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Jharkhand Election Results: 'कोल्हान टाइगर' चम्पाई सोरेन सरायकेला में BJP के लिए दहाड़ पाए या नहीं?

Jharkhand Seraikella Assembly Election 2024: झारखंड के सरायकेला सीट से चम्पाई सोरेन ने 24 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त बना ली है. चम्पाई सोरेन इससे पहले 6 बार इस सीट से विधायक चुने जा चुके हैं.

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चम्पाई सोरेन 24 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं. ( इंडिया टुडे)

झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट (Jharkhand Vidhansabha Chunav) से पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन 24,202 वोटों से आगे चल रहे हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, सरायकेला सीट पर 12 राउंड की गिनती होने के बाद चम्पाई सोरेन को एक लाख 4,209 वोट मिले हैं.  दूसरे नंबर पर कांग्रेस के गणेश महाली हैं. जिन्हें 79,554 वोट मिले हैं. तीसरे नंबर पर JLKM के प्रेम मार्डी हैं जिनके खाते में 29,434 वोट आए हैं. चम्पाई सोरेन ने झारखंड चुनाव से कुछ दिनों पहले JMM छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी. 

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पिछले चुनावों के नतीजे

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला सीट से चम्पाई सोरेन ने BJP के गणेश महाली को हराया था. उन्हें 15 हजार 667 वोटों से जीत मिली थी. 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने महाली को हराया था. लेकिन इस चुनाव में उनके जीत का अंतर मात्र 1115 वोटों का था. उससे पहले 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने BJP के लक्ष्मण टुडू को 3246 वोटों से हराया था. साल 2005 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने लक्ष्मण टुडू को हराया. इस बार जीत का अंतर मात्र 882 वोटों का था. 

साल 2000 में झारखंड बिहार से अलग हुआ था. उससे पहले विधानसभा चुनाव हुए थे. उस चुनाव में चम्पाई सोरेन को BJP के अनंत राम टुडू ने 8783 वोटों से हरा दिया था. इसके पहले 1995 में हुए विधानसभा चुनाव और 1991 में हुए उपचुनाव में भी चम्पाई सोरन ने जीत दर्ज की थी. 

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हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद बने सीएम

31 जनवरी को कथित जमीन घोटाले के एक मामले में ईडी ने उनको गिरफ्तार कर लिया. ईडी के गिरफ्तार किए जाने से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद JMM-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने चंपई सोरेन को अपना नेता चुन लिया. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के दो दिन बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. चम्पाई सोरेन 3 जुलाई 2024 तक इस पद पर रहे. हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा.

'कोल्हान का टाइगर'- चम्पाई सोरेन

चम्पाई का जन्म सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में हुआ. कम उम्र में ही अलग झारखंड के लिए आंदोलन में शामिल हो गए थे. 1970 के दशक में जब इस आंदोलन ने गति पकड़ी तो 1973 में JMM का गठन हुआ. चम्पाई सोरेन को उनके समर्थक ‘कोल्हान का टाइगर’ कहते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 के दशक में एक बार उन्होंने जमशेदपुर में टाटा स्टील के गेट पर असंगठित मजदूरों की मांगों को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया था. 

वीडियो: लल्लनटॉप की चुनाव यात्रा झारखंड पहुंची: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने क्या बताया?

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