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असम: मुस्लिम बहुल इलाकों में कम वोट मिले तो BJP ने नया फरमान जारी कर दिया

असम में बीजेपी को मुस्लिम इलाकों में वोट क्यों नहीं मिले?

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असम BJP को मुस्लिम इलाकों में झटका लगा तो पार्टी ने अपनों पर ही गाज गिरा दी. दाएं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और बाएं पार्टी की ओर से जारी बयान.
असम विधानसभा चुनाव में BJP ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार सत्ता हासिल की.हाल ही में हुए इन चुनावों में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन को 126 में से 75 सीटों पर जीत मिली. BJP ने अकेले 60 सीटें कब्जाईं. हालांकि मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा. अब इसकी गाज बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पर गिरी है. असम BJP के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने एक बयान जारी किया है. बताया कि पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को अनिश्चित काल के लिए भंग कर दिया गया है. बयान में कहा गया है कि हाल ही हुए असम विधानसभा चुनाव में BJP का प्रदर्शन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अच्छा नहीं रहा. इन क्षेत्रों में पार्टी को बहुत कम वोट मिले, जबकि 20 सदस्यीय बूथ समितियां बनाई गई थीं. इसके बाद असम BJP ने पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की राज्य समिति, जिला समिति और मंडल समितियों को भंग कर दिया है. Bjp Assam इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, राज्य में BJP ने आठ मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ा था. निचले असम में जानिया, जलेश्वर, बागबर, दक्षिण सालमारा, बिलासीपारा पश्चिम थे. तो मध्य असम में लारीघाट, रूपालीहाट, बराक घाटी क्षेत्र में सोनई निर्वाचन क्षेत्र शामिल थे. दूसरी ओर BJP की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (AGP) ने तीन मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र- चेंगा, दलगांव और जमुनमुख में प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन इन सीटों पर BJP और AGP दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को भारी अंतर से हार मिली. किन सीटों परBJP को कितने वोट मिले? जनिया-6.18 फीसदी जलेश्वर- 9.38 फीसदी बाघबार- 2.01 फीसदी दक्षिण सलमारा- 5.12 फीसदी बिलासिपारा पश्चिम- 16.78 फीसदी लारीघाट- 21.26 फीसदी रूपोहित- 14.22 फीसदी सोनई- 35.49 फीसदी अल्पसंख्यक इकाइयों को भंग करने के बारे में असम प्रदेश BJP अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा,
हमारे पास कई मोर्चे हैं, जैसे कि महिला, युवा, एसटी आदि. इसी तरह हमारे पास अल्पसंख्यक मोर्चा है. हमने कई अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. इन क्षेत्रों में कई बूथों पर उम्मीदवारों को 20 वोट भी नहीं मिले. ये वहां पार्टी की बूथ समिति की हालत दिखाता है. इसका मतलब है कि वहां के लोगों ने पार्टी को धोखा दिया है. इसीलिए हमने अल्पसंख्यक मोर्चा इकाइयों को भंग कर दिया है.
असम BJP के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख मुख्तार हुसैन खान ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भंग करने का सही कारण नहीं पता. लेकिन पार्टी को अल्पसंख्यक समुदाय से उतने वोट नहीं मिले, जितने की उम्मीद थी. अल्पसंख्यक मोर्चा के एक अन्य सदस्य ने कहा कि बीजेपी नेताओं के कुछ बयानों ने मुश्किलें पैदा कीं. बंगाली मूल के मुस्लिमों की आलोचना करते-करते BJP के कुछ नेताओं ने अपमानजनक रूप से ‘Miyas' कह दिया था. इससे हमें वोट मांगने के लिए जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. असम में 32-34 मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में से बीजेपी ने 2016 के विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट जीती थी. अमीनुल हक लश्कर 2016 में कछार जिले में सोनई निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीते थे. वह इस बार AIUDF के उम्मीदवार से 19,654 मतों के अंतर से हार गए. इस बार, असम विधानसभा में 31 मुस्लिम विधायक हैं. ये सभी विपक्षी कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी AIUDF से हैं. 16 कांग्रेस से और 15 विधायक AIUDF से हैं.

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