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गुजरात में SIR के काम में जुटे BLO की मौत, बीते एक हफ्ते में भी आ चुके हैं 5 ऐसे मामले

Kerala, Rajasthan और West Bengal के बाद अब गुजरात से भी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के काम में जुटे बीएलओ के मौत की खबर आई है. इससे पहले ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया को अमानवीय बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी.

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BLO के तौर पर SIR का काम देख रहे शिक्षक अरविंद वाढ़ेर ने मृत्यु से पहले वर्क प्रेशर की बात बताई थी. (इंडिया टुडे)

केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के काम में जुटे पांच BLO की मौत के बाद अब गुजरात में एक BLO की मौत की खबर आई है. ये मामला गुजरात के गिर सोमनाथ जिले का है. जिले के कोडिनार तालुका के छारा गांव में BLO के तौर पर SIR का काम देख रहे शिक्षक अरविंद वाढ़ेर ने आत्महत्या कर ली. 

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इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक उन्होंने आत्महत्या से पहले SIR के काम से परेशान होने का जिक्र किया. अरविंद वाढ़ेर की हत्या के बाद अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ की गुजरात शाखा ने शिक्षकों द्वारा SIR के तहत कराई जा रही ऑनलाइन प्रक्रिया का बहिष्कार किया है.  

देश के 12 अलग-अलग राज्यों में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) के लिए चिंता खड़ी कर दी है. ग्राउंड लेवल पर SIR की जिम्मेदारी इन्हीं BLOs पर है. दावा है कि इन कर्मचारियों पर काम का इतना दबाव है कि तनाव में कुछ BLO ने या तो आत्महत्या कर ली या दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. बीते एक हफ्ते में ऐसे कम से कम पांच मामले सामने आ चुके हैं.

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बंगाल में हुई घटना के बाद ममता बनर्जी ने उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में 19 नवंबर को एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने आत्महत्या कर ली. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट को लेकर चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान महिला BLO पर काम का काफी ज्यादा दबाव था. घटना के बाद, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को लेकर फिर चिंता जताई है. उन्होंने SIR पर रोक लगाने की अपील तक कर दी.

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ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से अस अभियान को रोकने का आग्रह किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जो प्रक्रिया पहले तीन साल में पूरी होती थी. अब राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनाव से ठीक पहले दो महीने में पूरी की जा रही है. इससे BLO पर अमानवीय दबाव पड़ रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि चुनाव आयोग को विवेक से काम लेते हुए इस अनियोजित अभियान को रोकने की मांग की है. 

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