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गोवा: चुनाव से पहले कांग्रेस ने उम्मीदवारों को दिलाई पार्टी ना छोड़ने की शपथ

पिछली बार गोवा कांग्रेस के 17 में से 15 विधायक बीजेपी में चले गए थे.

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गोवा में कांग्रेस के आला पदाधिकारियों ने आगामी चुनाव से पहले उम्मीदवारों को दिलाई शपथ. तस्वीर- आजतक
कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता. इसका जीता जागता उदाहरण गोवा (Goa) में देखने को मिला. कांग्रेस इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. दरअसल, गोवा में अगले महीने विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections) होने वाले हैं. कांग्रेस (Goa Congress) को लेकर गोवा में ये कहा जा रहा है कि कोई अगर कांग्रेस को वोट देता है तो उसका वोट बीजेपी को जाएगा. हाल के दिनों में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इसी तरह की टिप्पणी करते हुए कहा था कि कांग्रेस को वोट देना बीजेपी को वोट देने जैसा है. इस बीच गोवा कांग्रेस ने अपने 36 उम्मीदवारों को पार्टी ना छोड़ने की शपथ दिलाई गई. इन सभी उम्मीदवारों को बीती 22 जनवरी अलग-अलग धार्मिक स्थल ले जाया गया. महालक्ष्मी मंदिर, बम्बोलिम क्रॉस चर्च और बेटिन मस्जिद में शपथ दिलाई गई. प्रत्याशियों ने शपथ ली कि चुनाव जीतने के बाद वो पार्टी नहीं छोड़ेंगे. पिछले घटनाक्रम से लिया सबक दरअसल, गोवा कांग्रेस के लिए 2017 से अब तक का टाइम अच्छा नहीं रहा है. 2017 के चुनावों में कांग्रेस के 17 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. इनमें से 15 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी के सीनियर नेता और विधायक दिगंबर कामत ने कहा,
"हमने कुल मिलाकर जनता के मन में जो भी शंकाएं हैं उन्हें दूर करने की कोशिश की है कि कांग्रेस इस धारणा को लेकर बहुत गंभीर है. कुछ राजनेता कह रहे हैं कि कांग्रेस के विधायकों को चुनने का कोई फायदा नहीं है, वे दूसरी पार्टियों में जाएंगे. ये वही नेता हैं जो हमारे विधायकों को लूट रहे हैं. यदि कोई बेटा माता-पिता को छोड़ देता है, तो बेटा और माता-पिता दोनों जिम्मेदार होते हैं. हमारे विधायकों को शामिल करने वाली पार्टियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं."
कामत ने आगे कहा,
"हमें उन राजनेताओं पर और अधिक आक्रामक होना होगा जो हमारे लोगों को रुपये का लालच दे रहे हैं, उन्हें खरीद रहे हैं. गोवा बिक्री के लिए नहीं है. इसलिए हमने तय किया कि हम भगवान की उपस्थिति में शपथ लेंगे और शपथ दिलाएंगे. कम से कम गोवा के लोग भगवान से डरने वाले हैं. हमें किसी भी धर्म के बिना ईश्वर में पूर्ण विश्वास है. गोवा के लोगों में सांप्रदायिक सौहार्द है और शुरू से ही समान नागरिक संहिता का पालन करते हैं."
गोवा में कांग्रेस उम्मीदवारों ने 5 साल तक कांग्रेस के साथ रहने और लोगों की भलाई करने की कसम खाई. इससे पहले महाराष्ट्र में जब 2019 में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के बीच महा विकास अघाड़ी का गठन हुआ, तो तीनों दलों के विधायकों ने इसी तर्ज पर समर्थन का संकल्प लिया था.