? मैं इन सभी संसाधनों का इस्तेमाल आसानी से सांसद या विधायक बनने के लिए कर लेता. अगर मुझे पता होता कि जन सुराज हार जाएगा, तो मैं इतना बड़ा जोखिम क्यों उठाता? मुझे कभी नहीं पता था कि पार्टी को 4% वोट मिलेंगे. मैंने कभी अपना सर्वे नहीं किया, मैंने आंख मूंदकर दांव लगाया.
इस चुनाव में जन सुराज को 'एक्स फैक्टर' के तौर पर देखा जा रहा था. क्योंकि चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत का बड़ी चुनावी जीत दिलाने का रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने अपनी पार्टी के संगठनात्मक आधार को मजबूत करने का फैसला लिया और चुनाव लड़ा था. जनसुराज पार्टी ने 243 विधानसभा सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी एक भी सीट पर जीत पाने में सफल नहीं हो सकी.
चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड को सिर्फ 25 सीटें मिलेंगी. लेकिन मिली 85 सीटें. जब उनसे अब इसे लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा,
हर विधानसभा में सरकार ने 100 से 125 करोड़ रुपये खर्च किए. 60-62 हजार लोगों को 10 हजार रुपये देकर उन्हें खरीदा है. आप कह सकते हैं कि ये सब तो पहले से पता था. लेकिन आप इसे एक उदाहरण से समझिए. राहुल और प्रशांत को दौड़ लगानी है. किसी ने पूछा इसमें से जीतेगा कौन. जवाब दिया गया कि राहुल ज्यादा फिट हैं, तो राहुल जीतेगा. लेकिन जब दौड़ शुरू हुई, तो प्रशांत मोटरसाइकिल लेकर निकल लिए. तो निश्चित तौर पर आंकलन तो गलत है.
बताते चलें, बिहार में छह और 11 नवंबर को हुए दो चरणों के विधानसभा चुनावों के नतीजे शुक्रवार, 14 नवंबर को आए. इनमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 202 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 89, जनता दल युनाइटेड को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटें मिलीं.
दूसरी तरफ, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाला महागठबंधन केवल 35 सीटें हासिल कर सका. RJD को केवल 25 सीटें मिलीं, जो 2010 के बाद बिहार चुनाव में उसका दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन था. कांग्रेस को छह सीटें मिलीं, जो पहले 19 थीं. वहीं CPI(ML)(L) को दो और माकपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा. भाकपा को एक भी सीट नहीं मिली.
वीडियो: प्रशांत किशोर बिहार चुनाव में हार के बाद क्या बोले?
















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