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वोडाफोन आइडिया की 'फूलती सांस' सरकार ने थामी, 87695 करोड़ चुकाने में 5 साल की राहत मिली

कंपनी को सरकार का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया 87 हजार 695 करोड़ रुपये चुकाने के लिए 5 साल की मोहलत दी गई है. सरकार ने इन बकायों को फिलहाल फ्रीज कर दिया है.

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साल 2025 खत्म होते-होते वोडाफोन आइडिया के लिए राहत की खबर आई है. (फोटो क्रेडिट: इंडिया टुडे)

साल 2025 खत्म होते-होते टेलीकाम कंपनी वोडाफोन आइडिया के लिए राहत की खबर आई है. केन्द्र सरकार ने इस कंपनी को बड़ी राहत दी है. बुधवार 31 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने वोडाफोन-आइडिया को 5 साल की मोराटोरियम (मोहलत) देने की मंजूरी दे दी. कंपनी को सरकार का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया 87 हजार 695 करोड़ रुपये चुकाने के लिए 5 साल की मोहलत दी गई है. सरकार ने इन बकायों को फिलहाल फ्रीज कर दिया है. इसका मतलब हुआ है कि कंपनी को अभी 5 साल तक भुगतान नहीं करना होगा. एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू कंपनी की कुल कमाई का वह हिस्सा होता है जिस पर सरकार टेलीकाम कंपनियों से लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज (SUC) लेती है. 

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इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि वोडाफोन आइडिया को फिलहाल एजीआर बकाया का भुगतान नहीं करना होगा. यह बकाया वित्त वर्ष 2032 से वित्त वर्ष 2041 तक की 10 साल की अवधि में चुकाए जाएंगे. मोराटोरियम के दौरान (5 साल तक) इस राशि पर कोई ब्याज नहीं लगेगा. मोराटोरियम खत्म होने के बाद, बकाया राशि 6 से 10 किस्तों में चुकानी होगी. इससे कंपनी को तत्काल पैसे की दिक्कतों नहीं होगी. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि 31 दिसंबर तक फ्रीज किए गए AGR बकायों की टेलीकॉम विभाग समीक्षा करेगा.

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वोडाफोन आइडिया काफी सालों से वित्तीय दबाव से जूझ रही है. इस टेलीकाम कंपनी को सरकार का बकाया एजीआर मार्च 2026 से चुकाना शुरू करना था. कंपनी को हर साल 18,000 करोड़ रुपये बतौर एजीआर चुकाने थे. इसे लेकर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कंपनी ने कहा था कि अगर उसे एजीआर भुगतान से राहत नहीं मिली तो वह भारी वित्तीय संकट में फंस सकती है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि वोडाफोन आइडिया में सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, शायद इसलिए सरकार इस दूरसंचार कंपनी को डूबने से बचाना चाहती है. वोडाफोन आइडिया में सरकार की 49 पर्सेंट हिस्सेदारी है. देशभर में वोडाफोन आइडिया के करीब 19.8 करोड़ ग्राहक हैं. इस कंपनी में करीब 18 हजार लोग काम करते हैं. 

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