क्या व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले भारत की हथियार बनाने वाली कंपनियों के पदाधिकारियों ने रूसी डिफेंस कंपनियों के साथ बातचीत की थी? अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इन कंपनियों के कम से कम तीन सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों के शीर्ष पदाधिकारियों ने रूसी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर शुरू करने को लेकर बातचीत की है.
पुतिन की यात्रा से पहले 'भारतीय हथियार कंपनियां रूस गई थीं', रिपोर्ट में दावा
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस में जाकर मीटिंग करने वाली कंपनियों में अडानी समूह की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, भारत फोर्ज समेत कई दूसरी कंपनियां शामिल थीं. सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बैठक में अडानी डिफेंस और कल्याणी समूह के एक-एक शीर्ष अधिकारी ने हिस्सा लिया था.
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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस में जाकर मीटिंग करने वाली कंपनियों में अडानी समूह की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, भारत फोर्ज समेत कई दूसरी कंपनियां शामिल थीं. सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बैठक में अडानी डिफेंस और कल्याणी समूह के एक-एक शीर्ष अधिकारी ने हिस्सा लिया था.
रॉयटर्स के मुताबिक भारत की हथियार कंपनियों के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 अक्टूबर को रूस के दौरे पर था. यह बैठकें रूस की राजधानी मास्को में हुई थीं. इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कथित तौर पर भारत सरकार के एक अधिकारी ने की थी. दावा किया गया है कि इस यात्रा का उद्देश्य रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4–5 दिसंबर की भारत यात्रा की जमीन तैयार करना था.
सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों में मिकोयान मिग-29 (Mikoyan MiG-29) लड़ाकू विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने, रूस के एयर और डिफेंस सिस्टम्स और भारत में उत्पादन इकाइयां लगाने के रूसी प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इन इकाइयों में ऐसे हथियार विकसित किए जा सकते हैं जिन्हें भविष्य में रूस को निर्यात भी किया जा सके.
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रॉयटर्स ने बताया कि भारतीय हथियार कारोबारियों की ये यात्रा रूस के साथ भारत के दशकों पुराने रक्षा संबंधों को नए सिरे से दिशा देने की कोशिश का हिस्सा है. भारत सरकार चाहती है कि दोनों देश मिलकर हथियार बनाएं. हालांकि, भारत फोर्ज कंपनी के प्रवक्ता ने रिपोर्ट के दावों को खारिज किया. अडानी समूह के प्रवक्ता ने भी दोहराया कि उनकी किसी कंपनी के अधिकारी इन बैठकों में शामिल नहीं हुए थे.
अडानी के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “अडानी समूह का कोई भी प्रतिनिधि रूस में किसी भी बैठक में आधिकारिक या अनौपचारिक तरीके से शामिल नहीं हुआ. अगर किसी भी रिपोर्ट में यह बात कही गई है या इस तरह की कोई खबर इस तरफ इशारा करती है कि ऐसा हुआ है तो वह गलत है.”
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हालांकि रॉयटर्स अपनी रिपोर्ट पर कायम है. उसने कहा कि उन 'तीन सूत्रों' और एक अन्य सरकारी सूत्र ने भी पुष्टि की कि बैठकें हुई थीं. और इनमें अडानी समूह तथा भारत फोर्ज के प्रतिनिधि शामिल थे.
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