देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो (Indigo Crisis) संकट से गुजर रही है. सरकार ने 1 नवंबर 2025 से एयरलाइंस कंपनियों के कुछ नियम तय किये जिनका पालन कंपनी नहीं कर पाई. नतीजान, कंपनी को 2 दिसंबर को अपनी सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं. संकट इतना बढ़ गया कि सरकार को दखल देना पड़ा. उसने इंडिगो को मौजूदा विंटर सीजन में अपनी 10% फ्लाइट्स घटाने का आदेश दिया. कंपनी को यात्रियों को मुआवजा देना पड़ रहा है. साथ ही 10 हजार रुपये का वाउचर भी.
संकट से गुजर रही इंडिगो के शेयर में पैसा लगाना चाहिए या नहीं? एक्सपर्ट ने बता दिया
शेयर बाजार में कई निवेशक ऐसे हैं जो या तो इंडिगो के शेयर खरीद चुके हैं या शेयरों में आई हालिया गिरावट के चलते सस्ते भाव में कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं. इन लोगों को इंडिगो के शेयर को लेकर क्या रणनीति बनानी चाहिए?
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इन सब के बीच शेयर बाजार में कई निवेशक ऐसे हैं जो या तो इंडिगो के शेयर खरीद चुके हैं या शेयरों में आई हालिया गिरावट के चलते सस्ते भाव में कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं. इन लोगों को इंडिगो के शेयर को लेकर क्या रणनीति बनानी चाहिए?
बिजनेस टुडे के अमित मुदगिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रोकरेज हाउस इंडिगो के मौजूदा संकट को काफी गंभीर मान रहे हैं. इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड है. जब हम इस खबर में इंडिगो के शेयर की बात कर रहे हैं तो उसे इंटरग्लोब एविएशन का शेयर माना जाएगा. InterGlobe Aviation (इंडिगो) के शेयरों में शुक्रवार 12 दिसंबर को थोड़ी तेजी दिखी. इसकी वजह? कुछ ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि इंडिगो के शेयरों में पिछले करीब हफ्ते भर में काफी गिरावट आ चुकी है. अब दाम गिरने की और ज्यादा गुंजाइश दिख नहीं रही है.
अपने ताजा नोट (सलाह) में नुवामा रिसर्च ने इंडिगो में चल रहे मौजूदा संकट को पिछले कुछ साल में हुई कामकाज से जुड़ी सबसे बड़ी गड़बड़ी माना है. इस ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू होने के बाद अपने कामकाज को ठीक से मैनेज नहीं कर पाई. नुवामा ने कंपनी की कमाई के अनुमान रिवाइज कर दिए हैं.
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ब्रोकरेज ने कहा कि 4,500 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल होने, पायलटों की भारी कमी और भारत सरकार की तरफ से फ्लाइट्स की संख्या में 10% की कटौती से कंपनी का मुनाफा कम रहने का अनुमान है. इससे कंपनी की वैल्यूएशन के लिए भी बड़ा रिस्क पैदा हुआ है. हालांकि नुवामा को लगता है कि यह परेशानी कुछ महीनों के लिए ही है. इसलिए कंपनी के शेयरों में बहुत ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं हैं. यानी गिरावट सीमित रहने वाली है.
नुवामा ने छोटी अवधि के लिए इंडिगो के शेयर का टारगेट प्राइस 5069 रुपये रखा है. 12 दिसंबर को कंपनी के शेयर करीब एक पर्सेंट की तेजी के साथ 4865 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
वहीं एक और ब्रोकरेज फर्म HSBC ने इंडिगो के शेयर का भाव 5,977 रुपये रहने का अनुमान जताया है. स्विस बैंक और ब्रोकरेज फर्म UBS ने इंडिगो शेयर का टारगेट प्राइस 6,350 रुपये और जेफरीज ने 7,025 रुपये रखा है. कुल मिलाकर ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों ने मौजूदा स्तर से इंडिगो के शेयरों की कीमत में तेजी का ही अनुमान जताया है.
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एक और ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने 6,300 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. हालांकि ब्रोकरेज फर्म इन्वेस्टेक ने इंडिगो के शेयर का टारगेट प्राइस 4,040 रुपये रखा है. यानी इस फर्म को लगता है कि कंपनी के शेयर अभी और टूट सकते हैं. हालांकि इस ब्रोकरेज फर्म को इंडिगो में कोई खासा स्ट्रक्चरल लॉस नहीं दिखता. इसके अनुसार, इंडिगो की प्रतिष्ठा भले ही दांव पर लगी हो लेकिन भारतीय एविएशन मार्केट में उसकी स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है. इन्वेस्टेक का कहना है कि मौजूदा संकट जैसे खत्म होगा कंपनी का कामकाज पटरी पर लौट आएगा.
नुवामा ने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही के EBIDTA में 40% की कमी आ सकती है. EBIDTA कंपनी की वह कमाई होती है जिसमें से ब्याज, टैक्स जैसी लागतों को बिना घटाए प्रॉफिट निकाला जाता है. ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कम प्राइसिंग पावर, एविएशन टरबाइन फ्यूल की कीमतों में 7% की बढ़ोतरी से कंपनी की इनकम पर असर होगा. हालिया संकट के चलते हुई दिक्कतों और यात्रियों को मुआवजा देने की वजह से भी कमाई प्रभावित होगी.
डिस्क्लेमर: (लल्लनटॉप पर शेयर बाजार से जुड़ी न्यूज केवल आपको सूचना देने भर के लिए है. पाठकों से अपील है कि इसे निवेश सलाह के रूप में न लें. कोई भी निवेश से जुड़ा फैसला लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.)
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